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'खुद बम बनाओ और हमला करो' की रणनीति पर काम कर रहे थे आतंकी

लखनऊ से 5 संदिग्ध आतंकवादियों की गिरफ्तारी के बाद यूपी एटीएस रोजाना नए-नए खुलासे कर रही है. यूपी एटीएस की मानें तो गिरफ्तार संदिग्ध आतंकवादी 'DIY मॉड्यूल' यानी 'डू इट योरसेल्फ मॉड्यूल' पर काम कर रहे थे. जिसका मतलब, खुद बम बनाओ और हमला करो है.

आतंकी.
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Published : Jul 18, 2021, 7:16 AM IST

लखनऊ: सूबे की राजधानी से गिरफ्तार अलग-अलग 5 संदिग्ध आतंकवादियों की गिरफ्तारी के बाद रोजाना नए-नए खुलासे हो रहे हैं. UP ATS ने कस्टडी रिमांड पर पूछताछ में एक और नई साजिश का पर्दाफाश किया है. ATS सूत्रों की मानें तो गिरफ्तार संदिग्ध आतंकवादी 'DIY मॉड्यूल' यानी 'डू इट योरसेल्फ मॉड्यूल' पर काम कर रहे थे. मतलब, 'खुद बम बनाओ और हमला करो'.

ADG लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार के मुताबिक, अभी तक जो जानकारी आई है उसके मुताबिक संदिग्धों ने अपने पैसों से बम बनाया था. इसके अलावा ई-रिक्शा की बैटरी से भी बम बनाने और फ्रूट बम बनाने की भी कोशिश की थी.

ADG के मुताबिक, काकोरी से पकड़े गए दोनों संदिग्ध आतंकवादी इंटरनेट के जरिए अल कायदा के संपर्क में आए और फिर हैंडलर उमर-अल-मण्डी से संपर्क हुआ. जानकारी के मुताबिक, उमर-अल-मण्डी के कहने पर ही बम बनाने में दोनों सफल हुए थे और टार्गेट चुनने का प्रोसेस जारी था. पूछताछ में पता चला है कि दोनों ने महज 3 हजार रुपये में प्रेशर कुकर बम बनाया था और अगर किसी भीड़-भाड़ वाली जगह में धमाका करने में सफल हो जाते तो बड़ा नुकसान हो सकता था. यही नहीं, दोनों ने अपने ही मामूली रकम से ई-रिक्शा की बैटरी से बम बनाने और फ्रूट बम भी बना रहे थे.

राजधानी में हो रही थी आतंकियों की भर्ती!
ADG लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने बताया कि इस काम के लिये पाकिस्तान में पेशावर के कुख्यात आतंकी उमर-अल-मण्डी द्वारा भारत में आतंकी संगठन में सदस्यों की भर्ती और उन्हें रेडिक्लाइज करने का कार्य किया जा रहा है. इसी के तहत उमर-अल-मण्डी ने कुछ जेहादी प्रवृत्ति के व्यक्तियों को लखनऊ में चिह्नित एवं नियुक्त कर अलकायदा के माड्यूल को खड़ा किया है. यह माड्यूल 'अंसार गजवातुल हिंद', जो अलकायदा का ही अंग है. आतंकी घटनाओं को अंजाम देने के लिए इसे तैयार किया गया है.

उमर ने अलकायदा माड्यूल के लिए इनका किया चुनाव
ADG ने बताया कि उक्त अलकायदा माड्यूल के प्रमुख सदस्यों में राजधानी में काकोरी के मिनहाज, मड़ियांव निवासी मशीरुद्दीन उर्फ मुशीर, वजीरगंज का शकील, मुजफ्फरनगर निवासी मुस्तकीम और लखनऊ के न्यू हैदरगंज में रहने वाला मोहम्मद मुईद का नाम शामिल है. इन लोगों ने उमर-अल-मण्डी के निर्देश पर अपने अन्य सहयोगियों की सहायता से 15 अगस्त व बकरीद के पूर्व उत्तर प्रदेश को दहलाने की फिराक में थे. ADG के मुताबिक, ये सभी मानव बम बनकर आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देने के माहिर हैं. इसके लिए इनके द्वारा शस्त्र, विस्फोटक आदि एकत्र किया गया है. उन्होंने बताया कि अंजाम देने के लिए योजना बनाने में मिनहाज अहमद, मसीरूद्दीन उर्फ मुशीर और शकील मुख्य भूमिका में थे.

7 दिन में किए 178 कॉल, 16 ई-मेल
मिनहाज अहमद, शकील और मुशीर ने 4 से 10 जुलाई के बीच मोबाइल से 178 कॉल की. इनमें 7 कॉल पाकिस्तान व नेपाल की बताई जा रही है. यही नहीं, तीनों ने 16 ई-मेल भी किए थे. इस अवधि से पहले 7 दिन में बमुश्किल 60-65 कॉल्स ही की गई. अचानक 7 दिन में इतनी ज्यादा कॉल करने के पीछे एटीएस व खुफिया विभाग यह अंदाजा लगा रहे हैं कि अलकायदा संगठन से जुड़े ये आतंकी जल्दी से जल्दी किसी बड़ी साजिश को अंजाम देने में लगे थे. बस, इनके कमाण्डर व उमर-अल-मण्डी के आदेश का इन्हें इंतजार भर था. यह सारा खुलासा इन तीनों आतंकियों की कॉल डिटेल के मोबाइल की चैटिंग से हुआ है.

