लखनऊ: लविवि की पीजी परीक्षा परिणाम में गड़बड़ी का मामला गर्माता जा रहा है. अब थर्ड मेरिट लिस्ट जारी होने के बाद भी छात्र विवि प्रशासन पर धांधली का आरोप लगा रहे हैं. वहीं विश्वविद्यालय के जिम्मेदारों का स्पष्ट कहना है कि जो भी गड़बड़ी थीं, उन्हें दूर किया जा चुका है. अब परिणाम में किसी भी तरह के बदलाव की कोई भी गुंजाइश नहीं है.
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने बताया कि पांच सदस्यीय कमेटी ने जो परिणाम घोषित किए हैं. वह पूरी तरह से सही हैं. इनमें अब कोई कमी नहीं है. हालांकि जो पिछले दिनों परिणाम घोषित किए गए थे. उनमें जरूर कुछ दिक्कतें थी. कुछ कुंजी गलत अपलोड हो गई थीं, लेकिन इस बार कोई भी गड़बड़ी नहीं हुई है. प्रो. राय ने कहा कि कैंपस में छात्रों के किसी भी आंदोलन को रोकना पुलिस की जिम्मेदारी होगी.
प्रोफेसर को बचाने का आरोप
विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि पीजी मेरिट लिस्ट को लेकर जो भी छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं. वह सिर्फ एक छात्रनेता का विश्वविद्यालय में दाखिला न मिलने की वजह से किया जा रहा है, जबकि प्रदर्शनकारी छात्रों का आरोप है कि लिस्ट में गड़बड़ी हुई है. इसमें एक प्रोफेसर को बचाने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन लगा हुआ है.
बीएड की अंतिम चरण की काउंसलिंग शुरू
लखनऊ समेत प्रदेश के बीएड कॉलेजों में दाखिले के लिए अंतिम चरण शुरू हो गया है. इस चरण में प्रथम से लेकर अंतिम रैंक तक के सभी अभ्यर्थी भाग ले सकते हैं. बीएड की राज्य समन्वयक प्रो. अमिता बाजपेई ने बताया कि शुक्रवार को तीसरे चरण की काउंसलिंग पूरी हो गई है. इस काउंसलिंग में कुल 29,947 अभ्यर्थियों ने भाग लिया था, जिनमें से 26,507 अभ्यर्थियों को बीएड काॅलेजों में सीट आवंटित हुई है. उन्होंने बताया कि सामान्य श्रेणी की 25,239 अनुसूचितजाति जनजाति की 30, अन्य राज्यों के 801 व आर्थिक रुप से पिछडा वर्ग के 437 अभ्यर्थी शामिल हैं.