लखनऊः उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार 'लल्लू' ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार किसान आंदोलन को बदनाम करने का षड़यंत्र रच रही है. देश के किसानों को एक तरफ आतंकवादी और भारत विरोधी बताया जा रहा है तो आन्दोलन स्थल पर विभिन्न प्रकार के षड़यंत्रों के माध्यम से उसे बदनाम करने की भी कोशिश की जा रही है. ये सब लोकतांत्रिक, संवैधानिक और राजनैतिक मर्यादा के विपरीत है.
किसानों को फंसाने का कुचक्र रच रही सरकार
उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी चुनिन्दा उद्योगपतियों के दबाव में किसान विरोधी अध्यादेश को वापस लेने के बजाय पूरे देश में किसान विरोधी अभियान चलाने जा रही है. उत्तर प्रदेश के साथ ही पूरे देश में पत्रकार वार्ता और चौपाल का आयोजन कर किसानों के विरुद्ध दुष्प्रचार की योजना नैतिकता के विरुद्ध है. सरकार चौपालों के माध्यम से जनता को गुमराह करना चाहती है, लेकिन प्रदेश की जनता सब-कुछ समझ रही है. कैसे चंद बड़े उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए कांट्रेक्ट फार्मिंग के लिए कानून लाया गया है.
उन्होंने कहा कि भंडारण की असीमित छूट से आवश्यक वस्तुओं की कालाबाजारी बढ़ेगी और उनके मूल्यों के निर्धारण का अधिकार अलिखित रूप से उद्योगपतियों के हाथ में चला जाएगा. इससे गेहूं, चावल, दलहन-तिलहन आदि फसलों का मूल्य असीमित रूप से बढ़ेगा, जिससे देश की गरीब और आम जनता की थाली खाली होती जाएगी. सरकार शान्ता कुमार कमेटी की रिपोर्ट लागू करने का षड़यंत्र कर रही है, जिससे एफसीआई के माध्यम से न्यून्तम समर्थन मूल्य पर खरीद ही न करनी पड़े. सरकार अध्यादेश के माध्यम से किसान को ठेका प्रथा में फंसाकर उसे अपनी ही जमीन में मजदूर बनाने का कुचक्र रच रही है.
मांगें मानकर आंदोलन खत्म कराए सरकार
लल्लू ने कहा कि दिल्ली में आन्दोलनरत किसान भीषण ठंडी में अपनी जान गंवा रहे हैं और सरकार उनकी मांगों को मानने के बजाए उनके आन्दोलन को बदनाम करने औऱ कुचलने का खेल खेल रही है. ये चुनी हुई सरकार के लिए अनैतिक है. सरकार को किसानों के हित में उनकी मांगों को स्वीकार कर आन्दोलन को समाप्त कराना चाहिए न कि प्रेस वार्ता और चौपाल के माध्यम से देश की जनता को गुमराह करने का खेल खेलना चाहिए.