लखनऊ: कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भले ही गांधी परिवार से इतर किसी कांग्रेसी नेता को अध्यक्ष बनाए जाने की बात की है, लेकिन कांग्रेसी गांधी परिवार का ही झंडा उठाये हुए हैं. कोई भी कांग्रेसी यह बोलने को तैयार नहीं है कि उसे गैर गांधी परिवार का अध्यक्ष चाहिए.
उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कहा कि राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता सड़क से लेकर सदन तक संघर्ष कर रहे हैं. देश का एक-एक कार्यकर्ता उनके नेतृत्व में काम करना चाहता है. हम उम्मीद करते हैं कि राहुल गांधी कांग्रेस की कमान संभालेंगे. लोकतंत्र विरोधी ताकतों के खिलाफ हम देश भर में एक बार फिर आवाज बुलंद कर सकेंगे.
उत्तर प्रदेश में तीन दशकों से सत्ता से बाहर रहने वाली कांग्रेस की आगे की रणनीति के सवाल पर अजय कुमार लल्लू ने स्पष्ट कहा कि उत्तर प्रदेश में यदि कोई विपक्षी दल मुखर होकर के योगी आदित्यनाथ सरकार के खिलाफ आवाज उठा रही है, तो वह कांग्रेस पार्टी ही है. उत्तर प्रदेश में कांग्रेस ही सड़क से लेकर सदन तक भाजपा सरकार के खिलाफ आवाज उठा रही है. यही वजह है कि हमारे कार्यकर्ताओं, नेताओं के खिलाफ उत्तर प्रदेश की पुलिस फर्जी मुकदमे लिख रही है. उन्हें जेल भेज रही है. कांग्रेस प्रवक्ता अनूप पटेल इस समय जेल में हैं. मेरे ऊपर भी मुकदमा लिखा गया है. अजय लल्लू कहते हैं कि सरकार कुछ भी कर ले कांग्रेस का कार्यकर्ता जेल जाने से नहीं डरता है. हम आजादी के दौरान से अब तक देश के लिए लड़ते रहे हैं और आगे भी लड़ते रहेंगे.
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था ध्वस्त है. हत्या, लूट, डकैती, बलात्कार हो रहे हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री खुद अपनी पीठ थपथपा रहे हैं. प्रदेश सरकार लोगों की जुबान पर ताला लगाना चाहती है. यदि कोई संवैधानिक तरीके से विरोध दर्ज कराता है, तो उसके खिलाफ यह सरकार फर्जी मुकदमे लिख कर कार्रवाई करती है. डॉ. कफील ने ऐसा क्या गुनाह किया था ? अनूप पटेल ने ऐसा क्या गुनाह किया था, जिनके खिलाफ योगी सरकार ने कार्रवाई की है. उन्हें जेल में डाल रखा है.
इस प्रकार से उत्तर प्रदेश कांग्रेस के नेता कार्यकर्ता भी गांधी परिवार से ही किसी को अध्यक्ष के रूप में देखना चाहते हैं. सोनिया गांधी अगर हटती हैं, तो वह राहुल गांधी के नेतृत्व में काम करने की बात कर रहे हैं. उन्हें भी इस बात का अंदाजा है कि आवाज भले ही उठ रही हो, लेकिन अध्यक्ष अंत में गांधी परिवार से ही चुना जाएगा.