लखनऊ : उत्तर प्रदेश में बिजली विभाग की गलती का खामियाजा उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ रहा है. प्रचंड गर्मी में उपभोक्ता बिजली विभाग की घटिया सिस्टम की कार्यशैली से पसीने पसीने हो रहे हैं. दरअसल, बिजली का बिल जमा होने के बावजूद उपभोक्ताओं के कनेक्शन काट दिए जा रहे हैं. बिल जमा करने की जो ड्यू डेट है उससे पहले ही संयोजन विच्छेदित कर दिया जा रहा है. यही नहीं बिल चाहे एक महीने का हो और 1000 रुपये ही क्यूं न हो तब भी ड्यू डेट से पहले बिजली काट की जा रही है. बिजली विभाग के अधिकारियों का कहना है कि कनेक्शन कटने से पहले तीन बार उपभोक्ता को बिल जमा करने संबंधी मैसेज जाएंगे, लेकिन ऐसा भी कुछ नहीं हो रहा है.
उत्तर प्रदेश में इन दिनों प्रचंड गर्मी पड़ रही है. गर्मी में लोग बिलबिला रहे हैं. उपकेंद्रों पर अधिकारी फोन नहीं उठाते हैं. ऐसे में उपभोक्ता उपकेंद्र पर प्रदर्शन करने को भी मजबूर हो रहे हैं, फिर भी उनकी सुनवाई नहीं हो रही. बिजली विभाग की लापरवाही का खामियाजा भीषण गर्मी में उपभोक्ताओं को उठाना पड़ रहा है. विभागीय अधिकारियों की उदासीनता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उपभोक्ताओं का बिल जमा होने के बावजूद उनकी बत्ती काट दी जा रही है. यही नहीं बिलिंग की ड्यू डेट से पहले ही कनेक्शन काटा जा रहा है. बिल चाहे जितने का हो विभाग का सारा ध्यान कनेक्शन काटकर उपभोक्ताओं को परेशान करने में लगा है.
केस एक
सरोसा भरोसा बिजलीघर से पोषित पारा क्षेत्र की उपभोक्ता सावित्री वर्मा को बिजली विभाग की मनमानी ने परेशान करके रख दिया है. सावित्री बताती हैं कि उनके बिल जमा करने की तिथि 18 जून है, लेकिन कनेक्शन 13 जून की शाम को ही काट दिया गया. बिजली कटे होने की जानकारी उपकेंद्र से की तो पता चला चार हजार रुपये बिल बकाया है. इसलिए बिजली काटी गई है. इसके बाद सावित्री ने आननफानन ऑनलाइन पूरा बिल जमा कर दिया. इसके बाद भी बिजली आपूर्ति बहाल नहीं हुई तो फिर संपर्क किया. विभाग की तरफ से बताया गया बिल जमा ही नहीं हुआ है. बिल जमा होने की रसीद भेजी फिर भी लापरवाह अधिकारियों ने बिजली बहाल नहीं की.
इसके बाद सावित्री ने मध्यांचल कस्टमर केयर पर शिकायत दर्ज कराई, पूरा मामला बताया तो 1912 की तरफ से कनेक्शन चेक करके बताया गया कि बिजली का बिल पूरा जमा है. स्मार्ट मीटर में दिक्कत होने के चलते बिजली आपूर्ति बहाल नहीं हो सकी है. इसके बाद सावित्री वर्मा ने स्मार्ट मीटर हेल्पलाइन पर संपर्क किया तो यहां जवाब मिला कि आपका बिल पूरा जमा है, लेकिन स्मार्ट मीटर में कोई गड़बड़ी नहीं है. विभाग से ही संपर्क कर आपूर्ति दुरुस्त होगी. इसके बाद फिर उपभोक्ता ने उपकेंद्र पर संपर्क किया, लेकिन बिजली बहाल नहीं हो पाई. दूसरे दिन दोपहर दो बजे जब अधिकारियों को फिर से बताया तब एलएंडटी कंपनी की गलती मानते हुए लाइन चालू कराने की बात कही. 13 जून की शाम से गुल हुई बिजली बिना उपभोक्ता की गलती के 14 जून को दो बजे के बाद बहाल हो पाई.
केस 2
राजाजीपुरम के सपना कॉलोनी निवासी उपभोक्ता रोहित श्रीवास्तव का बिजली का बिल सिर्फ 1600 रुपये से कुछ ही ज्यादा था. ड्यू डेट भी सात दिन आगे की थी, लेकिन विभाग ने इतना ही बकाया होने पर उस डेट का भी इंतजार नहीं किया और बिजली गुल कर दी. रोहित श्रीवास्तव का कहना है कि बिजली विभाग इन दिनों तमाम उपभोक्ताओं के साथ ऐसा ही कर रहा है. पहले 10 हजार रुपये से ऊपर के बकायेदारों के कनेक्शन काटे जाते थे, लेकिन अब एक हजार रुपये बाकी होने पर भी कनेक्शन काट दिए जा रहे हैं. विभाग 330 रुपये बकाया वाले उपभोक्ता को भी रियायत नहीं दे रहे हैं. यह बिल्कुल सही नहीं है. रोहित का यह भी कहना है कि बिजली विभाग के अधिकारी दावा करते हैं कि कनेक्शन काटने से पहले तीन बार रिमाइंडर मैसेज आएगा, लेकिन ऐसा भी कुछ हो नहीं रहा है. सीधे बिजली काट दी जा रही है.
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