ETV Bharat / state

हर साल 14 लाख युवाओं को रोजगार देने का वादा छलावा साबित हुआ: अजय कुमार लल्लू

उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने योगी सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि हर साल 14 लाख युवाओं को रोजगार देने का भाजपा का वादा छलावा साबित हुआ. गलत आर्थिक और युवा विरोधी नीतियों के चलते देश के सबसे बड़े राज्य में आर्थिक आपातकाल जैसे हालत उत्पन्न हो गए हैं.

ajay kumar lallu targeted yogi
उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू.
author img

By

Published : Nov 27, 2020, 7:50 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने प्रदेश की योगी सरकार पर जमकर हमला बोला है. कई मुद्दों पर उन्होंने योगी सरकार को घेरते हुए कहा कि तमाम लोकलुभावन वादों के साथ सत्ता में आई भाजपा ने चुनाव के दौरान जारी किए गए अपने लोक कल्याण संकल्प पत्र में की गई घोषणाओं को कूड़ेदान में फेंक दिया है. जहां हर साल 14 लाख युवाओं के रोजगार का वादा किया गया था और सरकार बनने के 90 दिनों के अंदर सभी रिक्त सरकारी पदों के लिए पारदर्शी तरीके से भर्ती प्रक्रिया का वादा किया गया था, वह छलावा साबित हुआ है. भाजपा ने हर घर के एक सदस्य को मुफ्त कौशल विकास प्रशिक्षण व प्रदेश में देश का सबसे बड़ा स्टार्टअप इन्क्यूवेटर स्थापित करने का भी वादा किया था. प्रत्येक तहसील में आधुनिक कौशल विकास केंद्र की स्थापना और इसके माध्मय से युवाओं को प्लेसमेंट उपलब्ध कराने का भी वादा किया था, जो पूरी तरह खोखला साबित हुआ.

'अपना रुख स्पष्ट करे सरकार'
पार्टी मुख्यालय की तरफ से जारी बयान में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि लगभग चार वर्ष पूरे करने वाली योगी सरकार अपने लोक कल्याण संकल्प पत्र में किए गए 14 लाख प्रतिवर्ष रोजगार देने के वादे के अनुसार अब तक लगभग 56 लाख युवाओं को रोजगार देने के लिए कानून कब बनाएगी? सरकार के विभिन्न विभागों में कार्यरत संविदाकर्मियों की स्थायी नियुक्ति पर भी सरकार को अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए. शिक्षा मित्र, आंगनबाड़ी, अनुदेशक, आशा बहू, कस्तूरबा गांधी विद्यालय के शिक्षक, खेल प्रशिक्षक, रसोइयां इत्यादि के नियमतीकरण के लिए सरकार कब कानून बनाएगी? इस पर योगी सरकार को तत्काल अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए.

'सरकार ने माना-गई है युवाओं की नौकरी'
अजय कुमार लल्लू ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की केंद्र व प्रदेश सरकार की गलत आर्थिक और युवा विरोधी नीतियों के चलते देश के सबसे बड़े राज्य में आर्थिक आपातकाल जैसे हालत उत्पन्न हो गए हैं. कोरोना महामारी आने के बाद हालात बद से बदतर होते चले गए. नवम्बर माह में ही केंद्र के वित्त मंत्रालय द्वारा जारी रिपोर्ट में सरकार ने स्वयं स्वीकार किया है कि कोरोना काल में 39 लाख संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा. एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश में बेरोजगारों की संख्या लगातार बढ़ रही है, जो वर्ष 2011-12 के पांच करोड़ के आंकड़े को भी पार कर गई होगी.

'युवा हुए बेरोजगारी के शिकार'
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि कोरोना काल के पहले ही बेरोजगारी अपने चरम पर थी. जैसा श्रम मंत्री ने एक प्रश्न के जवाब में सदन में लिखित जवाब में कहा था कि बेरोजगारी दर 2018 के 5.92 प्रतिशत के मुकाबले वर्ष 2019 में लगभग दो गुना बढ़कर 9.97 प्रतिशत हो चुकी है. कोरोना के बाद यह स्थिति और भी भयावह हो गई. सरकार यह बताए कि जिनकी नौकरियां गई हैं, उनको समायोजित करने की दिशा में क्या प्रयास किए जा रहे हैं? क्या सरकार बेरोजगारों को रोजगार देने के लिए अपने घोषणापत्र के अनुसार कोई कानून बनाएगी?

