ETV Bharat / state

इस चुनाव में छोटे दलों की निकल पड़ी, बंपर जीत से बढ़ा कद...पढ़िए ये खबर

यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में इस बार छोटे दलों की किस्मत ही खुल गई. अपना दल एस, निषाद पार्टी और सुभासपा ने इस बार बेहतरीन प्रदर्शन किया है. चलिए जानते हैं इस बारे में.

इस चुनाव में छोटे दलों की निकल पड़ी, बंपर जीत से बढ़ा कद...पढ़िए ये खबर
इस चुनाव में छोटे दलों की निकल पड़ी, बंपर जीत से बढ़ा कद...पढ़िए ये खबर
author img

By

Published : Mar 12, 2022, 3:37 PM IST

लखनऊः यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में इस बार छोटे दलों की किस्मत ही खुल गई. अपना दल एस, निषाद पार्टी और सुभासपा ने 2017 की तुलना में इस बार अच्छा प्रदर्शन करते हुए न केवल वोट बैंक में इजाफा किया बल्कि सीटों में भी बढ़ोत्तरी की. यह चुनाव उनके लिए शुभ साबित हुआ.

सबसे पहले बात करते हैं इस चुनाव में प्रदेश की तीसरी पार्टी बने अपना दल एस की. 2017 के चुनाव में अपना दल एस ने बीजेपी के साथ मिलकर 11 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे. उनमें से नौ प्रत्याशी ही जीत दर्ज करने में कामयाब रहे थे. इस बार भी अपना दल एस ने बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था. अपना दल एस ने 12 सीटों पर जीत दर्ज की. इसके साथ ही यह पार्टी बसपा और कांग्रेस जैसे बड़े दलों से आगे निकलते हुए सीटों के मामले में भाजपा और सपा के बाद प्रदेश की तीसरी पार्टी बन गई.

इसके बाद नंबर आता है 2013 में अस्तित्व में आई निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल (निषाद) पार्टी का. 2017 में निषाद पार्टी ने पीस पार्टी से गठबंधन कर 72 सीटों पर चुनाव लड़ा था. तब उसे 5,40,539 वोट मिले थे. पार्टी से बाहुबली विजय मिश्रा ज्ञानपुर से चुनाव जीते थे। 2018 में गोरखपुर के लोकसभा उपचुनाव में निषाद पार्टी ने सपा से गठबंधन कर चुनाव लड़े थे. डॉ. संजय कुमार निषाद के बड़े बेटे प्रवीण कुमार जीते थे. 2019 के लोकसभा चुनाव में डॉ. संजय कुमार भाजपा के टिकट पर संतकबीरनगर सांसद बने थे. इस बार निषाद पार्टी ने बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ा. निषाद पार्टी को इस बार छह सीटों पर जीत मिली. यह पार्टी का अब तक का सबसे अच्छा प्रदर्शन है.

इसी तरह ओमप्रकाश राजभर की पार्टी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) ने भी इस बार बेहतरीन प्रदर्शन किया है. 2017 में एक ओर पार्टी ने जहां बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था तब उसे चार सीटों पर ही संतोष करना पड़ा था. 2022 का चुनाव सुभासपा ने सपा के साथ मिलकर लड़ा. इस बार सुभासपा की सीटें बढ़कर छह हो गईं हैं. इस बार सुभासपा का वोट बैंक भी बढ़ा है.

2017 में चौधरी अजीत सिंह की पार्टी राष्ट्रीय लोकदल ने एक सीट ही हासिल की थी. इस बार चौधरी अजीत सिंह के बेटे और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी ने सपा के साथ मिलकर पश्चिम उत्तर प्रदेश में चुनाव लड़ा. इसका नतीजा यह रहा कि उनकी पार्टी को आठ सीटें जीतने में सफलता मिल गई. रालोद सीटों के मामले में प्रदेश के चौथे नंबर की पार्टी बन गई है.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

लखनऊः यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में इस बार छोटे दलों की किस्मत ही खुल गई. अपना दल एस, निषाद पार्टी और सुभासपा ने 2017 की तुलना में इस बार अच्छा प्रदर्शन करते हुए न केवल वोट बैंक में इजाफा किया बल्कि सीटों में भी बढ़ोत्तरी की. यह चुनाव उनके लिए शुभ साबित हुआ.

सबसे पहले बात करते हैं इस चुनाव में प्रदेश की तीसरी पार्टी बने अपना दल एस की. 2017 के चुनाव में अपना दल एस ने बीजेपी के साथ मिलकर 11 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे. उनमें से नौ प्रत्याशी ही जीत दर्ज करने में कामयाब रहे थे. इस बार भी अपना दल एस ने बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था. अपना दल एस ने 12 सीटों पर जीत दर्ज की. इसके साथ ही यह पार्टी बसपा और कांग्रेस जैसे बड़े दलों से आगे निकलते हुए सीटों के मामले में भाजपा और सपा के बाद प्रदेश की तीसरी पार्टी बन गई.

इसके बाद नंबर आता है 2013 में अस्तित्व में आई निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल (निषाद) पार्टी का. 2017 में निषाद पार्टी ने पीस पार्टी से गठबंधन कर 72 सीटों पर चुनाव लड़ा था. तब उसे 5,40,539 वोट मिले थे. पार्टी से बाहुबली विजय मिश्रा ज्ञानपुर से चुनाव जीते थे। 2018 में गोरखपुर के लोकसभा उपचुनाव में निषाद पार्टी ने सपा से गठबंधन कर चुनाव लड़े थे. डॉ. संजय कुमार निषाद के बड़े बेटे प्रवीण कुमार जीते थे. 2019 के लोकसभा चुनाव में डॉ. संजय कुमार भाजपा के टिकट पर संतकबीरनगर सांसद बने थे. इस बार निषाद पार्टी ने बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ा. निषाद पार्टी को इस बार छह सीटों पर जीत मिली. यह पार्टी का अब तक का सबसे अच्छा प्रदर्शन है.

इसी तरह ओमप्रकाश राजभर की पार्टी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) ने भी इस बार बेहतरीन प्रदर्शन किया है. 2017 में एक ओर पार्टी ने जहां बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था तब उसे चार सीटों पर ही संतोष करना पड़ा था. 2022 का चुनाव सुभासपा ने सपा के साथ मिलकर लड़ा. इस बार सुभासपा की सीटें बढ़कर छह हो गईं हैं. इस बार सुभासपा का वोट बैंक भी बढ़ा है.

2017 में चौधरी अजीत सिंह की पार्टी राष्ट्रीय लोकदल ने एक सीट ही हासिल की थी. इस बार चौधरी अजीत सिंह के बेटे और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी ने सपा के साथ मिलकर पश्चिम उत्तर प्रदेश में चुनाव लड़ा. इसका नतीजा यह रहा कि उनकी पार्टी को आठ सीटें जीतने में सफलता मिल गई. रालोद सीटों के मामले में प्रदेश के चौथे नंबर की पार्टी बन गई है.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.