लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार की गलत नीतियों के कारण यूपी के गन्ना किसान परेशान हैं. पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लाखों गन्ना किसानों के करोड़ों रुपये चीनी मिलों पर बकाया है. यह चीनी मिलें किसानों के बकाए का भुगतान नहीं कर रही हैं. इसके उलट सरकार इस पूरे मामले पर केवल झूठ बोल रही है. प्रदेश की भाजपा सरकार को गन्ना किसानों की समस्या को सुनना चाहिए. अगर सरकार उनके फसल का मूल दोगुना नहीं कर सकती तो कम से कम समय पर उनके पैसे का भुगतान तो सुनिश्चित कराए.
यह बात उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने सोमवार को प्रदेश कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान कही. वह यूपी जोड़ो यात्रा के समापन के बाद मीडिया से मुखातिब थे. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि इस पूरी यात्रा के दौरान उन्होंने पाया कि प्रदेश की जनता भाजपा की नफरत की राजनीति का शिकार होती जा रही है. भाजपा की इस नफरत की राजनीति की वजह से सामाजिक संरचना टूट रही है. इस यात्रा के माध्यम से कांग्रेस पार्टी ने इसे जोड़ने का काम किया है. साथ ही केंद्र और प्रदेश सरकार की वादा खिलाफी, अक्षमता, अयोग्यता, विफलता को जनता के बीच उजागर करने और जनता को जागरूक करने के लिए, कांग्रेस के संकल्प और नीतियों को जनता के बीच पहुचाने के लिए उत्तर प्रदेश के अंतिम छोर सहारनपुर से 20 दिसंबर को शुरु हुई ‘‘यूपी जोड़ो यात्रा’’ 18 दिन, 11 ज़िले, 16 लोक सभाओं का सफर तय करके 6 जनवरी को लखनऊ स्थित शहीद स्मारक पर सम्पन्न हुई.
प्रदेश की जनता बेहाल : अजय राय ने कहा कि इस पूरी यात्रा के दौरान उन्होंने लोगों से जोड़ने के साथ उनकी समस्याओं को जाना और पाया कि आज प्रदेश की जनता पूरी तरह से बेहाल है और उनका हाल पूछने वाला भी कोई नहीं है. यात्रा के दौरान बिजनौर की चीनी मिल के मजदूरों की बात गन्ना किसानों की समस्या सुनी. साथ ही अमरोहा में 302 दिनों से धरने पर बैठे किसानो का दर्द सुना. किसानों ने बताया कि उनकी समस्या को सुनने व समझने वाला कोई नहीं है. यात्रा के दौरान कई किसानों ने बताया कि उनका बिजली बिल माफ नहीं हुआ, उल्टा बढ़कर 10% लिया जा रहा है.
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि मुरादाबाद के पीतल कारीगरों की समस्या को समझना हो, लखीमपुर के गन्ना किसानों के भुगतान की बात हो, सबकी समस्या समान है. मुजफ्फरनगर में त्यागी समाज और गुर्जर समाज, बिजनौर के किसान, बरेली में ब्राहम्ण समाज या जनपद लखीमपुर में सर्वजन समाज पार्टी और सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा दिया गया आर्थिक और निस्वार्थ सहयोग, जनता का प्यार और आशीर्वाद लगातार यूपी जोड़ो यात्रा को मिला. किसान पंचायत, हुनर पंचायत, युवा संवाद, सामाजिक न्याय संवाद, महिला संवाद और मजदूर वार्ताओं के जरिए समाज के विभिन्न वर्गों को समझने का प्रयास हुआ. पूरी यात्रा के दौरान 63 नुक्कड़ सभाओं और 40 विभिन्न समुदायों के प्रतिनिधियों से संवाद के जरिए अपनी बात जनता के बीच रखने और उनके बात समझने के बाद समाप्त हुई यूपी जोड़ो यात्रा उत्तर प्रदेश के इतिहास में मील का पत्थर साबित होगी.
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