ETV Bharat / state

लखनऊ: एकमुश्त समाधान योजना पर कुंडली मारकर बैठे बाबू, आवंटी परेशान

author img

By

Published : Sep 12, 2020, 8:03 PM IST

राजधानी लखनऊ में ग्राहकों के लिए चलाई गई एकमुश्त समाधान योजना से जुड़ी फाइलों का कार्य अब तक पूरा नहीं किया गया है. शासनादेश के तहत उन फाइलों को 60 दिनों के अंदर पूराकर उस पर रिपोर्ट लगानी होती है, लेकिन अधिक समय बीत जाने के बाद भी कार्य अधूरा है.

लखनऊ विकास प्राधिकरण.
लखनऊ विकास प्राधिकरण.

लखनऊ: लखनऊ विकास प्राधिकरण में समस्याओं का एक तरह से अंबार लगा हुआ है. हर जगह आवंटी ही परेशान किए जा रहे हैं. बड़ी बात तो यह है कि उच्च अधिकारियों के संज्ञान में होते हुए भी कार्रवाई नहीं की जा रही. यही हाल राजधानी में ग्राहकों के लिए चलाई गई एकमुश्त समाधान योजना से जुड़ी फाइलों का भी है. लखनऊ विकास प्राधिकरण के बाबू और कर्मचारी उन फाइलों पर आंख बंद कर बैठ गए हैं. शासनादेश के तहत उन फाइलों को 60 दिनों के अंदर पूरा कर उस पर रिपोर्ट लगानी होती है, लेकिन अधिक समय बीत जाने के बाद भी कार्य अधूरा है.

अब देखने वाली बात यह होगी कि मामले के संज्ञान में आने के बाद राजधानी के उच्च अधिकारी या सचिव संबंधित कर्मचारियों पर क्या कार्रवाई होती है. हालांकि आवंटियों ने अपनी समस्या के निस्तारण के लिए उच्च अधिकारियों को प्रार्थना पत्र के माध्यम से अवगत कराया है.

सचिव की बैठक में हुआ मामले का खुलासा

इस मामले का खुलासा तब हुआ, जब सचिव मंगला प्रसाद सिंह की बैठक चल रही थी. एलडीए में संपत्ति आवंटन के बाद पैसा जमा करने में जो डिफाल्टर हैं, आवंटन की संख्या 4103 में से एक तिहाई ही लोगों ने अभी ओटीएस का लाभ लेकर अपनी रजिस्ट्री कराने के लिए आवेदन किया है. ओटीएस में बिना दंड शुल्क के बकाया पैसा जमा होना है. बकाया पर केवल सामान्य ब्याज ही लखनऊ विकास प्राधिकरण लेगा. इसके बाद आवंटियों को लखनऊ विकास प्राधिकरण की तरफ से दिए गए फ्लैट की रजिस्ट्री आसानी से कराई जा सकेगी.

लखनऊ: लखनऊ विकास प्राधिकरण में समस्याओं का एक तरह से अंबार लगा हुआ है. हर जगह आवंटी ही परेशान किए जा रहे हैं. बड़ी बात तो यह है कि उच्च अधिकारियों के संज्ञान में होते हुए भी कार्रवाई नहीं की जा रही. यही हाल राजधानी में ग्राहकों के लिए चलाई गई एकमुश्त समाधान योजना से जुड़ी फाइलों का भी है. लखनऊ विकास प्राधिकरण के बाबू और कर्मचारी उन फाइलों पर आंख बंद कर बैठ गए हैं. शासनादेश के तहत उन फाइलों को 60 दिनों के अंदर पूरा कर उस पर रिपोर्ट लगानी होती है, लेकिन अधिक समय बीत जाने के बाद भी कार्य अधूरा है.

अब देखने वाली बात यह होगी कि मामले के संज्ञान में आने के बाद राजधानी के उच्च अधिकारी या सचिव संबंधित कर्मचारियों पर क्या कार्रवाई होती है. हालांकि आवंटियों ने अपनी समस्या के निस्तारण के लिए उच्च अधिकारियों को प्रार्थना पत्र के माध्यम से अवगत कराया है.

सचिव की बैठक में हुआ मामले का खुलासा

इस मामले का खुलासा तब हुआ, जब सचिव मंगला प्रसाद सिंह की बैठक चल रही थी. एलडीए में संपत्ति आवंटन के बाद पैसा जमा करने में जो डिफाल्टर हैं, आवंटन की संख्या 4103 में से एक तिहाई ही लोगों ने अभी ओटीएस का लाभ लेकर अपनी रजिस्ट्री कराने के लिए आवेदन किया है. ओटीएस में बिना दंड शुल्क के बकाया पैसा जमा होना है. बकाया पर केवल सामान्य ब्याज ही लखनऊ विकास प्राधिकरण लेगा. इसके बाद आवंटियों को लखनऊ विकास प्राधिकरण की तरफ से दिए गए फ्लैट की रजिस्ट्री आसानी से कराई जा सकेगी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.