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अखिलेश यादव का वार, किसान की बदहाली के लिए भाजपा जिम्मेदार - भाजपा सरकार

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने किसानों और मजदूरों को लेकर बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि कोरोना संकट और लॉकडाउन की मार सर्वाधिक किसानों पर पड़ी है.

Akhilesh Yadav
अखिलेश यादव ने बीजेपी सरकार पर जमकर निशाना साधा है
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Published : May 26, 2020, 10:29 PM IST

लखनऊ: सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा पर निशाना साधते हुआ कहा कि बीजेपी सरकार समझती है कि कोरोना की आड़ में अन्य बुनियादी गंभीर समस्याओं की अनदेखी की जा सकती है. जहां एक तरफ विस्थापित श्रमिकों और बेरोजगार नौजवानों के सामने भविष्य की चिंता है, वहीं किसानों की बदहाली ने खेती के सामने संकट पैदा कर दिया है. इस संकट के लिए भाजपा की डबल इंजन की सरकारें जिम्मेदार हैं.

अखिलेश यादव ने कहा कि टीम इलेवन और भाजपा मंत्रिमण्डल की बैठकों में किसानों को वास्तविक राहत देने के उपायों पर सोच विचार की जगह हवाई रोजगार पैदा करने पर ही जोर दिया जा रहा है. मुख्यमंत्री किसानों की समस्याओं पर गौर नहीं चाहते हैं. भाजपा का किसानों के हितों से कभी कोई लेना-देना नहीं रहा है.

उन्होंने कहा कि सपा ने किसानों की परेशानियों से संबंधित मुद्दों को कई बार उठाया, लेकिन भाजपा सरकार अपने कानों पर हाथ धरे बैठी है. समाजवादी पार्टी किसान का अन्नदाता के रूप में सम्मान करती है और इसीलिए समाजवादी सरकार में बजट का 75 प्रतिशत भाग खेती-गांव के लिए रखा गया था.

किसानों की फसल हुई बर्बाद
सपा अध्यक्ष ने कहा कि बे-मौसम बरसात ने किसानों को तबाह किया, लेकिन बाजार बंदी से उनकी फल-सब्जियों की मांग ही नहीं रही. दूध, मछली, आम और फूल का व्यवसाय चौपट हो गया. किसानों ने मजबूरी में खेतों से कई फसलें उजाड़ दीं. सरकारी दावों के बावजूद गेहूं खरीद के क्रय केन्द्रों का कोई अता-पता नहीं चला, जिससे किसान को 1925 रुपये प्रति कुंतल न्यूनतम समर्थन मूल्य भी नसीब नहीं हुआ.

किसानों के प्रति अन्याय
अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में अभी तक 20 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा गन्ना किसानों का भुगतान बकाया है. चीनी मिलें बंद हो रही हैं. किसानों का गन्ना खेतों में खड़ा है. भाजपा सरकार गन्ना किसानों को राहत देने के बजाए मिल मालिकों के कथित घाटे को लेकर ज्यादा चिन्तित है. सरकार ने भुगतान कराने के बजाय किसानों को तीन बोरी चीनी खरीदने की सलाह दी है. चीनी की बोरी 3150 रुपये की होगी जिस पर 157 रुपये जीएसटी भी अदा करना होगा. किसानों के प्रति यह अन्याय है.

अखिलेश ने कहा कि इन दिनों खरीफ की बुवाई का समय है. धान रोपने की तैयारी किसानों ने शुरू कर दी हैं, लेकिन भाजपा सरकार की तरफ से कोई राहत-सुविधा नहीं मिल रही है. गुणवत्ता वाला धान का बीज उपलब्ध नहीं हो पा रहा है. हाईब्रिड धान का बीज 300 रुपया प्रति किलो से ज्यादा में बिक रहा है.

किसान अन्नदाता है, भिखारी नहीं
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी की मांग है कि सरकार किसानों की गरिमा को गिरवी न होने दे. किसान अन्नदाता है, भिखारी नहीं. लॉकडाउन में फसलों के दाम गिरने से किसानों की बदहाली में बहुत इजाफा हुआ है. भाजपा सरकार अब उस पर रहम करे और बीज, खाद, उपकरण, कीटनाशक आदि सस्ते दाम पर उपलब्ध कराएं. भण्डारण, संरक्षण की उचित व्यवस्था हो, ब्याज पर कर्ज की व्यवस्था समाप्त हो. किसानों को तत्काल कार्यपूंजी देने का इंतजाम हो.

