लखनऊः कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) के ताबड़तोड़ चुनावी अभियान में जुट जाने से समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) भी परेशान नज़र आने लगे हैं. उन्हें भी लगने लगा है कि प्रियंका गांधी जिस गति से चल पड़ी हैं ऐसे में कहीं समाजवादी पार्टी का आगामी चुनाव में एक्सीडेंट न हो जाए. शनिवार को पार्टी मुख्यालय पर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रियंका गांधी की सक्रियता के सवाल पर अखिलेश यादव के माथे की लकीरें साफ बता रही थी कि कहीं न कहीं प्रियंका की धमक यूपी चुनाव में दिखने लगी है. कांग्रेस पार्टी के अलावा समाजवादी पार्टी के खेमे में भी 'ईटीवी भारत' की एक खबर चर्चा का विषय बनी हुई है. एक दिन पूर्व 'ईटीवी भारत' ने 'प्रियंका ने सिखाई अखिलेश को राजनीति, कांग्रेस को फॉलो करने लगी सपा!' शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी. अखिलेश ने इस पर सफाई दी है कि सीडीआर निकलवाकर देख लीजिए हम किसी भी पार्टी से पहले किसी भी घटना में पहुंचते हैं.
उत्तर प्रदेश की सियासत में मतदाताओं को अपने पाले में करने के लिए इन दिनों सभी पार्टियों के नेता पुरजोर कोशिश में जुटे हुए हैं. एक-दूसरे से आगे निकल जाने की होड़ सी लगी हुई है. कांग्रेस पार्टी भले ही पिछले काफी समय से निष्क्रिय रही हो, लेकिन प्रियंका गांधी ने इस बीच इतनी सक्रियता दिखाई कि दूसरी पार्टियों के सक्रिय नेता भी उनके आगे निष्क्रिय से नज़र आने लगे हैं. समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव भी प्रियंका गांधी की इस सक्रियता से चिंतित होने लगे हैं. पिछले दिनों लखीमपुर में हुई घटना में मृतक किसानों के परिवारों से मिलने के लिए जिस तरह से प्रियंका गांधी ने सक्रियता दिखाते हुए तीन दिन तक सीतापुर में डेरा डाल दिया और उसके बाद सरकार को झुका दिया. छह अक्टूबर को प्रियंका गांधी मृतक किसानों के परिवारों से मुलाकात करने पहुंच गईं. अखिलेश को लगा कि वे बाजी हार रहे हैं. लिहाजा, दूसरे दिन अखिलेश यादव भी लखीमपुर के लिए निकले और किसान परिवारों से मिले. प्रियंका उनसे एक कदम और आगे निकलीं. सात अक्टूबर को उन्होंने बहराइच में किसान परिवार से मिलने का प्लान बना लिया. इसके बाद फिर पीछे-पीछे अखिलेश आठ अक्टूबर को बहराइच में किसान परिवार से मिलने पहुंचे. अब तक समाजवादी पार्टी से कांग्रेस पार्टी लीड ले चुकी थी. लिहाजा, अब अखिलेश समझने लगे हैं कि उत्तर प्रदेश में किसी भी मौके को छोड़ना नहीं है, नहीं तो यह मौका प्रियंका गांधी लपक ले जाएंगी.
प्रियंका की सक्रियता के सवाल पर अखिलेश यादव ने साफ किया है कि हमेशा समाजवादी पार्टी किसी भी घटना पर सबसे पहले पहुंचती है. कई बार तो अन्य पार्टियों को खबर भी नहीं होती और समाजवादी पार्टी के नेता वहां पहुंच जाते हैं. जहां तक बात लखीमपुर खीरी की घटना की है तो अन्य पार्टियों के नेताओं को जब खबर नहीं थी, तब मैं दूसरे जगह पर था वहां से लोकल नेताओं से संपर्क किया और उन्हें मदद करने के लिए भेजा. रिकॉर्ड उठा कर देख लिया जाए सबसे पहले सपा ही मदद के लिए पहुंचती है, लेकिन मीडिया समाजवादी पार्टी के नेताओं को दिखाना नहीं चाहती. उसका डेलिगेशन जब जाता है तो कुछ सामने नहीं आता. उन्होंने कहा कि मेरा कहना नहीं मानते तो राहुल गांधी का ही मान लो. इसमें प्रतिस्पर्धा की कोई बात ही नहीं है कि कौन पहले पहुंचा कौन बाद में. अखिलेश ने कहा कि बीजेपी बहुत चालाक पार्टी है. वह चाल चलती है. उसका इंटरेस्ट है कि कांग्रेस पार्टी हर जगह दिखे. प्रियंका के झाड़ू लगाने के सवाल पर भी अखिलेश ने कहा कि वह उनका मैनेजमेंट है उस पर मुझे कुछ नहीं कहना.