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ट्विटर के साथ-साथ जमीन पर भी पैर रख रहे अखिलेश यादव - कांग्रेस प्रवक्ता बृजेंद्र प्रताप सिंह

उत्तर प्रदेश में विधान सभा चुनावों को लेकर सभी पार्टियों ने कमर कस ली है. इसी कड़ी में अखिलेश यादव भी ट्विटर से उतर कर जमीन पर आ गए हैं और लगातर प्रदेश के जनपदों का दौरा कर रहे हैं. वहीं कांग्रेस का कहना है कि यह सब अखिलेश कांग्रेस की वजह से कर रहे हैं. उन्हें डर है कि कहीं वह पिछड़ न जाएं.

कार्यालय समाजवादी पार्टी
कार्यालय समाजवादी पार्टी
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Published : Jan 21, 2021, 5:52 PM IST

लखनऊः समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव आगामी 2022 के विधानसभा चुनाव को देखते हुए रणनीति बनानी शुरू कर दी है. अखिलेश यादव ट्विटर के साथ-साथ प्रदेश के जनपदों का दौरा भी कर रहे हैं. इसके साथ ही मंदिर मस्जिद गुरुद्वारों पर मत्था भी टेक रहे हैं. 2017 के विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद पूर्व मुख्यमंत्री सिर्फ ट्विटर पर सक्रिय नजर आते थे. यही कारण रहा कि चाहे प्रदेश में हुए सात विधानसभा उपचुनाव का मामला हो या विधान परिषद चुनाव का मामला समाजवादी पार्टी को अपनी परंपरागत सीटों से भी हाथ धोना पड़ा.

2022 विधानसभा चुनावों की तैयारी में जुटे अखिलेश यादव.

विस उपचुनाव में अखिलेश ने नहीं किया था प्रचार
विधानसभा उपचुनाव में भी सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अपने किसी भी प्रत्याशी का प्रचार करने तक नहीं गए. जिसको लेकर समाजवादी पार्टी के पदाधिकारी दबी जुबान से अपनी नाराजगी भी जाहिर कर चुके हैं. अखिलेश यादव ने जिस तरह से अपना ट्रेंड बदलते हुए मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारों, गिरजाघरों के धर्मगुरु से मिलने के साथ ही प्रदेश के जनपदों का दौरा कर रहे हैं. निश्चित रूप से इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव 2022 के विधानसभा चुनाव की तैयारियों में लग गए हैं.

अखिलेश की सक्रियता पर क्या कहती है कांग्रेस
अखिलेश यादव की सक्रियता के सवाल पर कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता बृजेंद्र प्रताप सिंह का कहना है कि अखिलेश की सक्रियता कांग्रेस की मेहनत का नतीजा है. जिस तरह से कांग्रेस संगठन मजबूत करने के लिए पंचायत स्तर पर कार्यक्रम कर रही है. इससे सपा को यह लग रहा है कि कहीं हम पिछड़ न जाएं इसलिए अखिलेश यादव ने पूर्वांचल के जनपदों के दौरे करना शुरू कर दिए कांग्रेस प्रवक्ता का कहना है कि यूपी में भाजपा की लड़ाई कांग्रेस से हैं.

क्या कहते हैं सपा प्रवक्ता
वहीं इस बारे में समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता अमीक जमाई का कहना है कि समाजवादी पार्टी ट्विटर पर नहीं जमीन पर राजनीति करने वाली पार्टी है. जिसे समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव लगातार सींच रहे हैं. सपा प्रवक्ता का कहना है कि जिस तरह से पूरे देश में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर विरोध हुआ और गोलियां भी चलीं, कानपुर में कई लोगों की मौत हुई, इसे लेकर अखिलेश यादव ने कानपुर जाकर पीड़ित परिजनों से मुलाकात भी की थी. साथ ही पीड़ित परिजनों को आर्थिक सहायता दी थी.

इसके साथ ही आजम खान पर जब मुकदमे दर्ज हो रहे थे तो अखिलेश यादव ने रामपुर जाकर कैंप किया. प्रदेश में अनेक ऐसे उदाहरण हैं जहां अखिलेश यादव ने सक्रियता दिखाई. आज सबसे बड़ी समस्या देश के किसानों और छात्रों को हो रही है. निश्चित रूप से समाजवादी पार्टी इस सामाजिक न्याय की लड़ाई को लड़ेगी और आने वाले 2022 के विधानसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की सत्ता पर काबिज होगी.

