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मानसिक दिक्कतें भी पैदा कर रहा AIR Pollution, मनोरोग विशेषज्ञों ने कही यह बात - मनोरोग विशेषज्ञों की राय

सेहत के साथ-साथ शहर का वायु प्रदूषण (AIR Pollution) मानसिक रोगों में का कारण बन कर उभर रहा है. मौजूदा समय राजधानी के विभिन्न अस्पतालों में पहुंचने वाले मानसिक रोगों से पीड़ित मरीजों में बीमारी का कारण वायू प्रदूषण ही है.

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Published : Feb 20, 2023, 6:55 PM IST

देखें पूरी खबर.

लखनऊ : वायु प्रदूषण फेफड़े और आंखों को ही नहीं, बल्कि मेंटल हेल्थ को भी डैमेज कर रहा हैं. हैरानी की बात यह है कि वायु प्रदूषण से मेंटल हेल्थ खराब हो रहा है इसके बारें में उन्हें खुद ही पता नहीं होता है. केमिकल्स लोचा के कारण तमाम दिक्कतें मरीजों को होती हैं. एयर पॉल्यूशन से केवल आपके फेफड़े ही नहीं, बल्कि दिमाग को भी खतरा होता है. सिविल अस्पताल की मनोरोग विशेषज्ञ डॉ. दीप्ति सिंह का कहना है कि मरीज को एक लंबे समय तक जहरीली हवा में सांस लेने पर डिप्रेशन हो जाता है. यानी एयर पॉल्यूशन मेंटल हेल्थ खराब कर रहा है. एक रिपोर्ट के मुताबिक यह बात साबित भी हुई है कि वायु प्रदूषण तेजी से दिमाग पर असर डाल रहा है और अस्पताल में जो मरीज आते हैं वह इससे होने वाले लक्षण के साथ आते हैं जिससे हम पकड़ते हैं कि मरीज वायु प्रदूषण से प्रभावित हुआ है.

मानसिक दिक्कतें भी पैदा कर रहा AIR Pollution
मानसिक दिक्कतें भी पैदा कर रहा AIR Pollution



डॉ. दीप्ति सिंह का कहना है कि वैसे तो वायु प्रदूषण शरीर के सभी अंगों को प्रभावित करता है, लेकिन वायु प्रदूषण में जो जहरीले कण होते हैं और कैसे होते हैं वह दिमाग में इंफॉर्मेशन कॉज करते हैं. इंफ्लेमेशन कॉज की वजह से डिफरेंट केमिकल का सीक्रिएशन होता है. उससे व्यक्ति की डिप्रेशन और एंजायटी बढ़ सकती है. उन्होंने कहा कि बहुत सारी स्टडी में यह बात सामने आई है कि वायु प्रदूषण के कारण डिप्रेशन और एंजायटी के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं. वायु प्रदूषण में हेवी मेटल्स भी शामिल होते हैं, जिनका हमारे ब्रेन पर काफी बुरा असर पड़ता है. उन्होंने कहा कि दिमाग में जाकर वायु प्रदूषण जो डिप्रेशन एंजायटी को इंफ्लेम कर रहा है उसकी वजह से डिमेंशिया (भूलने की समस्या) मरीजों को होने लगती हैं. कंसल्टेशन की कमी अटेंशन की कमी भी कर रहा है. जिसकी वजह से मरीज बुरी तरह से प्रभावित होता है कि किसी काम में उसका मन नहीं लगता है और चीजों को वह फूलने लगता है.

मानसिक दिक्कतें भी पैदा कर रहा AIR Pollution
मानसिक दिक्कतें भी पैदा कर रहा AIR Pollution



उन्होंने कहा कि शरीर में हार्मोन्स तेजी से बदलते हैं. वायु प्रदूषण के कारण भी शरीर में हारमोंस में बदलाव होता है. मरीज को सिर में भारीपन जैसा महसूस होता है. इसके साथ ही युवा वर्ग के लोग इससे ज्यादा प्रभावित होते हैं. अगर वह दिनभर बाहर रहने से आंखों में जलन, सांस लेने में समस्या. इसके अलावा सिर में दर्द, हाइपरटेंशन की समस्या शुरू हो जाती हैं. मौजूदा समय में इस बात को आप नोटिस कर रहे होंगे कि इस समय चाहे सर्दी हो, गर्मी हो या बरसात हो सभी मौसम में परिवर्तन हो रहे हैं. गर्मी के महीने अधिक बढ़ गए हैं वहीं सर्दी सिर्फ चार-पांच दिन में ही सिमट गई है.

