ETV Bharat / state

किसानों के साथ नहीं, उद्यमियों के साथ खड़ी है भाजपा सरकार: अखिलेश यादव

सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने योगी सरकार को किसानों के मुद्दे पर घेरा है. उन्होंने कहा कि योगी सरकार किसानों के साथ नहीं उद्यमियों के साथ खड़ी है. अखिलेश ने कहा कि मौजूदा सरकार को किसानों की तबाही से कोई परेशानी नहीं है.

etv bharat
किसानों के साथ नहीं उद्यमियों के साथ खड़ी है भाजपा सरकार
author img

By

Published : Jul 15, 2020, 10:29 PM IST

लखनऊ: सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी की सरकार को किसानों के मुद्दे पर घेरा है. उनका आरोप है कि बीजेपी सरकार किसानों के साथ नहीं उद्यमियों के साथ खड़ी हुई नजर आती है. अखिलेश ने कहा कि किसानों की तबाही से मौजूदा सरकार को कोई परेशानी नहीं है. सरकार कोरोना संकट के बहाने बड़े उद्यमियों की दिक्कतें दूर करने में व्यस्त है. अखिलेश ने कहा कि पहले बेमौसम बरसात, ओलावृष्टि और आकाशीय बिजली गिरने से किसान संकटग्रस्त थे और अब बाढ़ और टिड्डी दल के प्रकोप ने उनकी परेशानियों में इजाफा कर दिया है.

सपा अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा किसानों के साथ लगातार छल कर रही है. केंद्र सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किसानों की फसलों की कहीं खरीद नहीं हुई. बहुत जगहों पर तो क्रय केंद्र ही नहीं खुले. जहां खुले भी थे, वहां किसान को किसी न किसी बहाने से ऐसे परेशान किया गया कि वे बिचैलियों और आढ़तियों को ही उत्पाद बेच दें. सपा मुखिया अखिलेश ने कहा कि किसानों का हित करने के नाम पर भाजपा सरकार ने डीजल के दाम बढ़ा दिए, जिसकी खेती में बहुत जरूरत होती है. बिजली के दाम भी बढ़ाए दिए गए. गन्ना किसानों का 10 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का भुगतान बकाया है.

मण्डियों को लेकर भी भाजपा सरकार गम्भीर नहीं है. बिचौलियों के लिए उन्हें ही समाप्त किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि ओलावृष्टि और बेमौसम बरसात से किसानों को भारी नुकसान हुआ है. समाजवादी पार्टी ने किसानों 10-10 लाख रुपए मुआवजे में देने की मांग उठाई थी, लेकिन भाजपा सरकार ने मौन साध लिया. बुन्देलखण्ड और बृज क्षेत्र में सैकड़ों किसानों ने आत्महत्या कर ली. आकाशीय बिजली गिरने से भी कई लोग मारे गए. भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में घोषित किया था कि किसानों को फसल की उत्पादन लागत से डेढ़ गुना मिलेगा, जबकि हकीकत ये है कि उसे उत्पादन लागत भी नहीं मिल रही है. किसान की आय दोगुनी करने का दावा सिर्फ झूठा है. भाजपा सरकार के रहते 2022 तो छोड़िए 2024 तक भी किसानों को नाउम्मीदी ही हाथ लगेगी.

उन्होंने कहा कि किसान एक समस्या से उबर नहीं पा रहा है, तब तक दूसरी समस्या खड़ी हो जा रही है. अब प्रदेश में टिड्डियों का भी जबर्दस्त हमला हुआ. हजारों बीघा किसानों की फसल वे देखते-देखते बर्बाद हो गई. सरकार सिर्फ ढोल पीट रही है. अखिलेश ने सरकार को सलाह दी कि अच्छा होता सरकार किसानों को हुए भारी नुकसान को देखते हुए किसानों का कर्ज माफ करती, गन्ना किसानों को बकाए के ऊपर ब्याज भी दिलाने का काम करती. बैंकों से कम ब्याज पर कर्ज दिलाने की व्यवस्था करती. राजस्व के अन्य देयों की वसूली पर रोक लगाई जाती.

पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने वर्तमान मुख्यमंत्री को तो निशाने पर रखा ही उनकी टीम इलेवन पर भी जोरदार प्रहार किया. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री और उनकी टीम-इलेवन तक के जो अफसर है, उनका खेती-किसानी, गांव-घर से कोई निकट सम्बंध नहीं है. इसलिए किसानों की तकलीफों पर उनका ध्यान नहीं जाता है. वे किसानों के प्रति संवेदनशून्य हैं. भाजपा कारपोरेट घरानों से जुड़ी है, इसलिए उसकी सारी योजनाएं बड़े उद्यमियों के लिए बनती हैं, गरीब किसान के लिए नहीं.