विस चुनावों को लेकर सक्रिय हुए अखिलेश यादव
बताते चलें कि प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव लगातार प्रदेश के जनपदों का दौरा कर रहे हैं. बांदा, चित्रकूट, जौनपुर, श्रावस्ती, वाराणसी, गोंडा सहित कई जनपदों का दौरा भी कर चुके हैं. निश्चित रूप से जिस तरह से समाजवादी पार्टी इस समय ट्विटर की राजनीति करती थी. इससे निकलने की कोशिश अखिलेश यादव कर रहे हैं. यही कारण है कि जमीन पर अपनी सक्रियता बढ़ा रहे हैं. जिससे आने वाले 2022 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी को इसका फायदा मिल सके.

लखनऊः समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव आगामी 2022 के विधानसभा चुनाव को देखते हुए रणनीति बनानी शुरू कर दी है. अखिलेश यादव ट्विटर के साथ-साथ प्रदेश के जनपदों का दौरा भी कर रहे हैं. इसके साथ ही मंदिर मस्जिद गुरुद्वारों पर मत्था भी टेक रहे हैं. 2017 के विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद पूर्व मुख्यमंत्री सिर्फ ट्विटर पर सक्रिय नजर आते थे. यही कारण रहा कि चाहे प्रदेश में हुए सात विधानसभा उपचुनाव का मामला हो या विधान परिषद चुनाव का मामला समाजवादी पार्टी को अपनी परंपरागत सीटों से भी हाथ धोना पड़ा.

2022 विधानसभा चुनावों की तैयारी में जुटे अखिलेश यादव.

विस उपचुनाव में अखिलेश ने नहीं किया था प्रचार
विधानसभा उपचुनाव में भी सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अपने किसी भी प्रत्याशी का प्रचार करने तक नहीं गए. जिसको लेकर समाजवादी पार्टी के पदाधिकारी दबी जुबान से अपनी नाराजगी भी जाहिर कर चुके हैं. अखिलेश यादव ने जिस तरह से अपना ट्रेंड बदलते हुए मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारों, गिरजाघरों के धर्मगुरु से मिलने के साथ ही प्रदेश के जनपदों का दौरा कर रहे हैं. निश्चित रूप से इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव 2022 के विधानसभा चुनाव की तैयारियों में लग गए हैं.

अखिलेश की सक्रियता पर क्या कहती है कांग्रेस
अखिलेश यादव की सक्रियता के सवाल पर कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता बृजेंद्र प्रताप सिंह का कहना है कि अखिलेश की सक्रियता कांग्रेस की मेहनत का नतीजा है. जिस तरह से कांग्रेस संगठन मजबूत करने के लिए पंचायत स्तर पर कार्यक्रम कर रही है. इससे सपा को यह लग रहा है कि कहीं हम पिछड़ न जाएं इसलिए अखिलेश यादव ने पूर्वांचल के जनपदों के दौरे करना शुरू कर दिए कांग्रेस प्रवक्ता का कहना है कि यूपी में भाजपा की लड़ाई कांग्रेस से हैं.

क्या कहते हैं सपा प्रवक्ता
वहीं इस बारे में समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता अमीक जमाई का कहना है कि समाजवादी पार्टी ट्विटर पर नहीं जमीन पर राजनीति करने वाली पार्टी है. जिसे समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव लगातार सींच रहे हैं. सपा प्रवक्ता का कहना है कि जिस तरह से पूरे देश में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर विरोध हुआ और गोलियां भी चलीं, कानपुर में कई लोगों की मौत हुई, इसे लेकर अखिलेश यादव ने कानपुर जाकर पीड़ित परिजनों से मुलाकात भी की थी. साथ ही पीड़ित परिजनों को आर्थिक सहायता दी थी.

इसके साथ ही आजम खान पर जब मुकदमे दर्ज हो रहे थे तो अखिलेश यादव ने रामपुर जाकर कैंप किया. प्रदेश में अनेक ऐसे उदाहरण हैं जहां अखिलेश यादव ने सक्रियता दिखाई. आज सबसे बड़ी समस्या देश के किसानों और छात्रों को हो रही है. निश्चित रूप से समाजवादी पार्टी इस सामाजिक न्याय की लड़ाई को लड़ेगी और आने वाले 2022 के विधानसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की सत्ता पर काबिज होगी.

विस चुनावों को लेकर सक्रिय हुए अखिलेश यादव
बताते चलें कि प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव लगातार प्रदेश के जनपदों का दौरा कर रहे हैं. बांदा, चित्रकूट, जौनपुर, श्रावस्ती, वाराणसी, गोंडा सहित कई जनपदों का दौरा भी कर चुके हैं. निश्चित रूप से जिस तरह से समाजवादी पार्टी इस समय ट्विटर की राजनीति करती थी. इससे निकलने की कोशिश अखिलेश यादव कर रहे हैं. यही कारण है कि जमीन पर अपनी सक्रियता बढ़ा रहे हैं. जिससे आने वाले 2022 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी को इसका फायदा मिल सके.

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