लखनऊ : उत्तर प्रदेश पुलिस के कांस्टेबल सिविल पुलिस और कांस्टेबल पीएसी सीधी भर्ती-वर्ष 2018 की लिखित परीक्षा में तीन छात्रों पर धांधली करने का आरोप है. जांच के बाद पुलिस भर्ती और प्रोन्नत बोर्ड ने लखनऊ की हुसैनगंज थाने में तीन अभ्यर्थियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है. इंस्पेक्टर हुसैनगंज के मुताबिक परीक्षा में तीन अभ्यर्थियों के स्थान पर दूसरे युवकों ने परीक्षा दी थी. साथ ही परीक्षा के समय अभ्यर्थी की ली गई फोटो मूल अभ्यर्थी की नहीं थी. शारीरिक दक्षता के समय लिया गया अंगूठे का निशान भी अलग पाया गया. पुलिस केस दर्ज कर मामले की जांच कर रही है.
यूपी पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नत बोर्ड के अध्यक्ष के मुताबिक आरक्षी नागरिक पुलिस और आरक्षी पीएसी सीधी भर्ती 2018 की इस सीधी भर्ती परीक्षा में प्रमोद यादव, अजय यादव और शैलेश चौरसिया शामिल हुए थे. गोरखपुर में आयोजित शारीरिक मानक परीक्षा में पत्रावलियां न मिलने पर बोर्ड ने कमेटी गठित कर तीनों अभ्यर्थियों की जांच कराई. जांच में तीनों ने स्वीकार किया कि लिखित परीक्षा के दौरान ली गई फोटो, जो अभिलेखों में है, वह उनकी नहीं है. साथ ही दोनों ने कई और राज उगले हैं.
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इंस्पेक्टर के मुताबिक अभ्यर्थी अजय यादव और शैलेश चौरसिया की लिखित परीक्षा में दोनों अभ्यर्थियों के स्थान पर कोई दूसरा शख्स परीक्षा में बैठा था. इस बात की भी पुष्टि हुई कि दोनों अभ्यर्थियों की लिखित परीक्षा में शामिल होने वाले शख्स की फोटो और अंगूठे का निशान एक ही है. जांच रिपोर्ट के आधार पर ही उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड की अनुसचिव रश्मि रानी ने गुरुवार को हुसैनगंज पुलिस को तहरीर दी थी. इस पर ही पुलिस ने प्रमोद यादव, देवरिया के अजय यादव और शैलेश चौरसिया के खिलाफ धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश और सार्वजनिक परीक्षा अधिनियम की रिपोर्ट दर्ज की है. इंस्पेक्टर हुसैनगंज का कहना है पूरे मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है. जल्द ही आरोपियों की गिरफ्तारी की जाएगी.