लखनऊ: राजधानी के गोमती नदी के किनारे बनने वाले फोरलेन ग्रीन कॉरिडोर निर्माण के लिए अमेरिकी कंपनी आगे आई है. वैसे इस 23 किमी लंबे ग्रीन कॉरिडोर को बनाने को लेकर कई जानी-मानी विदेशी कंपनियों की तरफ से भी पेशकश की जा रही है लेकिन, लखनऊ विकास प्राधिकरण में शनिवार को आयोजित प्रीबिड में अमेरिका की प्रसिद्ध कंपनी एर्नस्ट एंड यंग ने हिस्सा लिया. कंपनी राजधानी लखनऊ के बड़े ग्रीन कॉरिडोर के प्रोजेक्ट को बनाने के लिए तैयार है और इसका डीपीआर भी तैयार करने की बात कह रही है.
बैठक में लिया हिस्सा
एलडीए में शनिवार को ग्रीन कॉरिडोर प्रोजेक्ट निर्माण को लेकर एक बैठक हुई. इस बैठक में लखनऊ विकास प्राधिकरण के सचिव पवन कुमार गंगवार, मुख्य अभियंता इंदु शेखर सिंह और मुख्य नगर नियोजक नितिन मित्तल सहित कई अधिकारी शामिल हुए. जानकारी के अनुसार इस महत्वपूर्ण बैठक में अमेरिका की कंपनी और विश्व की टॉप 5 कंपनियों में शामिल एर्नस्ट एंड यंग कंपनी ने ग्रीन कॉरिडोर बनाए जाने को लेकर रुचि दिखाई है. कंपनी ने इस परियोजना से संबंधित सभी जानकारी एलडीए के अधिकारियों से ली है.
23 किमी लंबे ग्रीन कॉरीडोर का होना है निर्माण
राजधानी लखनऊ में गोमती नदी के किनारे 23 किलोमीटर लंबे ग्रीन कॉरिडोर प्रोजेक्ट को लेकर डीपीआर तैयार करने की कवायद शुरू हो गई है. लखनऊ विकास प्राधिकरण ने इसके लिए टेंडर भी मांगा था, जिसको लेकर शनिवार को इससे संबंधित एक महत्वपूर्ण बैठक भी हुई, जिसमें कई कंपनियों ने हिस्सा लिया. सबसे ज्यादा रुचि इस बैठक में अमेरिका की कंपनी की तरफ से दिखाई गई है.
यह कंपनियां भी आईं
ग्रीन कॉरिडोर निर्माण को लेकर शनिवार को हुई बैठक में और जो कंपनियां शामिल हुई. उनमें स्काईलाइन, टाटा कंसलटिंग इंजिनियर्स, डिजाइन पॉइंट कंपनी ने भी रुचि दिखाई है. अफसरों के अनुसार अगले सप्ताह तक यह सभी कंपनियां अपना अपना टेंडर जमा कर देंगी. इसके बाद लखनऊ विकास प्राधिकरण इनमें से योग्य किसी एक कंपनी का चयन करेगा और इसके बाद निर्माण कार्य को लेकर आगे की तैयारी की जाएगी. लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अभिषेक प्रकाश ने पिछले दिनों ग्रीन कॉरिडोर के काम को तेज करने को लेकर बैठक की थी.
योग्य कम्पनी को मिलेगा टेंडर
लखनऊ विकास प्राधिकरण के मुख्य अभियंता इंदु शेखर सिंह ने ईटीवी भारत को फोन पर बताया कि ग्रीन कॉरिडोर जैसे महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट के लिए कई बड़ी और मल्टीनेशनल कंपनियों ने रुचि दिखाई है. अगले हफ्ते तक टेंडर प्रक्रिया पूरी हो जाएगी और आगे की कार्रवाई की जाएगी. मुख्य अभियंता के मुताबिक अभी कंसल्टेंट के तौर पर कंपनियों का चयन किया जा रहा है. जिस कंपनी को परियोजना के लिए चयनित किया जाएगा वही कंपनी इसका डीपीआर भी तैयार कराएगी. इसके लिए विस्तृत सर्वे भी कराया जाएगा. डीपीआर आने के बाद इस ग्रीन कॉरिडोर परियोजना पर काम शुरू होगा. फिलहाल इस पूरे काम में अभी शुरुआती चरण में ही 6 महीने का समय लग सकता है.