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UP Election 2022 : ...तो इस वजह से अटका है सपा और रालोद के बीच गठबंधन - alliance between Samajwadi Party and Rashtriya Lok Dal

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election 2022) के लिए समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) और राष्ट्रीय लोक दल (Rashtriya Lok Dal) के बीच गठबंधन पर अभी तक बात नहीं बन पायी है. हालांकि अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) और जयंत चौधरी (Jayant Choudhary) के बीच मुलाकात का दौर जारी है. लेकिन, गठबंधन पर गतिरोध खत्म नहीं हो पाया है. यहां पढ़िए कि दोनों दलों के बीच किस बात पर मामला अटका है.

UP Election 2022
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Published : Nov 23, 2021, 5:16 PM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election 2022) के लिए इन दिनों पार्टियां गठबंधन करने में मशरूफ हैं. कुछ दलों के बीच गठबंधन हो चुके हैं तो कुछ के बीच सहमति नहीं बन पाने की वजह से गठबंधन की बात अटकी है. समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) और राष्ट्रीय लोक दल (Rashtriya Lok Dal) के बीच गठबंधन की बात अभी अटकी हुई है. दोनों के बीच सीटों को लेकर बात नहीं बन पा रही है. राष्ट्रीय लोक दल के विश्वस्त सूत्र बताते हैं कि पार्टी की तरफ से समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) को 62 सीटों की सूची भेजी गयी है. सूत्र यह भी बताते हैं कि अखिलेश यादव 33 सीट देने के लिए तैयार हैं और रालोद के नेता इतनी सीटों पर मानने के लिए तैयार नहीं हैं. यही वजह है कि दोनों दलों के बीच गठबंधन पर मुहर नहीं लग पा रही है.

राष्ट्रीय लोक दल और समाजवादी पार्टी के गठबंधन पर पहले तो 21 नवंबर को ही मुहर लगनी थी. बताया जा रहा था कि अखिलेश यादव और चौधरी जयंत सिंह संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे और इनमें सीटों पर सहमति बन जाएगी. लेकिन, ऐसा कुछ भी नहीं हुआ. दरअसल चौधरी जयंत सिंह अपना फायदा देख रहे हैं. लिहाजा, वे अन्य नेताओं से भी मुलाकात कर रहे हैं. अखिलेश से ज्यादा से ज्यादा सीटें जयंत हासिल कर सकें इसीलिए उन्होंने पिछले दिनों कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी से भी मुलाकात की थी. ऐसे में कयास लगाये जा रहे हैं कि यदि रालोद की समाजवादी पार्टी के साथ बात नहीं बनती है तो विकल्प के रूप में कांग्रेस को भी तवज्जो दिया जा सकता है. हालांकि जयंत चौधरी ने सपा के साथ ही गठबंधन करने की बात कही थी और कांग्रेस को सिरे से नकार दिया था. लेकिन, अभी तक सपा और रालोद के बीच सीटों का बंटवारा नहीं हो पाया है और कोई बात नहीं बनी है. लिहाजा, राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि चौधरी जयंत सिंह अभी सपा के अलावा अन्य विकल्पों की तरफ भी देख रहे हैं. रालोद के नेता खुलकर यह तो नहीं बताते हैं कि कितनी सीटों की मांग रालोद की तरफ से की गयी है, लेकिन ऑफ द रिकॉर्ड वह स्वीकार करते हैं कि 62 सीटें राष्ट्रीय लोक दल की तरफ से मांगी गयी हैं और समाजवादी पार्टी 33 सीटें देने पर राजी भी हो गयी है.

