लखनऊ: हिंदुस्तान अपनी गंगा-जमुनी तहजीब के लिए पूरी दुनिया में एक खास पहचान रखता है, क्योंकि यहां पर सभी धर्मों के मानने वाले एक लंबे वक्त से मिल जुलकर एक साथ रहते आए हैं. कुछ ऐसा ही नजारा अदब की सरजमी लखनऊ में देखने को मिला जब अयोध्या मामले का फैसला आया. लखनऊ के दारुल उलूम फरंगी महल में अयोध्या फैसले पर मुस्लिम और हिंदू धर्मगुरु हाथों में हाथ लेकर देश की एकता का परचम बुलंद करते नजर आए.
एक लंबे वक्त से चल रहे अयोध्या मामले का आज सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद विवाद खत्म हो गया. इस फैसले को लेकर पुलिस प्रशासन और सरकार की ओर से सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने को लेकर तमाम इंतजाम किए गए थे, लेकिन फैसला आने के बाद लखनऊ अपनी गंगा-जमुनी तहजीब और रवायत को बरकरार रखते हुए अपने पुराने अंदाज में नजर आया. फैसला आने के बाद इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया के अध्यक्ष मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने कहा की सुप्रीम कोर्ट का जो भी फैसला है, उसका हम सब तहे दिल से एहतराम करते हैं. यही वजह है कि सभी मज़हबी लीडर आवाम को पैगाम देने के लिए आज यहां इकट्टा हुए हैं, हमारी सभी से अपील है कि तमाम लोग कौमी एकता और आपसी भाईचारा बनाए रखें और कोर्ट के फैसले का सम्मान करें.
पढ़ें- न्याय के मंदिर ने दशकों पुराने मामले का समाधान किया: पीएम मोदी
इस मौके पर हिंदू धर्मगुरु स्वामी सारंग ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का जो भी फैसला है. उस पर हम कायम रहेंगे और मुल्क में चारों तरफ अयोध्या फैसले को लेकर अमन-चैन है. उन्होंने कहा कि मेरी अपील है कि वह अमन चैन और हिंदू-मुस्लिम एकता को बनाए रखें तो वहीं इस मौके पर सिख समुदाय के धर्मगुरु और नाका गुरुद्वारा कमेटी के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह बग्गा ने कहा कि हमने सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले ही यह संकल्प लिया था कि सुप्रीम कोर्ट का जो भी फैसला होगा, उसको पूरी तरह मानेंगे और आज जो भी फैसला आया है, उसका हम सब मिलकर स्वागत करते हैं.