लखनऊ : डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय परिसर के सेंटर फॉर एडवांस स्टडीज में शनिवार को होने वाले दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि डॉक्टर अनिल प्रकाश जोशीे (पर्यावरणविद, पद्म श्री एवं पद्म भूषण से सम्मानित) ने आज शुक्रवार को एक व्याख्यान कार्यक्रम में भाग लिया. इसके बाद उन्होंने एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया, जिसमें देश में बढ़ रहे वायु प्रदूषण व जल प्रदूषण को कैसे रोका जाए और इसके लिए किस तरह से शोध कार्य करना है, इस पर चर्चा की गई.
पर्यावरण के संरक्षण के लिए काम करना बेहद जरूरी : अनिल जोशी - एकेटीयू दीक्षांत समारोह
एकेटीयू के दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि अनिल जोशी ने प्रेस वार्ता की. इस दौरान उन्होंने कहा कि आज के समय में प्रकृति पर्यावरण के संरक्षण के लिए काम करना बेहद जरूरी है.
पर्यावरणविद डॉक्टर अनिल जोशी.
लखनऊ : डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय परिसर के सेंटर फॉर एडवांस स्टडीज में शनिवार को होने वाले दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि डॉक्टर अनिल प्रकाश जोशीे (पर्यावरणविद, पद्म श्री एवं पद्म भूषण से सम्मानित) ने आज शुक्रवार को एक व्याख्यान कार्यक्रम में भाग लिया. इसके बाद उन्होंने एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया, जिसमें देश में बढ़ रहे वायु प्रदूषण व जल प्रदूषण को कैसे रोका जाए और इसके लिए किस तरह से शोध कार्य करना है, इस पर चर्चा की गई.
अनिल जोशी ने बताया कि वायु प्रदूषण से जुड़े हुए जो तमाम पहलू हैं, उस पर कार्य करने की जरूरत है. जो पानी प्रदूषित हो रहा है, उसको प्यूरीफायर करने की जरूरत हैे. जिस तरह से नदी, तालाब और कुएं सूख रहे हैं, उस पर कार्य करने की जरूरत है. जो मिट्टी है, वह भी जहरीली होती जा रही है. इन सबको हम बेहतर कैसे कर सकते हैं, आने वाले समय में इस पर शोध किया जाएगा. उन्होंने बताया कि आज यहां आकर मैंने देखा कि जो छात्र नैनोटेक्नोलॉजी और स्मार्ट सिटी पर काम कर रहे हैं और तमाम तरह के प्रयोग इस सेंटर फॉर एडवांस स्टडीज में कर रहे हैं, आने वाले समय में इसका बहुत महत्व होने वाला है. जहां विद्यार्थी एक तरफ यह सुविधा उपलब्ध करेंगे, वहीं इससे जुड़े हुए काफी रोजगार भी पैदा होंगे.
अनिल जोशी ने बताया कि वायु प्रदूषण से जुड़े हुए जो तमाम पहलू हैं, उस पर कार्य करने की जरूरत है. जो पानी प्रदूषित हो रहा है, उसको प्यूरीफायर करने की जरूरत हैे. जिस तरह से नदी, तालाब और कुएं सूख रहे हैं, उस पर कार्य करने की जरूरत है. जो मिट्टी है, वह भी जहरीली होती जा रही है. इन सबको हम बेहतर कैसे कर सकते हैं, आने वाले समय में इस पर शोध किया जाएगा. उन्होंने बताया कि आज यहां आकर मैंने देखा कि जो छात्र नैनोटेक्नोलॉजी और स्मार्ट सिटी पर काम कर रहे हैं और तमाम तरह के प्रयोग इस सेंटर फॉर एडवांस स्टडीज में कर रहे हैं, आने वाले समय में इसका बहुत महत्व होने वाला है. जहां विद्यार्थी एक तरफ यह सुविधा उपलब्ध करेंगे, वहीं इससे जुड़े हुए काफी रोजगार भी पैदा होंगे.