लखनऊ: सरकार के साथ मिलकर एकेटीयू ओडीओपी (एक जनपद, एक उत्पाद) को बढ़ावा देने के लिए छात्रों के बीच सेमेस्टर परीक्षाओं के बाद हैकाथॉन आयोजित करने जा रहा है. इसमें 250 से अधिक संस्थानों के छात्रों के शामिल होने की उम्मीद है. ओडीओपी को बढ़ावा देने के लिए लखनऊ विश्वविद्यालय में एक इनक्यूबेशन सेंटर भी बनने जा रहा है.
ओडीओपी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना
ओडीओपी प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है. इसका उद्देश्य प्रदेश के अलग-अलग जिलों में बनने वाले उत्पादों को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलवाना और कामगारों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है. उत्तर प्रदेश में ऐसे उत्पाद बनते हैं, जो पूरे देश में कहीं नहीं बनते हैं. इसमें प्राचीन एवं पौष्टिक कालानमक चावल, फिरोजाबाद के कांच के उत्पाद, मुरादाबाद का पीतल उद्योग, दुर्लभ एवं अकल्पनीय गेहूं डंठल शिल्प, विश्व प्रसिद्ध चिकनकारी, कपड़ों पर जरी-जरदोजी का काम, मृत पशु से प्राप्त सींगों और हड्डियों से अति जटिल शिल्प कार्य आदि हैं. इन कलाओं से ही उन जिलों की पहचान होती है. इनमें से तमाम ऐसे उत्पाद हैं, जो अपनी पहचान खो रहे थे. सरकार उनको ओडीओपी के तहत फिर से पहचान दिला रही है.
250 से अधिक संस्थानों के छात्र होंगे शामिल
एमएसएमई से समझौते के बाद एकेटीयू पूरे प्रदेश के 250 से अधिक तकनीकी और प्रबंधन संस्थानों के छात्रों के लिए हैकाथॉन का आयोजन करेगा. इसमें बीटेक और एमबीए के छात्र-छात्राएं एक जनपद, एक उत्पाद योजना से जुड़े उत्पादों को तकनीक से जोड़कर अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान दिलाने को लेकर आइडियाज देंगे. इसके अलावा विश्वविद्यालय से जुड़े प्रबंधन संस्थानों के छात्र उत्पादों के बेहतर प्रबंधन के सुझाव देंगे.
परीक्षाओं के बाद होगा आयोजन
एकेटीयू के कुलपति प्रोफेसर विनय पाठक ने बताया कि छात्रों के इनोवेटिव आइडिया से उत्पादों को एक नई पहचान मिलेगी. प्रदेश के उत्पादों को बढ़ावा मिलने के साथ प्रधानमंत्री का आत्मनिर्भर भारत का सपना भी साकार होगा. अभी छात्रों की सेमेस्टर परीक्षाएं चल रही हैं. परीक्षाओं के बाद हैकाथॉन आयोजित करने की योजना बनाई जा रही है.