मानसिक दिक्कतें भी पैदा कर रहा AIR Pollution
मानसिक दिक्कतें भी पैदा कर रहा AIR Pollution



युवा व बुजुर्गों में डिप्रेशन : डॉ. दीप्ति के मुताबिक बहुत सारे रिसर्च हुए हैं. जिसमें यह बात साफ हुई है कि वायु प्रदूषण में जो हेवी मेटल्स होते हैं वे दिमाग को बुरी तरह से प्रभावित करते हैं. इसमें मरीज को सिर में भारीपन महसूस होता है. इसके अलावा कंसल्टेशन के साथ अटेंशन में भी कमी होने लगती हैं. युवाओं में जो बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं. उन्हें अटेंशन की दिक्कतें होती है. इस वजह से वह डिप्रेशन में भी चले जाते हैं कि इतना पढ़ाई करने के बाद भी क्यों याद नहीं हो रहा है. इसके अलावा बुजुर्गों में भी इसकी समस्या होती है. अस्पताल की ओपीडी में जो मरीज आते हैं. वह बताते हैं कि सिर में भारीपन जैसा महसूस हो रहा है या चजों को भूलने जैसी दिक्कतें होती है.

सिविल अस्पताल के वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. एके श्रीवास्तव के मुताबिक अस्पताल की ओपीडी में वायु प्रदूषण से प्रभावित मरीज आते हैं. वायु प्रदूषण के कारण मरीज को सांस लेने में दिक्कत, आंखों में जलन, दमा के मरीज को खास दिक्कत होती है. वायु प्रदूषण से बचने के लिए जरूरी है कि आप एतिहात बरतें. व्यक्ति अगर बाहर निकलते समय अपना नाक मुंह ढक लें तो प्रदूषण शरीर में कम से कम ही प्रवेश होगा. गाड़ी को चलाते समय जब सिग्नल पर गाड़ी रुकती है तो आपको स्वयं ही अपनी गाड़ी बंद कर देनी चाहिए. ताकि वायु प्रदूषण न फैले. इसी तरह से अगर सभी लोग जागरूक हो जाएंगे तो अपने आप वायु प्रदूषण भी कम हो जाएगा.


यह भी पढ़ें : Budget Session of Assembly : राज्यपाल के अभिभाषण के बीच हंगामा, अखिलेश के साथ डटे रहे शिवपाल

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लखनऊ : वायु प्रदूषण फेफड़े और आंखों को ही नहीं, बल्कि मेंटल हेल्थ को भी डैमेज कर रहा हैं. हैरानी की बात यह है कि वायु प्रदूषण से मेंटल हेल्थ खराब हो रहा है इसके बारें में उन्हें खुद ही पता नहीं होता है. केमिकल्स लोचा के कारण तमाम दिक्कतें मरीजों को होती हैं. एयर पॉल्यूशन से केवल आपके फेफड़े ही नहीं, बल्कि दिमाग को भी खतरा होता है. सिविल अस्पताल की मनोरोग विशेषज्ञ डॉ. दीप्ति सिंह का कहना है कि मरीज को एक लंबे समय तक जहरीली हवा में सांस लेने पर डिप्रेशन हो जाता है. यानी एयर पॉल्यूशन मेंटल हेल्थ खराब कर रहा है. एक रिपोर्ट के मुताबिक यह बात साबित भी हुई है कि वायु प्रदूषण तेजी से दिमाग पर असर डाल रहा है और अस्पताल में जो मरीज आते हैं वह इससे होने वाले लक्षण के साथ आते हैं जिससे हम पकड़ते हैं कि मरीज वायु प्रदूषण से प्रभावित हुआ है.

