लखनऊ: इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के अवध बार एसोसिएशन (Awadh Bar Association) ने प्रस्ताव पारित करते हुए अपने सदस्य अधिवक्ताओं को न्यायिक कामकाज पर लौटने का आह्वान (Allahabad High Court Lucknow bench Advocates will resume work) किया है. हालांकि बार ने अपने प्रस्ताव में राज सरकार द्वारा अधिवक्ताओं की कुछ मांगों को छोड़कर बाकी मांगे ना माने जाने से असंतुष्टि जाहिर करते हुए कहा है कि अधिवक्ताओं की सभी मांगे पूरी होने तक उनका संघर्ष जारी रहेगा. प्रस्ताव में यह भी कहा गया है कि यूपी बार काउंसिल ने न्यायिक कामकाज पर वापस लौटने का निर्णय लिया है. अवध बार की कार्यकारिणी गहरे दर्द के साथ न्यायिक कामकाज से विरत रहने का अपना पुराना प्रस्ताव निलंबित करती है.
वहीं लखनऊ बार एसोसिएशन (Lucknow Bar Association) ने आपात आम सभा करके बार काउंसिल के निर्णय की निंदा करते हुए धरना प्रदर्शन किया तथा हड़ताल को जारी रखने का फैसला किया. लखनऊ बार एसोसिएशन ने कहा है कि हापुड़ के वकीलों को सहयोग एवं समर्थन देने के लिए 16 सितंबर को सुबह छह बजे लखनऊ बार एसोसिएशन के सम्मानित अधिवक्ता आगरा एक्सप्रेस वे के प्रथम टोल टैक्स प्लाजा पर एकत्रित होंगे. वहां से वे हापुड़ जाकर वहां के वकीलों को सहयोग एवं समर्थन देंगे.
सेंट्रल बार एसोसिएशन ने भी हापुड़ बार एसोसिएशन द्वारा भेजे गए पत्र एवं अपील का समर्थन करते हुए हड़ताल को जारी रखने का निर्णय लिया है. बार काउंसिल के हड़ताल वापसी के निर्णय की खबर मिलने के बाद से ही दीवानी न्यायालय एवं कलेक्ट्रेट परिसर में वहां के वकीलों ने इसकी निंदा की. सेंट्रल बार एसोसिएशन ने अपने प्रस्ताव में यह भी कहा है कि यदि कोई अधिवक्ता अदालत के अंदर काम करता दिखा तो उस पर जुर्माना लगाते हुए उसे बार की सदस्यता से निष्कासित कर दिया जाएगा. बार काउंसिल के निर्णय के विरोध में एवं हड़ताल के समर्थन में एक्टिव एडवोकेट फाउंडेशन, पारिवारिक न्यायालय लखनऊ, राजस्व बार एसोसिएशन एवं डीआरटी बार एसोसिएशन ने हापुड़ के वकीलों को पूरा समर्थन देने का प्रस्ताव पारित किया है. (UP News in Hindi)
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