ETV Bharat / state

आम बजट पर बोले प्रोफेशनल्स, राष्ट्रीय संपदा के हस्तांतरण के सिवा इसमें कुछ नहीं

लखनऊ के ऑल इण्डिया प्रोफेशनल्स कांग्रेस उत्तर प्रदेश के लखनऊ चैप्टर-2 में मंगलवार को केंद्रीय बजट को लेकर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया. इस दौरान मौजूद प्रोफेशनल्स ने बजट पर अपनी राय रखी और चर्चा की.

author img

By

Published : Feb 3, 2021, 7:14 AM IST

केंद्रीय बजट को लेकर विचार गोष्ठी आयोजित.
केंद्रीय बजट को लेकर विचार गोष्ठी आयोजित.

लखनऊ : ऑल इण्डिया प्रोफेशनल्स कांग्रेस उत्तर प्रदेश के लखनऊ चैप्टर-2 में मंगलवार को केंद्रीय बजट को लेकर विचार गोष्ठी आयोजित हुई. उत्तर प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में गोष्ठी का आयोजन ऑल इण्डिया प्रोफेशनल्स कांग्रेस उत्तर प्रदेश के चेयरमैन पूर्व आईएएस अनीस अंसारी की अध्यक्षता में किया गया. मुख्य अतिथि के रूप में संगोष्ठी को पूर्व आईएएस आलोक रंजन ने सम्बोधित किया.

कृषि क्षेत्र के लिए बहुत कम रियायत
इस मौके अर्थशास्त्र के प्रोफेसर मो. फहीमुद्दीन (सेवानिवृत्त) ने इस बात पर जोर दिया कि बजट में कृषि क्षेत्र के लिए बहुत कम रियायत है. सरकार ने संकटग्रस्त किसानों को सीधे नकद भुगतान देने के बजाय, ऋण की पेशकश की है. हालांकि ऋण का पुनर्भुगतान न कर पाना ही किसान आत्महत्या का प्रमुख कारण है.

खुदरा व्यापारियों के लिए बजट में कुछ नहीं
यूपी सीआईएमएसएमई के सह-अध्यक्ष गौरव प्रकाश ने कहा कि छोटे खुदरा व्यापारी और एमएसएमई क्षेत्र जो रोजगार के अवसर प्रदान करते हैं, उनके लिए इस बजट में कुछ अधिक नहीं है. संगोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद आईएएस (सेवानिवृत्त) आलोक रंजन ने इस बजट में डिसिंवेस्टमेंट से निजीकरण की ओर सरकार की रणनीति के बारे में बात की. उन्होंने कहा कि बजट का रोडमैप कुछ संवेदनशील क्षेत्रों को छोड़कर सभी आर्थिक क्षेत्रों से सरकार को हटने की बात करता है, कई खतरों से भरा हुआ है, जिसमें सार्वजनिक उद्यमों के निजीकरण के मूल्यांकन के दौरान भ्रष्टाचार के आरोप प्रमुख हैं.

राष्ट्रीय संपदा के हस्तांतरण के सिवा कुछ नहीं
वहीं इंटक के वाइस चेयरमैन अशोक सिंह ने निजीकरण के प्रभाव के बारे में बात की. उन्होंने कहा कि कुछ धनी पूंजीपतियों को राष्ट्रीय संपदा के हस्तांतरण के सिवा कुछ और नहीं है. गिरी इंस्टीट्यूट ऑफ डेवलपमेंट स्टडीज के पूर्व निदेशक डॉ. एके सिंह ने भी कहा है कि पिछले उदाहरणों की रोशनी में आगे आने वाले निजीकरण के बारे में अधिक विश्वास नहीं हो पा रहा है.

दलदल से नहीं निकलेगी अर्थव्यवस्था

जेएनपीजी कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर अर्थशास्त्र डॉ. हिलाल अहमद नकवी ने राजकोषीय घाटे के बारे में बात की. उन्होंने कहा कि सकल घरेलू उत्पाद के 9.5 पर आंकी गई है और अनुमानित सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि है, जो भारतीय अर्थव्यवस्था को स्व-निर्मित और महामारी से प्रेरित दलदल से बाहर निकालने के लिए पर्याप्त नहीं होगी.

