लखनऊ : भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के विशेष जज संदीप गुप्ता ने पशुधन घोटाला मामले में वांछित अभियुक्त उमेश मिश्रा की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी है. कोर्ट ने प्रथम दृष्टया अभियुक्त के अपराध को गंभीर करार दिया है.
जानिए क्या है पूरा मामला
सरकारी वकील प्रभा वैश्य के मुताबिक, उमेश मिश्रा सचिवालय में सहायक समीक्षा अधिकारी है. उन पर 25 हजार रुपये का इनाम भी घोषित है. इस मामले में ठगी की कुछ रकम अभियुक्त की पुत्री के एकाउंट में जमा कराए गए थे. 13 जून 2020 को पशुधन घोटाला मामले की एफआईआर इंदौर के व्यापारी मंजीत सिंह भाटिया उर्फ रिन्कू ने थाना हजरतंगज में दर्ज कराई थी. इस मामले में उमेश मिश्रा समेत 13 अभियुक्तों को नामजद किया गया था. अभियुक्तों पर कुटरचित दस्तोवजों व छद्म नाम से गेहूं, आटा, शक्कर व दाल आदि की सप्लाई का ठेका दिलवाने के नाम पर कुल 9 करोड़ 72 लाख 12 हजार रुपये की ठगी का आरोप है. इसी मामले में वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी अरविंद सेन यादव भी अभियुक्त है. वह 27 जनवरी को आत्मसमर्पण कर जेल चला गया था.
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टेंडर दिलाने के नाम पर लिए थे रुपये
अभियुक्तों ने वादी को टेंडर दिलाने के नाम पर उपरोक्त धनराशि ली थी. इसमें सचिवालय का सहायक समीक्षा अधिकारी उमेश मिश्रा भी शामिल था. कोर्ट ने उसकी अग्रिम जमानत अर्जी को खारिज करते हुए कहा कि उसके खिलाफ प्रथम दृष्टया पर्याप्त साक्ष्य हैं. साथ ही वह फरार चल रहा है. सर्वोच्च न्यायालय के दिशा-निर्देशों के मुताबिक फरार अभियुक्त को अग्रिम जमानत नहीं दी जानी चाहिए.