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Gyanvapi Mosque: इबादतगाहों की हिफाजत के लिए सुप्रीम कोर्ट जाएगा मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड

मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ऑफ इंडिया ज्ञानवापी मस्जिद समेत देशभर की इबादतगाहों की हिफाजत के लिए सुप्रीम कोर्ट में रिट पेटिशन दाखिल करेगा. साथ ही इबादतगाहों के बचाव के लिए देश में जागरूकता मुहिम चलाने का ऐलान का भी ऐलान किया गया.

all india muslim personal law board
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Published : May 26, 2022, 8:37 AM IST

लखनऊ: ज्ञानवापी परिसर समेत देशभर की इबादतगाहों की हिफाजत के लिए अब मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ऑफ इंडिया सुप्रीम कोर्ट में रिट पेटिशन दाखिल करेगा. इसके साथ ही इबादतगाहों के बचाव के लिए जागरूकता मुहिम भी देशभर में चलाने का मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ऑफ इंडिया ने ऐलान बुधवार को राजधानी लखनऊ में किया.

जानकारी देते मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ऑफ इंडिया के महासचिव मोइन अहमद.

मुसलमानों में तेजी से अपनी पकड़ बना रहे नए संगठन मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ऑफ इंडिया ने राजधानी लखनऊ में देश के मौजूदा हालात के चलते एक अहम बैठक में कई बड़े फैसले लिए. खास तौर से ज्ञानवापी परिसर के विवाद को देखते हुए बोर्ड का कहना है कि देशभर में सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने की साजिश की जा रही है, जिसको बोर्ड रोकने के लिए हर मुमकिन कदम उठाएगा. बैठक के बाद मीडिया को जानकारी देते हुए बताया गया कि 2 जून से इबादतगाह बचाओ मुहिम शुरू की जाएगी. इसका मकसद कौम को जागरूक करने के साथ धार्मिक सौहार्द बनाए रखना होगा.

सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगा बोर्ड
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मोहम्मद यूसुफ आजिजी की अध्यक्षता में होने वाली इस मीटिंग में बोर्ड के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. मोइन अहमद ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि हम हर हाल में सौहार्द को बनाए रखते हुए संविधान की सीमा में अपनी इबादतगाहों की हिफाजत के लिए कानून का सहारा लेंगे. इस दौरान उन्होंने कहा कि प्लेसेस आफ वरशिप एक्ट और ज्ञानवापी सहित अन्य मस्जिदों पर किए जा रहे मुकदमों पर बोर्ड काफी संजीदा है. निचली अदालतों से एक के बाद एक आए दिन नए आदेश से मुस्लिम समुदाय बेचैन है.

डॉक्टर मोइन अहमद ने कहा कि मस्जिद और दरगाह वाले स्थलों की प्रकृति व चरित्र पर खतरा मंडरा रहा है. जिसे स्वीकार करने की स्थिति में हम बिल्कुल नहीं है. काशी, मथुरा सहित देश भर की लगभग 50 हजार मस्जिदों को जिस तरह निशाना बनाने की बात की जा रही है. उससे संविधान व कानून के सामने भी बड़ी चुनौती उत्पन्न हुई है. इस दौरान मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. मोइन अहमद ने कहा कि हमारा बोर्ड सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे पर भी सभी इबादतगाहों की हिफाजत के साथ उनके चरित्र व प्रकृति को बदलने की किसी भी तरह की छेड़छाड़ से रोकने को लेकर रिट पिटिशन दाखिल करेगा.

इसे भी पढे़ं- ज्ञानवापी विवाद: विश्व वैदिक संघ की याचिका पर 30 मई को फास्ट ट्रैक कोर्ट में होगी सुनवाई

लखनऊ: ज्ञानवापी परिसर समेत देशभर की इबादतगाहों की हिफाजत के लिए अब मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ऑफ इंडिया सुप्रीम कोर्ट में रिट पेटिशन दाखिल करेगा. इसके साथ ही इबादतगाहों के बचाव के लिए जागरूकता मुहिम भी देशभर में चलाने का मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ऑफ इंडिया ने ऐलान बुधवार को राजधानी लखनऊ में किया.

जानकारी देते मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ऑफ इंडिया के महासचिव मोइन अहमद.

मुसलमानों में तेजी से अपनी पकड़ बना रहे नए संगठन मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ऑफ इंडिया ने राजधानी लखनऊ में देश के मौजूदा हालात के चलते एक अहम बैठक में कई बड़े फैसले लिए. खास तौर से ज्ञानवापी परिसर के विवाद को देखते हुए बोर्ड का कहना है कि देशभर में सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने की साजिश की जा रही है, जिसको बोर्ड रोकने के लिए हर मुमकिन कदम उठाएगा. बैठक के बाद मीडिया को जानकारी देते हुए बताया गया कि 2 जून से इबादतगाह बचाओ मुहिम शुरू की जाएगी. इसका मकसद कौम को जागरूक करने के साथ धार्मिक सौहार्द बनाए रखना होगा.

सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगा बोर्ड
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मोहम्मद यूसुफ आजिजी की अध्यक्षता में होने वाली इस मीटिंग में बोर्ड के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. मोइन अहमद ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि हम हर हाल में सौहार्द को बनाए रखते हुए संविधान की सीमा में अपनी इबादतगाहों की हिफाजत के लिए कानून का सहारा लेंगे. इस दौरान उन्होंने कहा कि प्लेसेस आफ वरशिप एक्ट और ज्ञानवापी सहित अन्य मस्जिदों पर किए जा रहे मुकदमों पर बोर्ड काफी संजीदा है. निचली अदालतों से एक के बाद एक आए दिन नए आदेश से मुस्लिम समुदाय बेचैन है.

डॉक्टर मोइन अहमद ने कहा कि मस्जिद और दरगाह वाले स्थलों की प्रकृति व चरित्र पर खतरा मंडरा रहा है. जिसे स्वीकार करने की स्थिति में हम बिल्कुल नहीं है. काशी, मथुरा सहित देश भर की लगभग 50 हजार मस्जिदों को जिस तरह निशाना बनाने की बात की जा रही है. उससे संविधान व कानून के सामने भी बड़ी चुनौती उत्पन्न हुई है. इस दौरान मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. मोइन अहमद ने कहा कि हमारा बोर्ड सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे पर भी सभी इबादतगाहों की हिफाजत के साथ उनके चरित्र व प्रकृति को बदलने की किसी भी तरह की छेड़छाड़ से रोकने को लेकर रिट पिटिशन दाखिल करेगा.

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