लखनऊ : सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने देश के नाम पत्र लिखकर आरएसएस और भाजपा पर करारा हमला बोला है. उन्होंने कहा देश निर्माताओं के सपनों और संविधान के मूल्यों सिद्धांतों से वह लोग खिलवाड़ कर रहे हैं. जिनका आजादी आंदोलन में शामिल रहे नेताओं से कोई संबंध नहीं रहा है. इसलिए वे ऐसे नेताओं से संबंध जोड़ने के लिए बेचैन हैं.
पश्चिम बंगाल के घटनाक्रम की ओर लोगों का ध्यान आकृष्ट करते हुए उन्होंने कहा कि बंगाल में राज्य सरकार पर हमला नहीं किया गया है. बल्कि संविधान के मूल्यों और सिद्धांतों और देश निर्माताओं के सपनों को तोड़ने की कोशिश की गई है. आज हाल यह है कि देश के प्राकृतिक संसाधनों और युवाओं को चंद उद्योगपतियों के हाथों में पेश किया गया है. जो भाजपा की राजनीति में मददगार बने हुए हैं.
देश के युवाओं को रोजगार देना चूंकि अधिक कठिन है इसलिए सामाजिक ताने-बाने को तोड़ा जा रहा है. भाजपा की आईटी सेल जिसे इंटरनेट टेररिस्ट सेल कहा जाना चाहिए, की कारगुजारी की वजह से अल्पसंख्यक समाज को मॉब लिंचिंग का डर हर वक्त सताता रहता है.
उन्होंने कहा कि पिछले 24 घंटे के दौरान लोकतांत्रिक भारत में युवाओं का भरोसा संविधान और उससे मजबूत संस्थाओं पर बड़ा है. जो उनके अधिकारों की रक्षा करने के लिए तत्पर हैं. ऐसी संस्थाओं को भी तबाह करने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने कहा कि इस समय एक ही फॉर्मूला है कि जो भी सत्ता विरोधी राजनीति कर रहे हैं उन्हें कानूनी लड़ाई हो में उलझा दिया जाए और देश विरोधी होने का आरोप लगाकर 50 साल के लिए अपनी कुर्सी सुरक्षित कर ली जाए.
उन्होंने कहा कि देश में ढाई लोग हैं जो इस तरीके की गंदी राजनीति कर रहे हैं. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि जो अपना घर नहीं संभाल सकते वह देश क्या संभालेंगे. ममता बनर्जी की तारीफ करते हुए अखिलेश ने लिखा कि उन पर हमला करने वाले यह डायलॉग भूल गए हैं कि वह एक ऐसी महिला हैं, जिन्होंने ज्योति बसु की सरकार के खिलाफ लड़ाई लड़ी. जिन्होंने कम्युनिस्ट पार्टी को उनके घर में हराया और जो उद्योगपतियों के हित के बजाय किसानों के हित को तवज्जों देती हैं.
उन्होंने कहा कि यह वह समय है जब देश के सभी राजनेताओं, धर्म और जाति के लोगों को एकजुट होकर उन लोगों का विरोध करना चाहिए. जो राजनीतिक विरोधियों के लिए सरकारी मशीनरी को हथियार बना रहे हैं. मैं देश के न्यायविदों, सीबीआई, आईएएस और आईपीएस के अलावा राष्ट्रीय संस्थाओं से अनुरोध करता हूं कि वह देश की एकता के लिए एकजुट होकर काम करें एक एक खास पार्टी इलेक्शन एजेंट बनकर काम ना करें. मीडिया के लोग भी सत्य ही उजागर करें बगैर किसी भय या पक्षपात के.