ETV Bharat / state

अखिलेश यादव ने निभाई सियासी दोस्ती, प्रमोद तिवारी की बेटी के खिलाफ नहीं उतारा प्रत्याशी

सियासी दोस्ती के चलते सपा मुखिया अखिलेश यादव ने प्रमोद तिवारी की बेटी के खिलाफ अपना प्रत्याशी नहीं उतारा है. इसके एवज में कांग्रेस ने भी अखिलेश यादव के खिलाफ प्रत्याशी न उतारकर उन्हें सपोर्ट किया है. इसी तरह सियासी दोस्ती के रिश्ते राजा भैया ने भी निभाए हैं. इससे चुनाव लड़ने वाले कैंडीडेट के रास्ते आसान हो गए हैं.

etv bharat
अखिलेश यादव ने निभाई सियासी दोस्ती
author img

By

Published : Feb 10, 2022, 7:58 AM IST

लखनऊ: राजनीत में एक-दूसरे के खिलाफ हमलावर होने के तमाम मौके देखे गए हैं. वहीं, कुछ ऐसे मौके भी आए हैं जब राजनीतिक दलों में नेताओं के बीच सियासी दोस्ती भी देखने को मिली है. इससे एक दूसरे के खिलाफ उम्मीदवार न उतारकर चुनावी राह आसान करने को लेकर वॉकओवर दिया गया है. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी की बेटी आराधना मिश्रा उर्फ मोना के खिलाफ उम्मीदवार नहीं उतारा है. जो एक सियासी दोस्ती की कहानी बयां कर रही है.

गौरतलब है कि आराधना मिश्रा उर्फ मोना प्रतापगढ़ के रामपुर खास विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस पार्टी की प्रत्याशी हैं और इस विधानसभा क्षेत्र में समाजवादी पार्टी ने अपना उम्मीदवार चुनाव मैदान में नहीं उतारा है. इसके पीछे अखिलेश यादव और प्रमोद तिवारी के बीच राजनीतिक रिश्ते ही हैं. वहीं इसे कांग्रेस पार्टी की तरफ से मैनपुरी के करहल क्षेत्र से अखिलेश यादव के खिलाफ प्रत्याशी न खड़ा करने से भी जोड़कर देखा जा रहा है. हालांकि इससे पहले भी समाजवादी पार्टी और प्रमोद तिवारी के बीच सियासी रिश्ते जग जाहिर रहे हैं. समाजवादी पार्टी के सहयोग से ही प्रमोद तिवारी राज्यसभा सांसद निर्वाचित हुए थे. यही नहीं उत्तर प्रदेश की सियासत में प्रमोद तिवारी के रिश्ते सभी राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ बेहतर माने जाते हैं.

यह भी पढ़ें- कांग्रेस ने घोषणापत्र के फ्रंट पर नहीं लगाई प्रियंका गांधी की तस्वीर, जानिए क्या है इसके पीछे कारण

खास बात यह भी है कि प्रतापगढ़ की रामपुर खास विधानसभा क्षेत्र में जनसत्ता दल लोकतांत्रिक ने भी अपना उम्मीदवार नहीं उतारा है. यह पार्टी रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया की है. राजा भैया व प्रमोद तिवारी के बीच भी सियासी रिश्ते की वजह से उन्होंने प्रमोद तिवारी की बेटी के खिलाफ उम्मीदवार न उतारकर सियासी दोस्ती की नजीर पेश की है. मुख्य रूप से समाजवादी पार्टी और जनसत्ता दल लोकतांत्रिक की तरफ से रामपुर खास विधानसभा क्षेत्र में अपने-अपने उम्मीदवार न उतारने से आराधना मिश्रा मोना की चुनावी राह आसान कर दी गई है और उन्हें पूरी तरह से वॉकओवर दिया गया है.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

लखनऊ: राजनीत में एक-दूसरे के खिलाफ हमलावर होने के तमाम मौके देखे गए हैं. वहीं, कुछ ऐसे मौके भी आए हैं जब राजनीतिक दलों में नेताओं के बीच सियासी दोस्ती भी देखने को मिली है. इससे एक दूसरे के खिलाफ उम्मीदवार न उतारकर चुनावी राह आसान करने को लेकर वॉकओवर दिया गया है. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी की बेटी आराधना मिश्रा उर्फ मोना के खिलाफ उम्मीदवार नहीं उतारा है. जो एक सियासी दोस्ती की कहानी बयां कर रही है.

गौरतलब है कि आराधना मिश्रा उर्फ मोना प्रतापगढ़ के रामपुर खास विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस पार्टी की प्रत्याशी हैं और इस विधानसभा क्षेत्र में समाजवादी पार्टी ने अपना उम्मीदवार चुनाव मैदान में नहीं उतारा है. इसके पीछे अखिलेश यादव और प्रमोद तिवारी के बीच राजनीतिक रिश्ते ही हैं. वहीं इसे कांग्रेस पार्टी की तरफ से मैनपुरी के करहल क्षेत्र से अखिलेश यादव के खिलाफ प्रत्याशी न खड़ा करने से भी जोड़कर देखा जा रहा है. हालांकि इससे पहले भी समाजवादी पार्टी और प्रमोद तिवारी के बीच सियासी रिश्ते जग जाहिर रहे हैं. समाजवादी पार्टी के सहयोग से ही प्रमोद तिवारी राज्यसभा सांसद निर्वाचित हुए थे. यही नहीं उत्तर प्रदेश की सियासत में प्रमोद तिवारी के रिश्ते सभी राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ बेहतर माने जाते हैं.

यह भी पढ़ें- कांग्रेस ने घोषणापत्र के फ्रंट पर नहीं लगाई प्रियंका गांधी की तस्वीर, जानिए क्या है इसके पीछे कारण

खास बात यह भी है कि प्रतापगढ़ की रामपुर खास विधानसभा क्षेत्र में जनसत्ता दल लोकतांत्रिक ने भी अपना उम्मीदवार नहीं उतारा है. यह पार्टी रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया की है. राजा भैया व प्रमोद तिवारी के बीच भी सियासी रिश्ते की वजह से उन्होंने प्रमोद तिवारी की बेटी के खिलाफ उम्मीदवार न उतारकर सियासी दोस्ती की नजीर पेश की है. मुख्य रूप से समाजवादी पार्टी और जनसत्ता दल लोकतांत्रिक की तरफ से रामपुर खास विधानसभा क्षेत्र में अपने-अपने उम्मीदवार न उतारने से आराधना मिश्रा मोना की चुनावी राह आसान कर दी गई है और उन्हें पूरी तरह से वॉकओवर दिया गया है.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.