लखनऊ: राजधानी में एंबुलेंस कर्मचारियों की हड़ताल बीते कुछ दिनों से चल रही है. इस कारण मरीजों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है. शनिवार को देर से एंबुलेंस पहुंचने की वजह से एक गर्भवती महिला की जान संकट में पड़ गई. महिला का प्रसव एंबुलेंस में ही हो गया. इसके बाद आनन-फानन में उसको लोहिया अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन जच्चा-बच्चा को भर्ती करने में अस्पताल प्रशासन आनाकानी करता रहा. काफी देर बाद महिला को अस्पताल में भर्ती किया गया. अब जच्चा-बच्चा की हालत स्थित है.
बाराबंकी की सुंदर नगर निवासी गर्भवती सुलेखा तिवारी स्थानीय अस्पताल में इलाज करा रहीं थीं. शनिवार को प्रसव पीड़ा हुई तो परिजन उनको लेकर अस्पताल पहुंचे. यहां डॉक्टरों ने हालत गंभीर बताकर लोहिया संस्थान ले जाने की सलाह दी. इसके बाद एंबुलेंस के लिए 102 पर फोन किया गया. आरोप है कि आधे घंटे बाद भी एंबुलेंस नहीं आई. लंबी जद्दोजहद के बाद गर्भवती को एंबुलेंस मिली. करीब 12 बजे परिजन लोहिया संस्थान के पास पहुंचे. इसी दौरान महिला को प्रसव हो गया.
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किसी तरह एंबुलेंस से प्रसूता और शिशु को लेकर परिजन लोहिया अस्पताल की इमरजेंसी पहुंचे. पति संजय तिवारी के मुताबिक, शुरू में इमरजेंसी में मरीज को भर्ती करने से इनकार कर दिया गया. कहा गया कि प्रसूता की हालत गंभीर है, उसे क्वीनमेरी लें जाएं. डॉक्टरों से गुजारिश करने के बाद जच्चा-बच्चा को भर्ती किया गया. डॉक्टरों ने महिला में खून की कमी बताई. इसके बाद एक यूनिट खून चढ़ाया गया. फिलहाल, दोनों की हालत खतरे से बाहर है. डॉक्टरों का कहना है कि परिजनों ने मरीज को अस्पताल लाने में देरी कर दी, इसकी वजह से एंबुलेंस में प्रसव हुआ.