लखनऊ: राजकीय इंटर कॉलेज और राजकीय बालिका इंटर कॉलेज के प्रवक्ता पद के लिए चयनित अभ्यर्थियों ने मंगलवार को राजधानी लखनऊ के माध्यमिक शिक्षा निदेशालय परिसर में धरना दिया. ये अभ्यर्थी चयन होने के 9 महीने बाद भी नियुक्ति नहीं मिलने से नाराज थे. उन्होंने बताया कि इस चयन प्रक्रिया के 5 वर्ष बीत जाने के बाद भी नियुक्ति नहीं दी जा रही है. हर बार अधिकारियों द्वारा जल्द भर्ती का आश्वासन दिया जा रहा है, लेकिन अब तक बेरोजगार है, जिससे कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
5 साल बाद भी नहीं पूरी हो सकी भर्ती प्रक्रिया
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने वर्ष 2014-15 में कई विषयों की भर्तियां निकाली थीं. फरवरी 2020 में चयन प्रक्रिया का अंतिम परिणाम घोषित होने के बाद भी चयनित अभ्यर्थियों को अब तक नियुक्ति पत्र नहीं मिल सके हैं. 9 महीने बीत जाने के बाद भी नौकरी न मिलने से नाराज अभ्यर्थियों ने माध्यमिक शिक्षा निदेशालय परिसर में प्रदर्शन कर जल्द से जल्द नियुक्ति पत्र देने की मांग की.
रिजल्ट घोषित होने के 9 महीने बाद भी नहीं मिली नियुक्ति
अभ्यर्थी अनिल कुमार, राम वचन यादव, सत्येंद्र कुमार त्रिपाठी, विनय वर्मा ने कहा कि, अंतिम परिणाम घोषित होने के बाद करीब एक माह में नियुक्ति प्रक्रिया पूरी कर ली जाती है, लेकिन 9 महीने का लंबा समय बीत जाने के बाद चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति नहीं दी गई है. कई बार इस बारे में निदेशक माध्यमिक शिक्षा विभाग को ज्ञापन भी दिया जा चुका है, लेकिन हर बार चार से पांच दिन में नियुक्ति होने का आश्वासन दे दिया जाता है. बावजूद इसके अब तक नियुक्ति पत्र जारी नहीं किया जा सका है. चयनित अभ्यर्थियों ने कहा कि नियुक्ति पत्र ना मिलने से सभी अभ्यर्थी मानसिक तनाव में हैं. उन्होंने सीएम योगी आदित्यनाथ से जीआईसी और जीजीआईसी प्रवक्ता भर्ती प्रक्रिया के मामले का संज्ञान लेकर तत्काल नियुक्ति पत्र जारी कराने की मांग की.
यह है पूरा मामला
अभ्यर्थियों का आरोप है कि लोक सेवा आयोग की ओर से 17 मार्च 2015 को शिक्षा विभाग में प्रवक्ता वर्ग में विभिन्न विषयों में रिक्तियां निकाली गई थी, जिसकी परीक्षा सितंबर 2015 में हुई थी. करीब साढे़ चार साल बाद आयोग ने इंटरव्यू कराया. इसके बाद फरवरी 2020 में चयन प्रक्रिया का अंतिम परिणाम आयोग की ओर से घोषित किया गया.