लखनऊ: सपा मुखिया अखिलेश यादव गुरुवार को पार्टी मुख्यालय पर अपने सभी विधायकों के साथ दूसरे दिन भी बैठक कर रहे हैं. विधान परिषद की 12 सीटों पर हो रहे चुनाव के लिए यह बैठक अहम मानी जा रही है. इस बैठक में समाजवादी पार्टी के घोषित दोनों प्रत्याशियों को जिताने की रणनीति बनाई जा रही है.
चुनाव आयोग ने विधान परिषद की 12 सीटों पर चुनाव की तारीखों का एलान कर दिया है. इसकी अधिसूचना 11 जनवरी को जारी हो चुकी है. इसी के साथ नामांकन पत्र खरीद भी शुरू हो गई है. मतदान 28 जनवरी को होगा. इसी दिन शाम को मतगणना होगी. विधान परिषद की 12 सीटें 30 जनवरी को रिक्त हो रही हैं. इनमें सपा की छह, बसपा और भाजपा की तीन-तीन सीटें शामिल हैं.
विधान परिषद चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी ने अपने दो प्रत्याशियों के नामों की घोषणा की है. सपा ने अहमद हसन और राजेंद्र चौधरी को अपना प्रत्याशी बनाया है. समाजवादी पार्टी इस चुनाव में एक प्रत्याशी को जिताने की स्थिति में है, जबकि दूसरे प्रत्याशी को जिताने के लिए दूसरे दलों का भी सहारा लेना पड़ सकता है.
राज्यसभा चुनाव में मायावती ने कहा था सपा को चखाऊंगी मजा
2019 के लोकसभा चुनाव के बाद सपा-बसपा का गठबंधन टूट गया था और प्रदेश में हुए राज्यसभा चुनाव के दौरान बसपा सुप्रीमो मायावती ने विधान परिषद के चुनाव में समाजवादी पार्टी को मजा चखाने की बात कही थी. 28 जनवरी को विधान परिषद के चुनाव होने हैं. मायावती के तेवर देखकर कयास लगाए जा रहे हैं कि बसपा के विधायक किसी हालत में समाजवादी पार्टी के विधायकों का समर्थन नहीं करेंगे.
विधायकों ने कहा था बन रही रणनीति
बुधवार की देर शाम अखिलेश यादव की मीटिंग से बाहर निकले विधायकों ने कहा था कि समाजवादी पार्टी के दोनों प्रत्याशियों को जिताने की रणनीति सपा बना रही है. इस चुनाव में समाजवादी पार्टी अपने दोनों प्रत्याशियों को जिताने में कामयाब भी होगी.
समाजवादी पार्टी के पास 49 मत
बताते चलें कि समाजवादी पार्टी के पास 49 मत हैं और एक विधान परिषद सदस्य बनाने के लिए 32 मतों की आवश्यकता पड़ेगी. ऐसे में समाजवादी पार्टी के पास अतिरिक्त 17 मत शेष हैं. अपने दूसरे प्रत्याशी को जिताने के लिए सपा क्या रणनीति बनाती है यह देखने वाली बात है.