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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने परिवहन निगम के एमडी और डीसीपी ट्रैफिक को किया तलब, ये है वजह - Uttar Pradesh State Road Transport Corporation

शुक्रवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच (Allahabad High Court summoned UPSRTC MD) ने कोर्ट परिसर के आसपास लगने वाले जाम के कारण यूपी राज्य सड़क परिवहन निगम के एमडी और डीएसपी ट्रैफिक को तलब किया.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 7, 2023, 6:43 AM IST

लखनऊ: इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच (Allahabad High Court Lucknow Bench) ने गोमती नगर स्थित कोर्ट परिसर के आसपास लगने वाले जाम के कारण अधिवक्ताओं और आम वादकारियों को आ रही समस्या को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर संज्ञान लेते हुए, यूपी राज्य सड़क परिवहन निगम (Uttar Pradesh State Road Transport Corporation) के एमडी व डीएसपी ट्रैफिक को तलब (Allahabad High Court summoned DCP Traffic) किया है. न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 20 नवंबर की तिथि नियत करते हुए, दोनों अधिकारियों को व्यक्तिगत रूप से हाजिर रहने का आदेश दिया है.

न्यायालय ने यह भी आदेश दिया है कि इस दौरान जिम्मेदार अधिकारी हाईकोर्ट के से लगे हुए मार्गों पर ट्रैफिक के सुचारू रूप से संचालन के लिए उचित व्यवस्था कर ट्रैफिक को सुचारू रूप से चलाना सुनिश्चित करें. यह आदेश न्यायमूर्ति एआर मसूदी व न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ला की खंडपीठ ने अवध बार एसोसिएशन की ओर से वर्ष 2017 में दाखिल एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान पारित किया. एसोसिएशन की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता एचजीएस परिहार व अधिवक्ता सुनील चौधरी का कहना था कि इन दिनों हाईकोर्ट वाले सर्विस लेन में ऑफिस टाइम व पीक ऑवर में भी भारी वाहनों को आने जाने दिया जा रहा है जिसके कारण दिन भर जाम की भारी का समस्या का सामना करना पड़ता है.

पुलिस कस्टडी में अधिवक्ता की मृत्यु मामले में मांगा जवाब: वहीं एक अन्य मामले में हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने गोंडा जनपद में कथित तौर पर पुलिस हिरासत में एक अधिवक्ता की मृत्यु मामले में पुलिस अधीक्षक गोंडा से निर्देश प्राप्त कर जवाब देने का आदेश दिया है. न्यायालय ने राज्य सरकार के अधिवक्ता को निर्देश प्राप्त कर यह बताने को कहा है कि मामले की विवेचना अन्यत्र स्थानांतरित किए जाने के याची के प्रत्यावेदन पर क्या निर्णय लिया गया. यह आदेश न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान की एकल पीठ ने पवन श्रीवास्तव की अवमानना याचिका पर पारित किया है.

याची का कहना है कि उसका भाई जो पेशे से अधिवक्ता था, उसकी पुलिस उत्पीड़न के कारण मृत्यु हो गई, इस सम्बंध में याची ने कोतवाली नगर में पुलिसकर्मियों के विरुद्ध एफआईआर भी दर्ज कराई लेकिन स्थानीय पुलिस द्वारा सही तरीके से जांच नहीं की जा रही है. याची का कहना है कि उसकी रिट याचिका पर विवेचना सम्बंधी उसके प्रत्यावेदन पर निर्णय का आदेश एसपी को दिया गया था लेकिन अब तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है.

ये भी पढ़ें- यूपी की नौकरशाही में बड़े बदलाव, PCS और IAS अफसरों के तबादले

लखनऊ: इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच (Allahabad High Court Lucknow Bench) ने गोमती नगर स्थित कोर्ट परिसर के आसपास लगने वाले जाम के कारण अधिवक्ताओं और आम वादकारियों को आ रही समस्या को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर संज्ञान लेते हुए, यूपी राज्य सड़क परिवहन निगम (Uttar Pradesh State Road Transport Corporation) के एमडी व डीएसपी ट्रैफिक को तलब (Allahabad High Court summoned DCP Traffic) किया है. न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 20 नवंबर की तिथि नियत करते हुए, दोनों अधिकारियों को व्यक्तिगत रूप से हाजिर रहने का आदेश दिया है.

न्यायालय ने यह भी आदेश दिया है कि इस दौरान जिम्मेदार अधिकारी हाईकोर्ट के से लगे हुए मार्गों पर ट्रैफिक के सुचारू रूप से संचालन के लिए उचित व्यवस्था कर ट्रैफिक को सुचारू रूप से चलाना सुनिश्चित करें. यह आदेश न्यायमूर्ति एआर मसूदी व न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ला की खंडपीठ ने अवध बार एसोसिएशन की ओर से वर्ष 2017 में दाखिल एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान पारित किया. एसोसिएशन की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता एचजीएस परिहार व अधिवक्ता सुनील चौधरी का कहना था कि इन दिनों हाईकोर्ट वाले सर्विस लेन में ऑफिस टाइम व पीक ऑवर में भी भारी वाहनों को आने जाने दिया जा रहा है जिसके कारण दिन भर जाम की भारी का समस्या का सामना करना पड़ता है.

पुलिस कस्टडी में अधिवक्ता की मृत्यु मामले में मांगा जवाब: वहीं एक अन्य मामले में हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने गोंडा जनपद में कथित तौर पर पुलिस हिरासत में एक अधिवक्ता की मृत्यु मामले में पुलिस अधीक्षक गोंडा से निर्देश प्राप्त कर जवाब देने का आदेश दिया है. न्यायालय ने राज्य सरकार के अधिवक्ता को निर्देश प्राप्त कर यह बताने को कहा है कि मामले की विवेचना अन्यत्र स्थानांतरित किए जाने के याची के प्रत्यावेदन पर क्या निर्णय लिया गया. यह आदेश न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान की एकल पीठ ने पवन श्रीवास्तव की अवमानना याचिका पर पारित किया है.

याची का कहना है कि उसका भाई जो पेशे से अधिवक्ता था, उसकी पुलिस उत्पीड़न के कारण मृत्यु हो गई, इस सम्बंध में याची ने कोतवाली नगर में पुलिसकर्मियों के विरुद्ध एफआईआर भी दर्ज कराई लेकिन स्थानीय पुलिस द्वारा सही तरीके से जांच नहीं की जा रही है. याची का कहना है कि उसकी रिट याचिका पर विवेचना सम्बंधी उसके प्रत्यावेदन पर निर्णय का आदेश एसपी को दिया गया था लेकिन अब तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है.

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