लखनऊः सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोमवार को प्रवासी श्रमिकों के मुद्दे पर योगी सरकार को आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा कि औरैया सड़क हादसे में झारखण्ड के मृत श्रमिकों और घायलों को एक साथ खुले ट्रक से रवाना किया गया. एक मृतक का पिता खेतिहर मजदूर है. वह अपने बेटे का शव लेने के लिए 19 हजार रुपये खर्च करके आने को मजबूर हुआ. अखिलेश ने सरकार से मांग की है कि किसी भी हादसे में मौत पर प्रत्येक के परिजन को 10 लाख रुपये की आर्थिक मदद तत्काल दी जाए.
योगी की टीम इलेवन अहंकार में
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के रवैये से उत्तर प्रदेश के साथ-साथ देश भर के मजदूर आक्रोशित हैं. इससे सरकार की नीतियों और कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिह्न लगा है. अखिलेश ने कहा कि लाॅकडाउन के चलते समाजवादी पार्टी ने सरकार को तमाम तरह के सुझाव दिए और लगातार जमीनी सच्चाई उजागर की, लेकिन मुख्यमंत्री की टीम इलेवन अहंकार में डूबी रही.
श्रमिकों पर पुलिस भांज रही लाठी
अखिलेश ने कहा कि भाजपा सरकार के अदूरदर्शी फैसलों के चलते गरीब और बेबस श्रमिकों की जिंदगी नर्क हो गई है. मथुरा में कोसीकलां से फरह तक हाईवे पर जमा श्रमिकों को जब 7 घंटे तक खाना- पानी नहीं मिला, बसों की व्यवस्था नहीं हुई तो उनके आक्रोश व्यक्त करने पर पुलिस ने जमकर लाठियां बरसाई. सहारनपुर और झांसी में भी कामगारों का सब्र टूट गया. लाठियों की यह चोट गरीब जनता कभी नहीं भूलेगी.
अखिलेश ने संवेदनशीन होने की कही बात
अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार से आग्रह किया है कि वह संवेदनशील होने का परिचय दे. जो लोग सैकड़ों मील चलकर जहां भी पहुंचे हैं, अब वहीं से आगे उन्हें घर भिजवाने की तत्काल व्यवस्था की जाए. पुलिस एक सीमा से आगे जनसैलाब का सामना नहीं कर सकती है. उन्होंने कहा कि दर्द होता है जब मासूम बच्चे बिना दूध, बिस्कुट और खाने के अपने मां-बाप के साथ पैदल यात्रा करते दिखाई देते हैं.