लखनऊः समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा राज में गरीबों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ आम बात है. सबका साथ, सबका विकास नारे से गरीब ही गायब हैं. गरीबों के अनाज पर भी डाका पड़ने लगा है. राज्य भंडारण निगम में करोड़ों की धांधली सामने आई है. सीतापुर के नेरी कला केन्द्र में 23,148 बोरे अनाज के गबन होने की रिपोर्ट है. इसकी कीमत सात से आठ करोड़ रूपये बताई जाती है. इस डिपों से गरीबों को बंटने वाला चावल भी खराब किस्म का मिला है. 20-20 किलों की बोरियों में भरा गया चावल का रंग भी पीला बताया गया है.
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज कहा कि सत्ता संरक्षित घोटालेबाजों ने गरीब बच्चों के निवाले को भी नहीं छोड़ा. मिड-डे-मील योजना में भ्रष्टाचार में उत्तर प्रदेश नम्बर एक पर है. बच्चों को पौष्टिक आहार देने की जो व्यवस्था समाजवादी सरकार में शुरू हुई थी भाजपा सरकार ने आते ही उसमें भी घोटाला कर दिया.
कानपुर में भीतरगांव के एकीकृत उच्च प्राथमिक विद्यालय में जहरीला मिड-डे-मील खाने से 50 बच्चों की हालत बिगड़ गई. ऐसी शिकायतें अन्य स्थानों से भी मिलती रही हैं.
उन्होंने कहा कि गरीबों को राहत का झूठा दिखावा करने वाली भाजपा सरकार की संवेदन शून्यता चरम पर है. जाड़े में गरीब ठिठुर रहे हैं. उन्हें कंबल बांटने की अफसरों को सुध नहीं है.
अस्पतालों में बनाए गए रैन बसेरों में अव्यवस्था के चलते लोग उसमें ठहरने से परहेज करते हैं. यही भाजपा का अमानवीय आचरण है.
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उन्होंने कहा कि तमाम रैन बसेरों में साफ-सफाई केवल कागजों पर होती है. गरीबों को फटे पुराने गद्दों में लेटना पड़ता है. अस्पतालों में तो हालत और बुरी है. मरीजों के रिश्तेदार वार्ड के बाहर ही रात बिताने को मजबूर हैं. तीमारदारों को सर्दी से बचाने की कोई व्यवस्था नहीं है, जो हालात है उनमें कोरोना प्रोटोकॉल के पालन की तो उम्मीद ही नहीं की जा सकती है. संक्रमण का खतरा हर जगह बना हुआ है.
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार को गरीबों की सर्दी से होने वाली परेशानियों से कोई मतलब नहीं है. यहां सर्दी होते ही लकड़ी और कोयले की कीमतें लगभग दोगुनी हो गईं हैं.
सब्जी, खाद्य पदार्थों के दाम पहले से ही बढ़े हैं. बिजली की दरें भी सरकार ने बढ़ा रखी हैं. कोरोना काल में तमाम लोग बेरोजगार भी हो गए हैं. गरीब और मध्यमवर्ग के लोगों को तकलीफें बहुत बढ़ गई हैं. जनता को भाजपा राज से कोई उम्मीद नहीं रह गई है. अब वह चाहती है प्रदेश में समाजवादी सरकार बने क्योंकि उसकी खुशहाली की कारगर नीतियां तभी लागू होगी. गरीब और गरीबी से तो भाजपा को चिढ़ है. उसे तो बस पूंजी घरानों का साथ पसंद है.
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