लखनऊः सरकारी तंत्र को डिजिटल के माध्यम से पारदर्शी बनाने की सरकार की तैयारी है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ई-कैबिनेट व्यवस्था लागू करने के एलान के साथ ही मंत्रिपरिषद के सभी सदस्यों, विभागीय अधिकारियों को प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है. इसके साथ ही सरकार सभी विधायकों को भी टैब उपलब्ध कराने जा रही है. इससे योगी के मंत्री ही नहीं विधायक भी आधुनिक तकनीक से लैस होंगे.
विधायकों को प्रशिक्षण देने के निर्देश
सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि केंद्रीय बजट की तरह राज्य बजट को भी पेपरलेस करने का प्रयास किया जाए. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि विधान मंडल सत्र से पहले सभी सदस्यों को टैबलेट उपलब्ध कराये जाएं. टैबलेट के प्रभावी प्रयोग के लिए विधायकों को प्रशिक्षण भी दिया जाए. सीएम ने कहा कि मंत्रिपरिषद एवं विधान मंडल सदस्यों के व्यापक रूप से तकनीक से जुड़ने से नये भारत का नया उत्तर प्रदेश बनेगा.
डिजिटल की उपयोगिता सिद्ध हुई
सरकार का मानना है कि आधुनिक तकनीक से कोरोना काल में सभी जरूरतमन्दों को सुविधाएं सुलभ कराने में शासन को बहुत आसानी हुई. वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री ने जनधन योजना लागू की. डीबीटी के माध्यम से लाभार्थियों को लाभान्वित करने में यह व्यवस्था अत्यन्त उपयोगी सिद्ध हुई. मात्र एक क्लिक से करोड़ों लोगों के खाते में आर्थिक सहायता राशि का तेजी और पारदर्शिता से भेजना संभव हुआ.
डिजिटल का हो रहा सरकार को लाभ
बता दें कि डिजिटल सेवाओं की वजह से विगत दो वर्षाें में राज्य को लगभग 2,500 करोड़ रुपये की बचत हुई है. राजकीय सेवाओं एवं विकास कार्यों में मानव हस्तक्षेप कम से कम करने एवं पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा ई-टेंडरिंग, जेम पोर्टल आदि व्यवस्थाएं प्रभावी ढंग से लागू की हैं. राज्य सरकार ने गेहूं खरीद वर्ष 2021-22 में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर ई-पॉप मशीनों के प्रयोग के निर्देश दिये हैं.
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बैठक में हो सकेंगे शामिल
मुख्यमंत्री के सचिव आलोक कुमार ने बताया कि ई-कैबिनेट व्यवस्था के अन्तर्गत सिक्योरिटी फीचर्स का ध्यान रखा गया है. ई-कैबिनेट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भी मंत्री परिषद की बैठक में शामिल हो सकेंगे. इसके विगत कैबिनेट के निर्णयों तथा उनके क्रियान्वयन की भी जानकारी सुलभ होगी.
ई-कैबिनेट व्यवस्था के तहत सभी विधायकों को मिलेगा टैब - legislative session in uttar pardesh
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ई-कैबिनेट व्यवस्था लागू करने के साथ सभी विधायकों और मंत्रियों को टैबलेट उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं. सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि टैबलेट के प्रभावी प्रयोग के लिए प्रशिक्षण भी दिया जाए.
लखनऊः सरकारी तंत्र को डिजिटल के माध्यम से पारदर्शी बनाने की सरकार की तैयारी है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ई-कैबिनेट व्यवस्था लागू करने के एलान के साथ ही मंत्रिपरिषद के सभी सदस्यों, विभागीय अधिकारियों को प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है. इसके साथ ही सरकार सभी विधायकों को भी टैब उपलब्ध कराने जा रही है. इससे योगी के मंत्री ही नहीं विधायक भी आधुनिक तकनीक से लैस होंगे.
विधायकों को प्रशिक्षण देने के निर्देश
सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि केंद्रीय बजट की तरह राज्य बजट को भी पेपरलेस करने का प्रयास किया जाए. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि विधान मंडल सत्र से पहले सभी सदस्यों को टैबलेट उपलब्ध कराये जाएं. टैबलेट के प्रभावी प्रयोग के लिए विधायकों को प्रशिक्षण भी दिया जाए. सीएम ने कहा कि मंत्रिपरिषद एवं विधान मंडल सदस्यों के व्यापक रूप से तकनीक से जुड़ने से नये भारत का नया उत्तर प्रदेश बनेगा.
डिजिटल की उपयोगिता सिद्ध हुई
सरकार का मानना है कि आधुनिक तकनीक से कोरोना काल में सभी जरूरतमन्दों को सुविधाएं सुलभ कराने में शासन को बहुत आसानी हुई. वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री ने जनधन योजना लागू की. डीबीटी के माध्यम से लाभार्थियों को लाभान्वित करने में यह व्यवस्था अत्यन्त उपयोगी सिद्ध हुई. मात्र एक क्लिक से करोड़ों लोगों के खाते में आर्थिक सहायता राशि का तेजी और पारदर्शिता से भेजना संभव हुआ.
डिजिटल का हो रहा सरकार को लाभ
बता दें कि डिजिटल सेवाओं की वजह से विगत दो वर्षाें में राज्य को लगभग 2,500 करोड़ रुपये की बचत हुई है. राजकीय सेवाओं एवं विकास कार्यों में मानव हस्तक्षेप कम से कम करने एवं पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा ई-टेंडरिंग, जेम पोर्टल आदि व्यवस्थाएं प्रभावी ढंग से लागू की हैं. राज्य सरकार ने गेहूं खरीद वर्ष 2021-22 में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर ई-पॉप मशीनों के प्रयोग के निर्देश दिये हैं.
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बैठक में हो सकेंगे शामिल
मुख्यमंत्री के सचिव आलोक कुमार ने बताया कि ई-कैबिनेट व्यवस्था के अन्तर्गत सिक्योरिटी फीचर्स का ध्यान रखा गया है. ई-कैबिनेट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भी मंत्री परिषद की बैठक में शामिल हो सकेंगे. इसके विगत कैबिनेट के निर्णयों तथा उनके क्रियान्वयन की भी जानकारी सुलभ होगी.