लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रदेश की योगी सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि बुनियादी मुद्दों से भटकाने में भाजपा सरकार का कोई जवाब नहीं है. नीति आयोग की रिपोर्ट में बीमार स्वास्थ्य सेवाओं में उत्तर प्रदेश नंबर एक पर है. चार साल की भाजपा सरकार में यूपी का हेल्थ इन्डेक्स स्कोर 5.08 प्वाइंट गिरकर 2015-16 के 33.69 प्वाइंट से भी गिरकर 28.61 प्वाइंट पर आ गया है. भुखमरी में भी यूपी भाजपा राज में नंबर एक पर गिना जाने लगा है.
प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि खुद केंद्र सरकार के संस्थान प्रदेश की भाजपा सरकार को हर मोर्चे पर विफल होने का तमगा दे रहे हैं, लेकिन मुख्यमंत्री हैं कि अपनी प्रशंसा खुद ही करने लगते हैं और न जाने कहां से कौन प्रशस्ति पत्र ले आते हैं. वास्तविकता यह है कि प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई हैं. समाजवादी सरकार के समय स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के जो कदम उठाए गए थे, रागद्वेष से भरी भाजपा सरकार ने उन्हें भी चौपट कर दिया है.
प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री प्रत्येक जनपद में आरोग्य मेला लगवाने की योजना चलाकर उम्मीद करते हैं कि यह उनके गौरव में चार चांद लगाएगी, जबकि इस तरह के मेले वर्षों से समाज सेवी और स्वयं सेवी संगठन लगवाते रहे हैं. दूसरों की नकल को अपनी अकल बताकर भाजपा नेतृत्व जनता को बरगलाने में ही अपनी सफलता समझता है, लेकिन जनता सब जानती है. उसे बहकाया नहीं जा सकता है.
भाजपा सरकार की हर योजना असफल
प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार की 'आयुष्मान योजना' के लाभार्थी अस्पतालों में टरकाए जाते हैं. गरीब की कहीं पूछ नहीं होती है. प्रधानमंत्री जन औषधि केन्द्रों का बड़ा शोर था, अब ये जगह-जगह बंद पड़े हैं. जहां खुले हैं वहां दवाइयों का अभाव है. अस्पतालों में डॉक्टरों और पैरा मेडिकल स्टाफ की भारी कमी है. उनकी भर्ती रुकी हुई है.
प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार रोजगार के झूठे आंकड़े और आश्वासन देती है. भाजपा राज में न मेडिकल कॉलेज खुले, न ही एम्स बने. बीमारों और घायलों को अस्पताल ले जाने के लिए समाजवादी पार्टी सरकार ने 108 समाजवादी एंबुलेंस सेवा शुरू की थी, आज यह सेवा बदहाल है. समय से न तो एंबुलेंस की सेवा मिल रही है और न हीं अस्पतालों में व्हील चेयर और स्ट्रेचर उपलब्ध हो पा रहे हैं. गंभीर बीमारों को भी इलाज नहीं मिल रहा है.