इसे भी पढ़ें - UP Election 2022 : अखिलेश यादव के घर पहुंचे जयंत चौधरी, सीटों के बंटवारे पर हो सकता है ऐलान

विश्वस्त सूत्र यह भी बताते हैं कि चौधरी जयंत सिंह का टारगेट है कि अगर 62 सीटें अखिलेश उन्हें नहीं देते हैं तो कम से कम 40 से 45 सीटें चाहिए ही चाहिए. इससे कम पर समझौते पर ग्रहण भी लग सकता है. सूत्र यह भी बताते हैं कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया, तबसे जयंत चौधरी का रुख भारतीय जनता पार्टी की तरफ भी मुड़ गया है. ऐसे में कोई आश्चर्यचकित करने वाली बात नहीं होगी कि हैंडपंप कमल को सींचता हुआ नज़र आये.

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लखनऊ : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election 2022) के लिए इन दिनों पार्टियां गठबंधन करने में मशरूफ हैं. कुछ दलों के बीच गठबंधन हो चुके हैं तो कुछ के बीच सहमति नहीं बन पाने की वजह से गठबंधन की बात अटकी है. समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) और राष्ट्रीय लोक दल (Rashtriya Lok Dal) के बीच गठबंधन की बात अभी अटकी हुई है. दोनों के बीच सीटों को लेकर बात नहीं बन पा रही है. राष्ट्रीय लोक दल के विश्वस्त सूत्र बताते हैं कि पार्टी की तरफ से समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) को 62 सीटों की सूची भेजी गयी है. सूत्र यह भी बताते हैं कि अखिलेश यादव 33 सीट देने के लिए तैयार हैं और रालोद के नेता इतनी सीटों पर मानने के लिए तैयार नहीं हैं. यही वजह है कि दोनों दलों के बीच गठबंधन पर मुहर नहीं लग पा रही है.

राष्ट्रीय लोक दल और समाजवादी पार्टी के गठबंधन पर पहले तो 21 नवंबर को ही मुहर लगनी थी. बताया जा रहा था कि अखिलेश यादव और चौधरी जयंत सिंह संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे और इनमें सीटों पर सहमति बन जाएगी. लेकिन, ऐसा कुछ भी नहीं हुआ. दरअसल चौधरी जयंत सिंह अपना फायदा देख रहे हैं. लिहाजा, वे अन्य नेताओं से भी मुलाकात कर रहे हैं. अखिलेश से ज्यादा से ज्यादा सीटें जयंत हासिल कर सकें इसीलिए उन्होंने पिछले दिनों कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी से भी मुलाकात की थी. ऐसे में कयास लगाये जा रहे हैं कि यदि रालोद की समाजवादी पार्टी के साथ बात नहीं बनती है तो विकल्प के रूप में कांग्रेस को भी तवज्जो दिया जा सकता है. हालांकि जयंत चौधरी ने सपा के साथ ही गठबंधन करने की बात कही थी और कांग्रेस को सिरे से नकार दिया था. लेकिन, अभी तक सपा और रालोद के बीच सीटों का बंटवारा नहीं हो पाया है और कोई बात नहीं बनी है. लिहाजा, राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि चौधरी जयंत सिंह अभी सपा के अलावा अन्य विकल्पों की तरफ भी देख रहे हैं. रालोद के नेता खुलकर यह तो नहीं बताते हैं कि कितनी सीटों की मांग रालोद की तरफ से की गयी है, लेकिन ऑफ द रिकॉर्ड वह स्वीकार करते हैं कि 62 सीटें राष्ट्रीय लोक दल की तरफ से मांगी गयी हैं और समाजवादी पार्टी 33 सीटें देने पर राजी भी हो गयी है.

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विश्वस्त सूत्र यह भी बताते हैं कि चौधरी जयंत सिंह का टारगेट है कि अगर 62 सीटें अखिलेश उन्हें नहीं देते हैं तो कम से कम 40 से 45 सीटें चाहिए ही चाहिए. इससे कम पर समझौते पर ग्रहण भी लग सकता है. सूत्र यह भी बताते हैं कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया, तबसे जयंत चौधरी का रुख भारतीय जनता पार्टी की तरफ भी मुड़ गया है. ऐसे में कोई आश्चर्यचकित करने वाली बात नहीं होगी कि हैंडपंप कमल को सींचता हुआ नज़र आये.

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