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प्रशासन ने मानी मांगें, हड़ताल खत्म कर काम पर लौटे एंबुलेंस कर्मचारी

15 दिनों से लगातार धरना-प्रदर्शन कर रहे एंबुलेंस कर्मचारियों की मांगे प्रशासन ने मांग ली हैं. मांगें पूरी होने के बाद एंबुलेंस कर्मचारी हड़ताल खत्म करके काम पर लौटने की घोषणा की.

एंबुलेंस कर्मचारियों की हड़ताल खत्म
एंबुलेंस कर्मचारियों की हड़ताल खत्म
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Published : Aug 6, 2021, 10:37 PM IST

Updated : Aug 6, 2021, 11:00 PM IST

लखनऊः एंबुलेंस सेवा एएलएस 108 और 102 के कर्मचारियों की जायज मांगों को शुक्रवार को मान लिया गया है. जिन कर्मचारियों को नौकरी से निकाला गया था, उन्हें दोबारा रखने की बात पर कर्मचारी प्रदर्शन से हट गए हैं. इसमें एंबुलेंस सेवा 108 व 102 के कर्मचारी शामिल थे जिन्हें कुछ समय पहले नौकरी से निकाल दिया गया था. जिसको लेकर एंबुलेंस सेवा एएलएस 108 और 102 के कर्मचारी अन्य जनपदों समेत इको गार्डन में बीते 15 दिनों से धरना-प्रदर्शन कर रहे रहे थे.

लगातार 15 दिन से चल रहे अनिश्चितकालीन धरने में जीवनदायिनी प्रदेश कमेटी और जिला अध्यक्ष और मंडल अध्यक्षों की सहमति और मौजूदगी में भारतीय मजदूर संघ अमर रहे, देश के हित में करेंगे काम. काम के लेंगे पूरे दाम, कर्मचारी एकता जिंदाबाद और भारतीय मजदूर संघ जिंदाबाद के नारों के लगाते हुए धरना समाप्ति की घोषणा की गई. कर्मचारियों की मांग पूरी होने से धरना स्थल से सभी कर्मचारी आपस में गले लगकर अपने-अपने घर को वापस चले गए.

मीडिया प्रभारी शादाब खान ने बताया कि सभी कर्मचारियों को समस्याएं अनेकों थी. सभी कर्मचारी मानसिक तौर पर प्रताड़ित हो रहे थे. वर्ष 2019 के श्रम विभाग में जीवीके ईएमआरआई कर्मचारियों और जीवनदायिनी एंबुलेंस संघ के बीच श्रम आयुक्त की मौजूदगी में एक समझौता हुआ था जो कि कंपनी के द्वारा श्रम कानूनों की अनदेखी समझौते का उल्लंघन करते हुए कर्मचारियों का शोषण निरंतर किया गया. इसके बाद अपर मुख्य सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य परिवार कल्याण के द्वारा श्रम आयुक्त लखनऊ को सेवा प्रदाता कंपनी और जीवनदायिनी संगठन के चल रहे विवाद को समाप्त करवाने के लिए कमेटी के गठन के बारे कहा गया था. लेकिन उस पर भी प्रशासन के द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई. जिसके कारण कर्मचारियों में काफी आक्रोश था. कंपनियों के द्वारा अवैध वसूली पैसा मांगना और नई कंपनी के द्वारा समायोजन न करना, कर्मचारियों को नौकरी से निकाल देने के कारण धरना शुरू हुआ था. लेकिन देश और समाज हित को देखते हुए भारतीय मजदूर संघ ने संज्ञान लेते हुए सरकार के समक्ष कर्मचारियों की पीड़ा को रखा. उसके बाद श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य, अपार प्रमुख सचिव सुरेश चंद्रा को निर्देशित करते हुए भारतीय मजदूर संघ की अगुवाई में धरने को समाप्त करवाने बारे में कहा. उन्होंने कहा कर्मचारियों की जायज मांगों के बारे में कंपनी को पत्र लिखकर निर्देशित करें.

