लखनऊ: समाजवादी पार्टी (samajwadi Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने कहा है कि देश में लोकतंत्र (Democracy) और संवैधानिक संस्थाओं (constitutional institutions) को कमजोर करने की जो शासकीय प्रवृत्तियां दिख रही हैं. उससे आपातकाल के दिनों की आशंकाएं गहरा रही हैं. भाजपा सरकार उन्हीं दिनों की तरह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता (freedom of expression) पर प्रहार कर रही है.
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने जारी बयान में कहा कि विरोध के स्वरों को कुचलने के प्रयासों में अब भाजपा सरकार ईडी, सीबीआई जैसे हथियारों के प्रयोग कर रही है. साथ ही फर्जी रिपोर्टों के आधार पर जेल भिजवाने का काम भी करने लगी है. विपक्ष के कार्यक्रमों पर बंदिश लगाने के साथ उसके नेताओं की गिरफ्तारी भी आम बात हो गई है. इन क्षणों में बरबस सबका ध्यान लोकनायक जयप्रकाश नारायण (Loknayak Jai Prakash Narayan) की ओर जाता है, जिन्होंने तब सत्ता के जोर जुल्म के खिलाफ युवा शक्ति का नेतृत्व किया था. अन्याय के सतत प्रतिरोध का आह्वान प्रखर समाजवादी डाॅ. राममनोहर लोहिया (Rammanohar Lohia) का था. समाजवादी पार्टी उन्हीं के रास्ते पर चलने को प्रतिबद्ध है. इसलिए चाहे गोरखपुर हो, उन्नाव या लखीमपुर खीरी जब कहीं अत्याचार होता दिखाई दिया समाजवादी संघर्ष में पीछे नहीं रहे.
अखिलेश ने कहा कि भाजपा राज में आज समाज का हर वर्ग परेशान है. किसानों के साथ सत्तादल ने धोखा किया है. शांतिप्रिय ढंग से आंदोलन कर रहे किसानों पर गाड़ियां चढ़ाकर उन्हें बुरी तरह कुचलने का काम भी किया है. नौजवान जब अपने अंधेरे भविष्य को देखते हुए रोजगार की मांग करते हैं तो उन पर लाठियां बरसती हैं. महिलाओं और बच्चियों के साथ दुष्कर्म (Rape With Girls) के मामले में उत्तर प्रदेश की खासी बदनामी हुई है. व्यापारियों की लूट और हत्या की शर्मनाक घटनाएं थम नहीं रही हैं. फर्जी केसों में गिरफ्तारी, हिरासत में मौतें और फर्जी एनकाउंटर के खिलाफ मानवाधिकार आयोग (Human Right Commission) कितनी ही नोटिसें भाजपा की राज्य सरकार को दे चुका है.
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अखिलेश का आरोप है कि भाजपा का काम केवल झूठ का प्रचार, नफरत का विस्तार और जाल फरेब से राजनीति के लिए तिकड़म करना है. लिहाजा, आगामी विधानसभा चुनाव लोकतंत्र की सुरक्षा के लिए बहुत महत्व का साबित होगा. इससे देश की राजनीति में परिवर्तन आएगा. भाजपा की एकाधिकारी मानसिकता का भी इससे सफाया होगा. जनता अब भाजपाई तानाशाही से ऊब चुकी है. ऐसे में प्रदेश की जनता 2022 में समाजवादी सरकार बनाने के लिए मतदान करेगी.