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यूपी विधानसभा चुनाव 2022: सपा से गठबंधन नहीं करेगी AIMIM

कुछ दिनों पहले सांसद असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) के नेतृत्व वाली ऑल इण्डिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-ए-मुस्लमीन (AIMIM) ने शर्त रखी थी कि, अगर समाजवादी पार्टी की यूपी में सरकार बनने पर भागीदारी मोर्चे के किसी वरिष्ठ मुस्लिम एमएलए को उप मुख्यमंत्री बनाने को तैयार हो तो, उनकी पार्टी और मोर्चे का सपा से गठबंधन हो सकता है. इस खबर का AIMIM के प्रदेश अध्यक्ष ने खंडन किया है.

अखिलेश और ओवैसी.
अखिलेश और ओवैसी.
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Published : Jul 25, 2021, 9:41 AM IST

Updated : Jul 25, 2021, 12:52 PM IST

हैदराबादः पिछले दिनों खबर आई थी कि, एआईएमआईएम (AIMIM) और सपा के बीच गठबंधन हो सकता है. इसके लिए एआईएमआईएम ने शर्त रखी थी कि, अगर समाजवादी पार्टी यूपी में सरकार बनाती है तो भागीदारी मोर्चे के किसी वरिष्ठ मुस्लिम एमएलए को उप मुख्यमत्री बनाने को तैयार है तो, पार्टी और भागीदारी मोर्चे का सपा से गठबंधन हो सकता है. एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष सौकत अली ने इस खबर का खंडन करते हुए कहा कि, सपा और पार्टी का गठबंधन नहीं होगा.

सौकत अली ने बयान जारी करते हुए कहा कि, 'हम मीडिया रिपोर्टों का स्पष्ट रूप से खंडन करते हैं कि एआईएमआईएम उत्तर प्रदेश में सत्ता में आने के बाद एक मुस्लिम डिप्टी सीएम बनाने का वादा करने पर समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन करेंगे.' पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली ने कहा कि भागीदारी संकल्प मोर्चा के साथ मिलकर यूपी विधानसाभ का चुनाव लड़ने की तैयारी है.

ट्वीट.
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इसे भी पढ़ें- यूपी में ओवैसी की एंट्री से राजनीतिक दल चिंतित, सता रहा मुस्लिमों के छिटकने का डर

माना जा रहा है कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) अगस्त की शुरुआत में एक बार फिर उत्तर प्रदेश में होंगे. ओवैसी इस दौरे में ओवैसी प्रयागराज, फतेहपुर, कौशाम्बी और आसपास के अन्य जिलों में कार्यकर्ताओं से मिल सकते हैं. बता दें कि विधान सभा चुनाव के मद्देनजर ओवैसी अभी कुछ ही दिन पहले मुरादाबाद और आसपस के इलाकों में पार्टी के कार्यकर्ताओं से मिलकर संगठन को मजबूत करने के निर्देश दिए थे. साथ ही सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर के 'भागीदारी संकल्प मोर्चा' के साथ गठबंधन के सहारे उत्तर प्रदेश में सरकार बनाने की तैयारी चल रही है.

असदुद्दीन ओवैसी की यूपी में एंट्री ने राजनीतिक दलों की चिंता बढ़ा दी है. भले ही कोई खुल कर इस पर न बोल रहा हो, लेकिन कहीं न कहीं सपा, कांग्रेस और रालोद को मुस्लिम वोट बैंक खिसकने का डर सता रहा है. प्रदेश में मुस्लिम बाहुल्य की 130 सीटें हैं. इनमें बहराइच, बलरामपुर, बरेली, मुरादाबाद, रामपुर, बिजनौर, शामली, मुजफ्फरनगर, मेरठ, संभल, हापुड़, सिद्धार्थनगर, बागपत, पीलीभीत, श्रावस्ती, संत कबीर नगर, बाराबंकी, बदायूं, गाजियाबाद, लखनऊ, बुलंदशहर, लखीमपुर खीरी और अमेठी समेत 130 मुस्लिम बाहुल्य सीटें हैं, जिन पर ओवैसी की नजर है. इसीलिए उन्होंने 100 सीटों पर चुनाव लड़ने का दावा ठोंका है.

हैदराबादः पिछले दिनों खबर आई थी कि, एआईएमआईएम (AIMIM) और सपा के बीच गठबंधन हो सकता है. इसके लिए एआईएमआईएम ने शर्त रखी थी कि, अगर समाजवादी पार्टी यूपी में सरकार बनाती है तो भागीदारी मोर्चे के किसी वरिष्ठ मुस्लिम एमएलए को उप मुख्यमत्री बनाने को तैयार है तो, पार्टी और भागीदारी मोर्चे का सपा से गठबंधन हो सकता है. एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष सौकत अली ने इस खबर का खंडन करते हुए कहा कि, सपा और पार्टी का गठबंधन नहीं होगा.

सौकत अली ने बयान जारी करते हुए कहा कि, 'हम मीडिया रिपोर्टों का स्पष्ट रूप से खंडन करते हैं कि एआईएमआईएम उत्तर प्रदेश में सत्ता में आने के बाद एक मुस्लिम डिप्टी सीएम बनाने का वादा करने पर समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन करेंगे.' पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली ने कहा कि भागीदारी संकल्प मोर्चा के साथ मिलकर यूपी विधानसाभ का चुनाव लड़ने की तैयारी है.

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माना जा रहा है कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) अगस्त की शुरुआत में एक बार फिर उत्तर प्रदेश में होंगे. ओवैसी इस दौरे में ओवैसी प्रयागराज, फतेहपुर, कौशाम्बी और आसपास के अन्य जिलों में कार्यकर्ताओं से मिल सकते हैं. बता दें कि विधान सभा चुनाव के मद्देनजर ओवैसी अभी कुछ ही दिन पहले मुरादाबाद और आसपस के इलाकों में पार्टी के कार्यकर्ताओं से मिलकर संगठन को मजबूत करने के निर्देश दिए थे. साथ ही सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर के 'भागीदारी संकल्प मोर्चा' के साथ गठबंधन के सहारे उत्तर प्रदेश में सरकार बनाने की तैयारी चल रही है.

असदुद्दीन ओवैसी की यूपी में एंट्री ने राजनीतिक दलों की चिंता बढ़ा दी है. भले ही कोई खुल कर इस पर न बोल रहा हो, लेकिन कहीं न कहीं सपा, कांग्रेस और रालोद को मुस्लिम वोट बैंक खिसकने का डर सता रहा है. प्रदेश में मुस्लिम बाहुल्य की 130 सीटें हैं. इनमें बहराइच, बलरामपुर, बरेली, मुरादाबाद, रामपुर, बिजनौर, शामली, मुजफ्फरनगर, मेरठ, संभल, हापुड़, सिद्धार्थनगर, बागपत, पीलीभीत, श्रावस्ती, संत कबीर नगर, बाराबंकी, बदायूं, गाजियाबाद, लखनऊ, बुलंदशहर, लखीमपुर खीरी और अमेठी समेत 130 मुस्लिम बाहुल्य सीटें हैं, जिन पर ओवैसी की नजर है. इसीलिए उन्होंने 100 सीटों पर चुनाव लड़ने का दावा ठोंका है.

Last Updated : Jul 25, 2021, 12:52 PM IST
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