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अखिलेश ने की मांग, 'गरीब विद्यार्थियों को स्मार्टफोन उपलब्ध कराए सरकार'

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Published : Sep 23, 2020, 6:14 PM IST

अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर छात्रों की पढ़ाई को लेकर तंज कसा है. उन्होंने सरकार से मांग की है कि छात्रों को स्मार्ट फोन और लैपटॉप दें. उनका कहना है कि लाॅकडाउन में रोटी-रोजगार की भी परेशानी बढ़ी है, जिसके दो या तीन बच्चे पढ़ने वाले हैं वे हर एक के लिए कहां से फोन, लैपटॉप की व्यवस्था कर पाएंगे.

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अखिलेश यादव (फ़ाइल फोटो).

लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कोरोना काल के दौरान छात्रों की प्रभावित हो रही पढ़ाई को लेकर सरकार से मांग की है. अखिलेश यादव ने ग़रीब विद्यार्थियों को स्मार्टफोन, नेटवर्क और बेहतर बिजली उपलब्ध कराने की मांग उठाई है.

सरकार पर हमला बोलते हुए पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि चुनाव रैली के लिए लाखों एलईडी टीवी लगवाकर अरबों का प्रचार फण्ड खर्च करने वाली भाजपा सरकार के पास क्या शिक्षकों और विद्यार्थियों के लिए ऑनलाइन शिक्षण की व्यवस्था करने का फण्ड नहीं है. भाजपा सरकार ईमानदारी से पीएम केयर्स फण्ड को जनता का फण्ड बनाए और देश के भविष्य की चिंता करे.

बुधवार को सरकार को घेरते हुए अखिलेश ने कहा कि कोरोना संक्रमण के बढ़ते दौर में शिक्षा की निरंतरता के लिए स्कूल-काॅलेज खोलना सुरक्षित विकल्प नहीं है. ऐसे में सरकार को चाहिए कि वह गरीब परिवार के प्रति विद्यार्थी को एक स्मार्टफोन, नेटवर्क और बिजली उपलब्ध कराएं साथ ही टीचरों को भी घरों पर डिजिटल अध्यापन के लिए निःशुल्क हार्डवेयर दे.

अखिलेश ने कहा कि समाजवादी सरकार ने दूरदर्शिता में प्रदेश के मेधावी छात्रों को लैपटॉप दिए थे जो आज ऑनलाइन शिक्षण में काम आ रहे हैं. भाजपा सरकार ने तो अपने 2017 के चुनाव घोषणापत्र में युवाओं को लैपटाप देने का वादा किया था. उसने यह भी कहा था कि काॅलेजों में दाखिला लेने पर प्रदेश के सभी युवाओं को बिना जाति-धर्म के भेदभाव के मुफ्त लैपटॉप दिया जाएगा.

काॅलेज में दाखिला लेने वाले युवाओं को स्वामी विवेकानन्द युवा इण्टरनेट योजना के अंतर्गत प्रतिमाह 1 जीबी इंटरनेट मुफ्त दिया जाएगा. सभी कालेजों, विश्वविद्यालयों में मुफ्त वाईफाई देने का वादा भी उनके कथित लोककल्याण संकल्पपत्र 2017 में किया गया था. ये वादे भाजपा के दूसरे वादों की तरह बस उनके संकल्प पत्र में ही लिखे रह गए.

सपा मुखिया अखिलेश यादव ने सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि सच तो यह है कि ऑनलाइन शिक्षण व्यवस्था भी भाजपा सरकार की भटकाऊ नीति का ही एक अंग है. गांवों में रहने वाले छात्र-छात्राओं को बिजली की किल्लत रहती है, नेटवर्क काम नहीं करता है, गरीब घरों में लैपटॉप, स्मार्टफोन नहीं है. लाॅकडाउन में रोटी-रोजगार की भी परेशानी बढ़ी है, जिसके दो या तीन बच्चे पढ़ने वाले हैं वे हरेक के लिए कहां से फोन, लैपटॉप की व्यवस्था कर पाएंगे? भाजपा दिखावे के काम करने में माहिर है, सच्चाई से वह दूर भागती है.

लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कोरोना काल के दौरान छात्रों की प्रभावित हो रही पढ़ाई को लेकर सरकार से मांग की है. अखिलेश यादव ने ग़रीब विद्यार्थियों को स्मार्टफोन, नेटवर्क और बेहतर बिजली उपलब्ध कराने की मांग उठाई है.

सरकार पर हमला बोलते हुए पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि चुनाव रैली के लिए लाखों एलईडी टीवी लगवाकर अरबों का प्रचार फण्ड खर्च करने वाली भाजपा सरकार के पास क्या शिक्षकों और विद्यार्थियों के लिए ऑनलाइन शिक्षण की व्यवस्था करने का फण्ड नहीं है. भाजपा सरकार ईमानदारी से पीएम केयर्स फण्ड को जनता का फण्ड बनाए और देश के भविष्य की चिंता करे.

बुधवार को सरकार को घेरते हुए अखिलेश ने कहा कि कोरोना संक्रमण के बढ़ते दौर में शिक्षा की निरंतरता के लिए स्कूल-काॅलेज खोलना सुरक्षित विकल्प नहीं है. ऐसे में सरकार को चाहिए कि वह गरीब परिवार के प्रति विद्यार्थी को एक स्मार्टफोन, नेटवर्क और बिजली उपलब्ध कराएं साथ ही टीचरों को भी घरों पर डिजिटल अध्यापन के लिए निःशुल्क हार्डवेयर दे.

अखिलेश ने कहा कि समाजवादी सरकार ने दूरदर्शिता में प्रदेश के मेधावी छात्रों को लैपटॉप दिए थे जो आज ऑनलाइन शिक्षण में काम आ रहे हैं. भाजपा सरकार ने तो अपने 2017 के चुनाव घोषणापत्र में युवाओं को लैपटाप देने का वादा किया था. उसने यह भी कहा था कि काॅलेजों में दाखिला लेने पर प्रदेश के सभी युवाओं को बिना जाति-धर्म के भेदभाव के मुफ्त लैपटॉप दिया जाएगा.

काॅलेज में दाखिला लेने वाले युवाओं को स्वामी विवेकानन्द युवा इण्टरनेट योजना के अंतर्गत प्रतिमाह 1 जीबी इंटरनेट मुफ्त दिया जाएगा. सभी कालेजों, विश्वविद्यालयों में मुफ्त वाईफाई देने का वादा भी उनके कथित लोककल्याण संकल्पपत्र 2017 में किया गया था. ये वादे भाजपा के दूसरे वादों की तरह बस उनके संकल्प पत्र में ही लिखे रह गए.

सपा मुखिया अखिलेश यादव ने सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि सच तो यह है कि ऑनलाइन शिक्षण व्यवस्था भी भाजपा सरकार की भटकाऊ नीति का ही एक अंग है. गांवों में रहने वाले छात्र-छात्राओं को बिजली की किल्लत रहती है, नेटवर्क काम नहीं करता है, गरीब घरों में लैपटॉप, स्मार्टफोन नहीं है. लाॅकडाउन में रोटी-रोजगार की भी परेशानी बढ़ी है, जिसके दो या तीन बच्चे पढ़ने वाले हैं वे हरेक के लिए कहां से फोन, लैपटॉप की व्यवस्था कर पाएंगे? भाजपा दिखावे के काम करने में माहिर है, सच्चाई से वह दूर भागती है.

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