लखनऊ: सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी की सरकार को किसानों के मुद्दे पर घेरा है. उनका आरोप है कि बीजेपी सरकार किसानों के साथ नहीं उद्यमियों के साथ खड़ी हुई नजर आती है. अखिलेश ने कहा कि किसानों की तबाही से मौजूदा सरकार को कोई परेशानी नहीं है. सरकार कोरोना संकट के बहाने बड़े उद्यमियों की दिक्कतें दूर करने में व्यस्त है. अखिलेश ने कहा कि पहले बेमौसम बरसात, ओलावृष्टि और आकाशीय बिजली गिरने से किसान संकटग्रस्त थे और अब बाढ़ और टिड्डी दल के प्रकोप ने उनकी परेशानियों में इजाफा कर दिया है.

सपा अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा किसानों के साथ लगातार छल कर रही है. केंद्र सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किसानों की फसलों की कहीं खरीद नहीं हुई. बहुत जगहों पर तो क्रय केंद्र ही नहीं खुले. जहां खुले भी थे, वहां किसान को किसी न किसी बहाने से ऐसे परेशान किया गया कि वे बिचैलियों और आढ़तियों को ही उत्पाद बेच दें. सपा मुखिया अखिलेश ने कहा कि किसानों का हित करने के नाम पर भाजपा सरकार ने डीजल के दाम बढ़ा दिए, जिसकी खेती में बहुत जरूरत होती है. बिजली के दाम भी बढ़ाए दिए गए. गन्ना किसानों का 10 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का भुगतान बकाया है.

मण्डियों को लेकर भी भाजपा सरकार गम्भीर नहीं है. बिचौलियों के लिए उन्हें ही समाप्त किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि ओलावृष्टि और बेमौसम बरसात से किसानों को भारी नुकसान हुआ है. समाजवादी पार्टी ने किसानों 10-10 लाख रुपए मुआवजे में देने की मांग उठाई थी, लेकिन भाजपा सरकार ने मौन साध लिया. बुन्देलखण्ड और बृज क्षेत्र में सैकड़ों किसानों ने आत्महत्या कर ली. आकाशीय बिजली गिरने से भी कई लोग मारे गए. भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में घोषित किया था कि किसानों को फसल की उत्पादन लागत से डेढ़ गुना मिलेगा, जबकि हकीकत ये है कि उसे उत्पादन लागत भी नहीं मिल रही है. किसान की आय दोगुनी करने का दावा सिर्फ झूठा है. भाजपा सरकार के रहते 2022 तो छोड़िए 2024 तक भी किसानों को नाउम्मीदी ही हाथ लगेगी.

उन्होंने कहा कि किसान एक समस्या से उबर नहीं पा रहा है, तब तक दूसरी समस्या खड़ी हो जा रही है. अब प्रदेश में टिड्डियों का भी जबर्दस्त हमला हुआ. हजारों बीघा किसानों की फसल वे देखते-देखते बर्बाद हो गई. सरकार सिर्फ ढोल पीट रही है. अखिलेश ने सरकार को सलाह दी कि अच्छा होता सरकार किसानों को हुए भारी नुकसान को देखते हुए किसानों का कर्ज माफ करती, गन्ना किसानों को बकाए के ऊपर ब्याज भी दिलाने का काम करती. बैंकों से कम ब्याज पर कर्ज दिलाने की व्यवस्था करती. राजस्व के अन्य देयों की वसूली पर रोक लगाई जाती.

पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने वर्तमान मुख्यमंत्री को तो निशाने पर रखा ही उनकी टीम इलेवन पर भी जोरदार प्रहार किया. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री और उनकी टीम-इलेवन तक के जो अफसर है, उनका खेती-किसानी, गांव-घर से कोई निकट सम्बंध नहीं है. इसलिए किसानों की तकलीफों पर उनका ध्यान नहीं जाता है. वे किसानों के प्रति संवेदनशून्य हैं. भाजपा कारपोरेट घरानों से जुड़ी है, इसलिए उसकी सारी योजनाएं बड़े उद्यमियों के लिए बनती हैं, गरीब किसान के लिए नहीं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.