मानसिक दिक्कतें भी पैदा कर रहा AIR Pollution
मानसिक दिक्कतें भी पैदा कर रहा AIR Pollution



डॉ. दीप्ति सिंह का कहना है कि वैसे तो वायु प्रदूषण शरीर के सभी अंगों को प्रभावित करता है, लेकिन वायु प्रदूषण में जो जहरीले कण होते हैं और कैसे होते हैं वह दिमाग में इंफॉर्मेशन कॉज करते हैं. इंफ्लेमेशन कॉज की वजह से डिफरेंट केमिकल का सीक्रिएशन होता है. उससे व्यक्ति की डिप्रेशन और एंजायटी बढ़ सकती है. उन्होंने कहा कि बहुत सारी स्टडी में यह बात सामने आई है कि वायु प्रदूषण के कारण डिप्रेशन और एंजायटी के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं. वायु प्रदूषण में हेवी मेटल्स भी शामिल होते हैं, जिनका हमारे ब्रेन पर काफी बुरा असर पड़ता है. उन्होंने कहा कि दिमाग में जाकर वायु प्रदूषण जो डिप्रेशन एंजायटी को इंफ्लेम कर रहा है उसकी वजह से डिमेंशिया (भूलने की समस्या) मरीजों को होने लगती हैं. कंसल्टेशन की कमी अटेंशन की कमी भी कर रहा है. जिसकी वजह से मरीज बुरी तरह से प्रभावित होता है कि किसी काम में उसका मन नहीं लगता है और चीजों को वह फूलने लगता है.

मानसिक दिक्कतें भी पैदा कर रहा AIR Pollution
मानसिक दिक्कतें भी पैदा कर रहा AIR Pollution



उन्होंने कहा कि शरीर में हार्मोन्स तेजी से बदलते हैं. वायु प्रदूषण के कारण भी शरीर में हारमोंस में बदलाव होता है. मरीज को सिर में भारीपन जैसा महसूस होता है. इसके साथ ही युवा वर्ग के लोग इससे ज्यादा प्रभावित होते हैं. अगर वह दिनभर बाहर रहने से आंखों में जलन, सांस लेने में समस्या. इसके अलावा सिर में दर्द, हाइपरटेंशन की समस्या शुरू हो जाती हैं. मौजूदा समय में इस बात को आप नोटिस कर रहे होंगे कि इस समय चाहे सर्दी हो, गर्मी हो या बरसात हो सभी मौसम में परिवर्तन हो रहे हैं. गर्मी के महीने अधिक बढ़ गए हैं वहीं सर्दी सिर्फ चार-पांच दिन में ही सिमट गई है.

मानसिक दिक्कतें भी पैदा कर रहा AIR Pollution
मानसिक दिक्कतें भी पैदा कर रहा AIR Pollution



युवा व बुजुर्गों में डिप्रेशन : डॉ. दीप्ति के मुताबिक बहुत सारे रिसर्च हुए हैं. जिसमें यह बात साफ हुई है कि वायु प्रदूषण में जो हेवी मेटल्स होते हैं वे दिमाग को बुरी तरह से प्रभावित करते हैं. इसमें मरीज को सिर में भारीपन महसूस होता है. इसके अलावा कंसल्टेशन के साथ अटेंशन में भी कमी होने लगती हैं. युवाओं में जो बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं. उन्हें अटेंशन की दिक्कतें होती है. इस वजह से वह डिप्रेशन में भी चले जाते हैं कि इतना पढ़ाई करने के बाद भी क्यों याद नहीं हो रहा है. इसके अलावा बुजुर्गों में भी इसकी समस्या होती है. अस्पताल की ओपीडी में जो मरीज आते हैं. वह बताते हैं कि सिर में भारीपन जैसा महसूस हो रहा है या चजों को भूलने जैसी दिक्कतें होती है.

सिविल अस्पताल के वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. एके श्रीवास्तव के मुताबिक अस्पताल की ओपीडी में वायु प्रदूषण से प्रभावित मरीज आते हैं. वायु प्रदूषण के कारण मरीज को सांस लेने में दिक्कत, आंखों में जलन, दमा के मरीज को खास दिक्कत होती है. वायु प्रदूषण से बचने के लिए जरूरी है कि आप एतिहात बरतें. व्यक्ति अगर बाहर निकलते समय अपना नाक मुंह ढक लें तो प्रदूषण शरीर में कम से कम ही प्रवेश होगा. गाड़ी को चलाते समय जब सिग्नल पर गाड़ी रुकती है तो आपको स्वयं ही अपनी गाड़ी बंद कर देनी चाहिए. ताकि वायु प्रदूषण न फैले. इसी तरह से अगर सभी लोग जागरूक हो जाएंगे तो अपने आप वायु प्रदूषण भी कम हो जाएगा.


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