ETV Bharat / state

सीएम योगी 'मंत्र' के सहारे जनता को कर रहे गुमराह: अखिलेश यादव - सीएम योगी खबर

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है. उनका कहना है कि सीएम का बिना किसी काम किए इतना समय कट गया है तो चलते-चलते कुछ नहीं तो ‘मंत्र‘ के सहारे ही राज्य की जनता को गुमराह किया जा सकता है.

अखिलेश यादव.
अखिलेश यादव.
author img

By

Published : Oct 18, 2020, 7:56 PM IST

लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर तंज कसा है. सरकार के का काज पर एक बयान जारी कर अखिलेश यादव ने कहा कि सीएम योगी अपनी हवाई आदत से मजबूर हैं. उनकी सरकार का अब चौथा वर्ष चल रहा है. बड़ी-बड़ी घोषणाओं और आश्वासनों में दिन बीत गए. सीएम योगी का बिना किसी काम किए इतना समय कट गया है तो चलते-चलते कुछ नहीं तो ‘मंत्र‘ के सहारे राज्य की जनता को गुमराह किया जा सकता है.

पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने बयान जारी कर कहा कि न रोजगार, न किसानों के साथ न्याय, न कानून व्यवस्था का राज और न ही विकास का बुनियादी ढांचा तैयार किया गया. बावजूद इसके प्रदेश में भाजपा सरकार चल रही है. तीन लाख रोजगार तीन वर्षों में कहां और कैसे उपलब्ध कराए गए हैं? कोरोना संक्रमण थम नहीं रहा है. राज्य की आर्थिक स्थिति इतनी खराब है कि किसानों के लाभ की कई योजनाएं बंद हो रही हैं. गन्ना किसान को भुगतान नहीं करने वाले चीनी मिलों पर कार्रवाई के नाम पर सरकार चुप क्यों है.

विकास की दौड़ में लगातार पिछड़ रहा राज्य
अखिलेश यादव ने कहा कि सड़कें गड्ढा मुक्त करने की तारीखें तो कई बार बदल चुकी हैं, लेकिन अभी तक इस सड़कों में कुछ सुधार नहीं है. जहां भी सड़कें बनती हैं, वे भी कुछ दिनों बाद ही गड्ढों में तब्दील हो जाती हैं. राज्य में पूंजी निवेश का हल्ला मचा, हासिल कुछ नहीं हुआ. निवेशक सम्मेलन के नाम पर तामझाम, दावत, सत्कार में जितनी धनराशि फूंकी गई, उतना ही किसी उद्योग में नहीं लगाई गई. राज्य विकास की दौड़ में लगातार पिछड़ता जा रहा है.

शिक्षा-स्वास्थ्य के क्षेत्र में सर्वाधिक गिरावट
उन्होंने कहा कि शिक्षा व स्वास्थ्य के क्षेत्र में सर्वाधिक गिरावट है. शिक्षा संस्थान छह महीनों से बंद हैं. ऑनलाइन पढ़ाई सिर्फ मजाक है. प्राथमिक और नर्सरी के बच्चों का कोई पुरसाहाल नहीं है. अभिभावक अभी भी कोरोना से डरे सहमें हैं, अपने बच्चों को वे स्कूल नहीं भेजना चाहते हैं. अस्पतालों में दवाइयां नहीं मिलती हैं और डाॅक्टर नियमित ओपीडी में नहीं बैठते हैं. इतना ही नहीं, गर्भवती महिलाओं को समय से इलाज नहीं मिलता है. सरकार बताए कि आखिर कितने मेडिकल काॅलेज उनके कार्यकाल में तैयार हुए हैं?

प्रवासी मजदूर नौकरियों के लिए कर रहे पलायन
अखिलेश यादव ने कहा कि कोरोना संकट काल में जो प्रवासी श्रमिक आए, उनके लिए किए गए वादों में से एक भी नहीं पूरे किए गए. मजबूरन प्रवासी मजदूर दूसरे प्रदेशों में नौकरियां पाने के लिए फिर पलायन कर रहे हैं. सरकार के पास प्रवासी मजदूरों के सही आंकड़े भी नहीं है, फिर वह उनको कैसे राहत देंगे? कानून व्यवस्था के हालात बदतर है.

झांसी में जनवरी से अब तक दुष्कर्म के 65 मामले सामने आए हैं. इनमें 40 नाबालिग दरिंदो की हवस का शिकार बनी, जबकि मेरठ में एक जूडो कराटे खिलाड़ी छात्रा दुष्कर्म की शिकार हुई. वहीं लखीमपुर खीरी के मोहम्मदी क्षेत्र में महिला सिपाही से छेड़खानी करने वाले को भाजपा विधायक एवं पार्टी के नगर अध्यक्ष ने थाने से जबरन छुड़ा लिया.

उत्तर प्रदेश बना अपराध प्रदेश
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार की विकास की कोई योजना न होने से उत्तर प्रदेश अब अपराध प्रदेश बनकर रह गया है. यहां बच्चियां सर्वाधिक असुरक्षित हैं. उद्योग धंधे चैपट होने से बेरोजगारी चरम पर है. सरकार का कोई अंकुश न होने से मंहगाई की मार से लोग परेशान है. समाज का कोई वर्ग ऐसा नहीं जो भयग्रस्त न हो. प्रदेश में लोग दहशत में जी रहे हैं और वे अपना बदला लेने के लिए वर्ष 2022 के चुनावों की प्रतीक्षा कर रहे हैं.

लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर तंज कसा है. सरकार के का काज पर एक बयान जारी कर अखिलेश यादव ने कहा कि सीएम योगी अपनी हवाई आदत से मजबूर हैं. उनकी सरकार का अब चौथा वर्ष चल रहा है. बड़ी-बड़ी घोषणाओं और आश्वासनों में दिन बीत गए. सीएम योगी का बिना किसी काम किए इतना समय कट गया है तो चलते-चलते कुछ नहीं तो ‘मंत्र‘ के सहारे राज्य की जनता को गुमराह किया जा सकता है.

पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने बयान जारी कर कहा कि न रोजगार, न किसानों के साथ न्याय, न कानून व्यवस्था का राज और न ही विकास का बुनियादी ढांचा तैयार किया गया. बावजूद इसके प्रदेश में भाजपा सरकार चल रही है. तीन लाख रोजगार तीन वर्षों में कहां और कैसे उपलब्ध कराए गए हैं? कोरोना संक्रमण थम नहीं रहा है. राज्य की आर्थिक स्थिति इतनी खराब है कि किसानों के लाभ की कई योजनाएं बंद हो रही हैं. गन्ना किसान को भुगतान नहीं करने वाले चीनी मिलों पर कार्रवाई के नाम पर सरकार चुप क्यों है.

विकास की दौड़ में लगातार पिछड़ रहा राज्य
अखिलेश यादव ने कहा कि सड़कें गड्ढा मुक्त करने की तारीखें तो कई बार बदल चुकी हैं, लेकिन अभी तक इस सड़कों में कुछ सुधार नहीं है. जहां भी सड़कें बनती हैं, वे भी कुछ दिनों बाद ही गड्ढों में तब्दील हो जाती हैं. राज्य में पूंजी निवेश का हल्ला मचा, हासिल कुछ नहीं हुआ. निवेशक सम्मेलन के नाम पर तामझाम, दावत, सत्कार में जितनी धनराशि फूंकी गई, उतना ही किसी उद्योग में नहीं लगाई गई. राज्य विकास की दौड़ में लगातार पिछड़ता जा रहा है.

शिक्षा-स्वास्थ्य के क्षेत्र में सर्वाधिक गिरावट
उन्होंने कहा कि शिक्षा व स्वास्थ्य के क्षेत्र में सर्वाधिक गिरावट है. शिक्षा संस्थान छह महीनों से बंद हैं. ऑनलाइन पढ़ाई सिर्फ मजाक है. प्राथमिक और नर्सरी के बच्चों का कोई पुरसाहाल नहीं है. अभिभावक अभी भी कोरोना से डरे सहमें हैं, अपने बच्चों को वे स्कूल नहीं भेजना चाहते हैं. अस्पतालों में दवाइयां नहीं मिलती हैं और डाॅक्टर नियमित ओपीडी में नहीं बैठते हैं. इतना ही नहीं, गर्भवती महिलाओं को समय से इलाज नहीं मिलता है. सरकार बताए कि आखिर कितने मेडिकल काॅलेज उनके कार्यकाल में तैयार हुए हैं?

प्रवासी मजदूर नौकरियों के लिए कर रहे पलायन
अखिलेश यादव ने कहा कि कोरोना संकट काल में जो प्रवासी श्रमिक आए, उनके लिए किए गए वादों में से एक भी नहीं पूरे किए गए. मजबूरन प्रवासी मजदूर दूसरे प्रदेशों में नौकरियां पाने के लिए फिर पलायन कर रहे हैं. सरकार के पास प्रवासी मजदूरों के सही आंकड़े भी नहीं है, फिर वह उनको कैसे राहत देंगे? कानून व्यवस्था के हालात बदतर है.

झांसी में जनवरी से अब तक दुष्कर्म के 65 मामले सामने आए हैं. इनमें 40 नाबालिग दरिंदो की हवस का शिकार बनी, जबकि मेरठ में एक जूडो कराटे खिलाड़ी छात्रा दुष्कर्म की शिकार हुई. वहीं लखीमपुर खीरी के मोहम्मदी क्षेत्र में महिला सिपाही से छेड़खानी करने वाले को भाजपा विधायक एवं पार्टी के नगर अध्यक्ष ने थाने से जबरन छुड़ा लिया.

उत्तर प्रदेश बना अपराध प्रदेश
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार की विकास की कोई योजना न होने से उत्तर प्रदेश अब अपराध प्रदेश बनकर रह गया है. यहां बच्चियां सर्वाधिक असुरक्षित हैं. उद्योग धंधे चैपट होने से बेरोजगारी चरम पर है. सरकार का कोई अंकुश न होने से मंहगाई की मार से लोग परेशान है. समाज का कोई वर्ग ऐसा नहीं जो भयग्रस्त न हो. प्रदेश में लोग दहशत में जी रहे हैं और वे अपना बदला लेने के लिए वर्ष 2022 के चुनावों की प्रतीक्षा कर रहे हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.