इसे भी पढ़ें-एंबुलेंस कर्मियों का धरना : शुक्रवार को 3500 और कर्मी बर्खास्त, शनिवार से शुरू हो रही नई भर्ती

इस मौके पर भारतीय मजदूर संघ के प्रदेश महामंत्री अनिल उपाध्याय, अपर श्रमायुक्त बीके राय, दिनेश कुमार कौशिक, प्रदेश कमेटी मेंबर महामंत्री बृजेश कुमार, कोषाध्यक्ष सुशील पांडे, राघवेंद्र तिवारी, नितेश यादव,विनय तिवारी, अभिषेक मिश्रा जयंकर मिश्रा, सतेंद्र यादव, गिरिजेश कुमार शरद यादव प्रदेश संगठन मंत्री महेंद्र सिंह तोमर शामिल रहें.

लखनऊः एंबुलेंस सेवा एएलएस 108 और 102 के कर्मचारियों की जायज मांगों को शुक्रवार को मान लिया गया है. जिन कर्मचारियों को नौकरी से निकाला गया था, उन्हें दोबारा रखने की बात पर कर्मचारी प्रदर्शन से हट गए हैं. इसमें एंबुलेंस सेवा 108 व 102 के कर्मचारी शामिल थे जिन्हें कुछ समय पहले नौकरी से निकाल दिया गया था. जिसको लेकर एंबुलेंस सेवा एएलएस 108 और 102 के कर्मचारी अन्य जनपदों समेत इको गार्डन में बीते 15 दिनों से धरना-प्रदर्शन कर रहे रहे थे.

लगातार 15 दिन से चल रहे अनिश्चितकालीन धरने में जीवनदायिनी प्रदेश कमेटी और जिला अध्यक्ष और मंडल अध्यक्षों की सहमति और मौजूदगी में भारतीय मजदूर संघ अमर रहे, देश के हित में करेंगे काम. काम के लेंगे पूरे दाम, कर्मचारी एकता जिंदाबाद और भारतीय मजदूर संघ जिंदाबाद के नारों के लगाते हुए धरना समाप्ति की घोषणा की गई. कर्मचारियों की मांग पूरी होने से धरना स्थल से सभी कर्मचारी आपस में गले लगकर अपने-अपने घर को वापस चले गए.

मीडिया प्रभारी शादाब खान ने बताया कि सभी कर्मचारियों को समस्याएं अनेकों थी. सभी कर्मचारी मानसिक तौर पर प्रताड़ित हो रहे थे. वर्ष 2019 के श्रम विभाग में जीवीके ईएमआरआई कर्मचारियों और जीवनदायिनी एंबुलेंस संघ के बीच श्रम आयुक्त की मौजूदगी में एक समझौता हुआ था जो कि कंपनी के द्वारा श्रम कानूनों की अनदेखी समझौते का उल्लंघन करते हुए कर्मचारियों का शोषण निरंतर किया गया. इसके बाद अपर मुख्य सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य परिवार कल्याण के द्वारा श्रम आयुक्त लखनऊ को सेवा प्रदाता कंपनी और जीवनदायिनी संगठन के चल रहे विवाद को समाप्त करवाने के लिए कमेटी के गठन के बारे कहा गया था. लेकिन उस पर भी प्रशासन के द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई. जिसके कारण कर्मचारियों में काफी आक्रोश था. कंपनियों के द्वारा अवैध वसूली पैसा मांगना और नई कंपनी के द्वारा समायोजन न करना, कर्मचारियों को नौकरी से निकाल देने के कारण धरना शुरू हुआ था. लेकिन देश और समाज हित को देखते हुए भारतीय मजदूर संघ ने संज्ञान लेते हुए सरकार के समक्ष कर्मचारियों की पीड़ा को रखा. उसके बाद श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य, अपार प्रमुख सचिव सुरेश चंद्रा को निर्देशित करते हुए भारतीय मजदूर संघ की अगुवाई में धरने को समाप्त करवाने बारे में कहा. उन्होंने कहा कर्मचारियों की जायज मांगों के बारे में कंपनी को पत्र लिखकर निर्देशित करें.

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इस मौके पर भारतीय मजदूर संघ के प्रदेश महामंत्री अनिल उपाध्याय, अपर श्रमायुक्त बीके राय, दिनेश कुमार कौशिक, प्रदेश कमेटी मेंबर महामंत्री बृजेश कुमार, कोषाध्यक्ष सुशील पांडे, राघवेंद्र तिवारी, नितेश यादव,विनय तिवारी, अभिषेक मिश्रा जयंकर मिश्रा, सतेंद्र यादव, गिरिजेश कुमार शरद यादव प्रदेश संगठन मंत्री महेंद्र सिंह तोमर शामिल रहें.

Last Updated : Aug 6, 2021, 11:00 PM IST
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