लखनऊ: सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा पर निशाना साधते हुआ कहा कि बीजेपी सरकार समझती है कि कोरोना की आड़ में अन्य बुनियादी गंभीर समस्याओं की अनदेखी की जा सकती है. जहां एक तरफ विस्थापित श्रमिकों और बेरोजगार नौजवानों के सामने भविष्य की चिंता है, वहीं किसानों की बदहाली ने खेती के सामने संकट पैदा कर दिया है. इस संकट के लिए भाजपा की डबल इंजन की सरकारें जिम्मेदार हैं.

अखिलेश यादव ने कहा कि टीम इलेवन और भाजपा मंत्रिमण्डल की बैठकों में किसानों को वास्तविक राहत देने के उपायों पर सोच विचार की जगह हवाई रोजगार पैदा करने पर ही जोर दिया जा रहा है. मुख्यमंत्री किसानों की समस्याओं पर गौर नहीं चाहते हैं. भाजपा का किसानों के हितों से कभी कोई लेना-देना नहीं रहा है.

उन्होंने कहा कि सपा ने किसानों की परेशानियों से संबंधित मुद्दों को कई बार उठाया, लेकिन भाजपा सरकार अपने कानों पर हाथ धरे बैठी है. समाजवादी पार्टी किसान का अन्नदाता के रूप में सम्मान करती है और इसीलिए समाजवादी सरकार में बजट का 75 प्रतिशत भाग खेती-गांव के लिए रखा गया था.

किसानों की फसल हुई बर्बाद
सपा अध्यक्ष ने कहा कि बे-मौसम बरसात ने किसानों को तबाह किया, लेकिन बाजार बंदी से उनकी फल-सब्जियों की मांग ही नहीं रही. दूध, मछली, आम और फूल का व्यवसाय चौपट हो गया. किसानों ने मजबूरी में खेतों से कई फसलें उजाड़ दीं. सरकारी दावों के बावजूद गेहूं खरीद के क्रय केन्द्रों का कोई अता-पता नहीं चला, जिससे किसान को 1925 रुपये प्रति कुंतल न्यूनतम समर्थन मूल्य भी नसीब नहीं हुआ.

किसानों के प्रति अन्याय
अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में अभी तक 20 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा गन्ना किसानों का भुगतान बकाया है. चीनी मिलें बंद हो रही हैं. किसानों का गन्ना खेतों में खड़ा है. भाजपा सरकार गन्ना किसानों को राहत देने के बजाए मिल मालिकों के कथित घाटे को लेकर ज्यादा चिन्तित है. सरकार ने भुगतान कराने के बजाय किसानों को तीन बोरी चीनी खरीदने की सलाह दी है. चीनी की बोरी 3150 रुपये की होगी जिस पर 157 रुपये जीएसटी भी अदा करना होगा. किसानों के प्रति यह अन्याय है.

अखिलेश ने कहा कि इन दिनों खरीफ की बुवाई का समय है. धान रोपने की तैयारी किसानों ने शुरू कर दी हैं, लेकिन भाजपा सरकार की तरफ से कोई राहत-सुविधा नहीं मिल रही है. गुणवत्ता वाला धान का बीज उपलब्ध नहीं हो पा रहा है. हाईब्रिड धान का बीज 300 रुपया प्रति किलो से ज्यादा में बिक रहा है.

किसान अन्नदाता है, भिखारी नहीं
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी की मांग है कि सरकार किसानों की गरिमा को गिरवी न होने दे. किसान अन्नदाता है, भिखारी नहीं. लॉकडाउन में फसलों के दाम गिरने से किसानों की बदहाली में बहुत इजाफा हुआ है. भाजपा सरकार अब उस पर रहम करे और बीज, खाद, उपकरण, कीटनाशक आदि सस्ते दाम पर उपलब्ध कराएं. भण्डारण, संरक्षण की उचित व्यवस्था हो, ब्याज पर कर्ज की व्यवस्था समाप्त हो. किसानों को तत्काल कार्यपूंजी देने का इंतजाम हो.

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