'बेरोजगारों को गुमराह कर रही सरकार'
अजय कुमार लल्लू ने कहा कि तमाम बड़े-बड़े दावे करने वाली और इवेन्ट मैनेजमेन्ट के सहारे खुद की छवि बनाने की कोशिश करने वाली योगी सरकार प्रदेश के बेरोजगारों को गुमराह करने में लगी है, जबकि केंद्र सरकार द्वारा जारी एडवाइजरी के अनुसार अगले दो वर्षों तक नई भर्तियों पर रोक लगा दी गई थी और अगले पांच वर्षों तक किसी भी भर्ती को स्थायी न करने की बात कही गई थी. वित्त मंत्रालय, भारत सरकार ने कोरोना काल में संगठित क्षेत्र के बेरोजगार हुए लोगों की पुनः भर्ती के लिए एमएसएमई सेक्टर के माध्यम से जो घोषणा की है, वह हास्यास्पद ही है. क्योंकि एमएसएमई सेक्टर पहले से ही कोरोना काल में लाॅकडाउन के कारण तबाह और बर्बाद होने की कगार पर है.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने प्रदेश की योगी सरकार पर जमकर हमला बोला है. कई मुद्दों पर उन्होंने योगी सरकार को घेरते हुए कहा कि तमाम लोकलुभावन वादों के साथ सत्ता में आई भाजपा ने चुनाव के दौरान जारी किए गए अपने लोक कल्याण संकल्प पत्र में की गई घोषणाओं को कूड़ेदान में फेंक दिया है. जहां हर साल 14 लाख युवाओं के रोजगार का वादा किया गया था और सरकार बनने के 90 दिनों के अंदर सभी रिक्त सरकारी पदों के लिए पारदर्शी तरीके से भर्ती प्रक्रिया का वादा किया गया था, वह छलावा साबित हुआ है. भाजपा ने हर घर के एक सदस्य को मुफ्त कौशल विकास प्रशिक्षण व प्रदेश में देश का सबसे बड़ा स्टार्टअप इन्क्यूवेटर स्थापित करने का भी वादा किया था. प्रत्येक तहसील में आधुनिक कौशल विकास केंद्र की स्थापना और इसके माध्मय से युवाओं को प्लेसमेंट उपलब्ध कराने का भी वादा किया था, जो पूरी तरह खोखला साबित हुआ.

'अपना रुख स्पष्ट करे सरकार'
पार्टी मुख्यालय की तरफ से जारी बयान में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि लगभग चार वर्ष पूरे करने वाली योगी सरकार अपने लोक कल्याण संकल्प पत्र में किए गए 14 लाख प्रतिवर्ष रोजगार देने के वादे के अनुसार अब तक लगभग 56 लाख युवाओं को रोजगार देने के लिए कानून कब बनाएगी? सरकार के विभिन्न विभागों में कार्यरत संविदाकर्मियों की स्थायी नियुक्ति पर भी सरकार को अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए. शिक्षा मित्र, आंगनबाड़ी, अनुदेशक, आशा बहू, कस्तूरबा गांधी विद्यालय के शिक्षक, खेल प्रशिक्षक, रसोइयां इत्यादि के नियमतीकरण के लिए सरकार कब कानून बनाएगी? इस पर योगी सरकार को तत्काल अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए.

'सरकार ने माना-गई है युवाओं की नौकरी'
अजय कुमार लल्लू ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की केंद्र व प्रदेश सरकार की गलत आर्थिक और युवा विरोधी नीतियों के चलते देश के सबसे बड़े राज्य में आर्थिक आपातकाल जैसे हालत उत्पन्न हो गए हैं. कोरोना महामारी आने के बाद हालात बद से बदतर होते चले गए. नवम्बर माह में ही केंद्र के वित्त मंत्रालय द्वारा जारी रिपोर्ट में सरकार ने स्वयं स्वीकार किया है कि कोरोना काल में 39 लाख संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा. एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश में बेरोजगारों की संख्या लगातार बढ़ रही है, जो वर्ष 2011-12 के पांच करोड़ के आंकड़े को भी पार कर गई होगी.

'युवा हुए बेरोजगारी के शिकार'
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि कोरोना काल के पहले ही बेरोजगारी अपने चरम पर थी. जैसा श्रम मंत्री ने एक प्रश्न के जवाब में सदन में लिखित जवाब में कहा था कि बेरोजगारी दर 2018 के 5.92 प्रतिशत के मुकाबले वर्ष 2019 में लगभग दो गुना बढ़कर 9.97 प्रतिशत हो चुकी है. कोरोना के बाद यह स्थिति और भी भयावह हो गई. सरकार यह बताए कि जिनकी नौकरियां गई हैं, उनको समायोजित करने की दिशा में क्या प्रयास किए जा रहे हैं? क्या सरकार बेरोजगारों को रोजगार देने के लिए अपने घोषणापत्र के अनुसार कोई कानून बनाएगी?

'बेरोजगारों को गुमराह कर रही सरकार'
अजय कुमार लल्लू ने कहा कि तमाम बड़े-बड़े दावे करने वाली और इवेन्ट मैनेजमेन्ट के सहारे खुद की छवि बनाने की कोशिश करने वाली योगी सरकार प्रदेश के बेरोजगारों को गुमराह करने में लगी है, जबकि केंद्र सरकार द्वारा जारी एडवाइजरी के अनुसार अगले दो वर्षों तक नई भर्तियों पर रोक लगा दी गई थी और अगले पांच वर्षों तक किसी भी भर्ती को स्थायी न करने की बात कही गई थी. वित्त मंत्रालय, भारत सरकार ने कोरोना काल में संगठित क्षेत्र के बेरोजगार हुए लोगों की पुनः भर्ती के लिए एमएसएमई सेक्टर के माध्यम से जो घोषणा की है, वह हास्यास्पद ही है. क्योंकि एमएसएमई सेक्टर पहले से ही कोरोना काल में लाॅकडाउन के कारण तबाह और बर्बाद होने की कगार पर है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.