ये लोग भी रहे मौजूद
संगोष्ठी का संयोजन एआईपीसी लखनऊ चैप्टर-2 की अध्यक्षा प्रज्ञा सिंह ने किया. कार्यक्रम में कांग्रेस विधान परिषद दल के नेता दीपक सिंह जी मौजूद रहे. इस मौके पर जेएनपीजी कालेज के प्रोफेसर डाॅ. विनोद चन्द्रा समेत एआईपीसी से जुड़े पदाधिकारी और प्रोफेशनल्स मौजूद रहे.

लखनऊ : ऑल इण्डिया प्रोफेशनल्स कांग्रेस उत्तर प्रदेश के लखनऊ चैप्टर-2 में मंगलवार को केंद्रीय बजट को लेकर विचार गोष्ठी आयोजित हुई. उत्तर प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में गोष्ठी का आयोजन ऑल इण्डिया प्रोफेशनल्स कांग्रेस उत्तर प्रदेश के चेयरमैन पूर्व आईएएस अनीस अंसारी की अध्यक्षता में किया गया. मुख्य अतिथि के रूप में संगोष्ठी को पूर्व आईएएस आलोक रंजन ने सम्बोधित किया.

कृषि क्षेत्र के लिए बहुत कम रियायत
इस मौके अर्थशास्त्र के प्रोफेसर मो. फहीमुद्दीन (सेवानिवृत्त) ने इस बात पर जोर दिया कि बजट में कृषि क्षेत्र के लिए बहुत कम रियायत है. सरकार ने संकटग्रस्त किसानों को सीधे नकद भुगतान देने के बजाय, ऋण की पेशकश की है. हालांकि ऋण का पुनर्भुगतान न कर पाना ही किसान आत्महत्या का प्रमुख कारण है.

खुदरा व्यापारियों के लिए बजट में कुछ नहीं
यूपी सीआईएमएसएमई के सह-अध्यक्ष गौरव प्रकाश ने कहा कि छोटे खुदरा व्यापारी और एमएसएमई क्षेत्र जो रोजगार के अवसर प्रदान करते हैं, उनके लिए इस बजट में कुछ अधिक नहीं है. संगोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद आईएएस (सेवानिवृत्त) आलोक रंजन ने इस बजट में डिसिंवेस्टमेंट से निजीकरण की ओर सरकार की रणनीति के बारे में बात की. उन्होंने कहा कि बजट का रोडमैप कुछ संवेदनशील क्षेत्रों को छोड़कर सभी आर्थिक क्षेत्रों से सरकार को हटने की बात करता है, कई खतरों से भरा हुआ है, जिसमें सार्वजनिक उद्यमों के निजीकरण के मूल्यांकन के दौरान भ्रष्टाचार के आरोप प्रमुख हैं.

राष्ट्रीय संपदा के हस्तांतरण के सिवा कुछ नहीं
वहीं इंटक के वाइस चेयरमैन अशोक सिंह ने निजीकरण के प्रभाव के बारे में बात की. उन्होंने कहा कि कुछ धनी पूंजीपतियों को राष्ट्रीय संपदा के हस्तांतरण के सिवा कुछ और नहीं है. गिरी इंस्टीट्यूट ऑफ डेवलपमेंट स्टडीज के पूर्व निदेशक डॉ. एके सिंह ने भी कहा है कि पिछले उदाहरणों की रोशनी में आगे आने वाले निजीकरण के बारे में अधिक विश्वास नहीं हो पा रहा है.

दलदल से नहीं निकलेगी अर्थव्यवस्था

जेएनपीजी कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर अर्थशास्त्र डॉ. हिलाल अहमद नकवी ने राजकोषीय घाटे के बारे में बात की. उन्होंने कहा कि सकल घरेलू उत्पाद के 9.5 पर आंकी गई है और अनुमानित सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि है, जो भारतीय अर्थव्यवस्था को स्व-निर्मित और महामारी से प्रेरित दलदल से बाहर निकालने के लिए पर्याप्त नहीं होगी.

ये लोग भी रहे मौजूद
संगोष्ठी का संयोजन एआईपीसी लखनऊ चैप्टर-2 की अध्यक्षा प्रज्ञा सिंह ने किया. कार्यक्रम में कांग्रेस विधान परिषद दल के नेता दीपक सिंह जी मौजूद रहे. इस मौके पर जेएनपीजी कालेज के प्रोफेसर डाॅ. विनोद चन्द्रा समेत एआईपीसी से जुड़े पदाधिकारी और प्रोफेशनल्स मौजूद रहे.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.