इसे भी पढे़ं- UP ATS को मिली एक और सफलता : धर्मांतरण मामले में महाराष्ट्र से तीन गिरफ्तार

लखनऊ: सूबे की राजधानी से गिरफ्तार अलग-अलग 5 संदिग्ध आतंकवादियों की गिरफ्तारी के बाद रोजाना नए-नए खुलासे हो रहे हैं. UP ATS ने कस्टडी रिमांड पर पूछताछ में एक और नई साजिश का पर्दाफाश किया है. ATS सूत्रों की मानें तो गिरफ्तार संदिग्ध आतंकवादी 'DIY मॉड्यूल' यानी 'डू इट योरसेल्फ मॉड्यूल' पर काम कर रहे थे. मतलब, 'खुद बम बनाओ और हमला करो'.

ADG लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार के मुताबिक, अभी तक जो जानकारी आई है उसके मुताबिक संदिग्धों ने अपने पैसों से बम बनाया था. इसके अलावा ई-रिक्शा की बैटरी से भी बम बनाने और फ्रूट बम बनाने की भी कोशिश की थी.

ADG के मुताबिक, काकोरी से पकड़े गए दोनों संदिग्ध आतंकवादी इंटरनेट के जरिए अल कायदा के संपर्क में आए और फिर हैंडलर उमर-अल-मण्डी से संपर्क हुआ. जानकारी के मुताबिक, उमर-अल-मण्डी के कहने पर ही बम बनाने में दोनों सफल हुए थे और टार्गेट चुनने का प्रोसेस जारी था. पूछताछ में पता चला है कि दोनों ने महज 3 हजार रुपये में प्रेशर कुकर बम बनाया था और अगर किसी भीड़-भाड़ वाली जगह में धमाका करने में सफल हो जाते तो बड़ा नुकसान हो सकता था. यही नहीं, दोनों ने अपने ही मामूली रकम से ई-रिक्शा की बैटरी से बम बनाने और फ्रूट बम भी बना रहे थे.

राजधानी में हो रही थी आतंकियों की भर्ती!
ADG लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने बताया कि इस काम के लिये पाकिस्तान में पेशावर के कुख्यात आतंकी उमर-अल-मण्डी द्वारा भारत में आतंकी संगठन में सदस्यों की भर्ती और उन्हें रेडिक्लाइज करने का कार्य किया जा रहा है. इसी के तहत उमर-अल-मण्डी ने कुछ जेहादी प्रवृत्ति के व्यक्तियों को लखनऊ में चिह्नित एवं नियुक्त कर अलकायदा के माड्यूल को खड़ा किया है. यह माड्यूल 'अंसार गजवातुल हिंद', जो अलकायदा का ही अंग है. आतंकी घटनाओं को अंजाम देने के लिए इसे तैयार किया गया है.

उमर ने अलकायदा माड्यूल के लिए इनका किया चुनाव
ADG ने बताया कि उक्त अलकायदा माड्यूल के प्रमुख सदस्यों में राजधानी में काकोरी के मिनहाज, मड़ियांव निवासी मशीरुद्दीन उर्फ मुशीर, वजीरगंज का शकील, मुजफ्फरनगर निवासी मुस्तकीम और लखनऊ के न्यू हैदरगंज में रहने वाला मोहम्मद मुईद का नाम शामिल है. इन लोगों ने उमर-अल-मण्डी के निर्देश पर अपने अन्य सहयोगियों की सहायता से 15 अगस्त व बकरीद के पूर्व उत्तर प्रदेश को दहलाने की फिराक में थे. ADG के मुताबिक, ये सभी मानव बम बनकर आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देने के माहिर हैं. इसके लिए इनके द्वारा शस्त्र, विस्फोटक आदि एकत्र किया गया है. उन्होंने बताया कि अंजाम देने के लिए योजना बनाने में मिनहाज अहमद, मसीरूद्दीन उर्फ मुशीर और शकील मुख्य भूमिका में थे.

7 दिन में किए 178 कॉल, 16 ई-मेल
मिनहाज अहमद, शकील और मुशीर ने 4 से 10 जुलाई के बीच मोबाइल से 178 कॉल की. इनमें 7 कॉल पाकिस्तान व नेपाल की बताई जा रही है. यही नहीं, तीनों ने 16 ई-मेल भी किए थे. इस अवधि से पहले 7 दिन में बमुश्किल 60-65 कॉल्स ही की गई. अचानक 7 दिन में इतनी ज्यादा कॉल करने के पीछे एटीएस व खुफिया विभाग यह अंदाजा लगा रहे हैं कि अलकायदा संगठन से जुड़े ये आतंकी जल्दी से जल्दी किसी बड़ी साजिश को अंजाम देने में लगे थे. बस, इनके कमाण्डर व उमर-अल-मण्डी के आदेश का इन्हें इंतजार भर था. यह सारा खुलासा इन तीनों आतंकियों की कॉल डिटेल के मोबाइल की चैटिंग से हुआ है.

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