ETV Bharat / state

जहरीली शराब बेचने के मामले में अभियुक्तों की अग्रिम जमानत खारिज - लखनऊ न्यूज

जहरीली शराब (jahrili sharab) बेचने वाले एक मामले में कोर्ट ने अभियुक्तों की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी. कोर्ट ने आदेश दिया कि अपराध की गंभीरता को देखते हुए अर्जी मंजूर करने का प्रर्याप्त आधार नहीं है.

लखनऊ कोर्ट.
लखनऊ कोर्ट.
author img

By

Published : Feb 8, 2021, 9:54 PM IST

लखनऊः अपर सत्र न्यायाधीश मोहम्मद गजाली ने जहरीली शराब (jahrili sharab) बेचने के एक मामले में अभियुक्त मोहित सिंह और अविनाश कुमार की अग्रिम जमानत अर्जी को खारिज कर दी है. कोर्ट ने आदेश में कहा है कि अपराध की गम्भीरता के मद्देनजर अर्जी मंजूर करने का प्रर्याप्त आधार नहीं है.

फौजदारी के जिला शासकीय अधिवक्ता मनोज त्रिपाठी ने अभियुक्तों की अर्जी का विरोध किया. उनका कहना था कि जहरीली शराब पीने के चलते छह लोगों की मौत हुई थी. यह अपराध व्यक्ति विशेष के विरुद्ध नहीं अपितु समस्त समाज के विरुद्ध किया गया है. यह अपराध अत्यन्त गंभीर प्रकृति का है. 12 नवंबर, 2020 को इस मामले की एफआईआर उमेश कुमार ने थाना बंथरा में दर्ज कराई थी.

वहीं अभियुक्तों की ओर से दलील दी गई कि उन्हें इस मामले में झूठा फंसाया जा रहा है. जहरीली शराब का धंधा स्थानीय पुलिस और आबकारी विभाग के लोगों की सांठगांठ में चलाया जाता था, लेकिन पुलिस असली अपराधियों को बचाने के लिए उन्हें फंसा रही है. कहा गया कि यदि उन्हें अग्रिम जमानत न दी गई तो पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर के जेल भेज देगी. ऐसे में जांच के पूर्व ही बेगुनाह होने के बावजूद उन्हें जेल जाना पड़ेगा. हालांकि कोर्ट ने मामले की गम्भीरता और रिकॉर्ड पर आए साक्ष्यों का प्रथम दृष्टया अवलोकन करते हुए, अभियुक्तों की अर्जी को खारिज कर दिया.

लखनऊः अपर सत्र न्यायाधीश मोहम्मद गजाली ने जहरीली शराब (jahrili sharab) बेचने के एक मामले में अभियुक्त मोहित सिंह और अविनाश कुमार की अग्रिम जमानत अर्जी को खारिज कर दी है. कोर्ट ने आदेश में कहा है कि अपराध की गम्भीरता के मद्देनजर अर्जी मंजूर करने का प्रर्याप्त आधार नहीं है.

फौजदारी के जिला शासकीय अधिवक्ता मनोज त्रिपाठी ने अभियुक्तों की अर्जी का विरोध किया. उनका कहना था कि जहरीली शराब पीने के चलते छह लोगों की मौत हुई थी. यह अपराध व्यक्ति विशेष के विरुद्ध नहीं अपितु समस्त समाज के विरुद्ध किया गया है. यह अपराध अत्यन्त गंभीर प्रकृति का है. 12 नवंबर, 2020 को इस मामले की एफआईआर उमेश कुमार ने थाना बंथरा में दर्ज कराई थी.

वहीं अभियुक्तों की ओर से दलील दी गई कि उन्हें इस मामले में झूठा फंसाया जा रहा है. जहरीली शराब का धंधा स्थानीय पुलिस और आबकारी विभाग के लोगों की सांठगांठ में चलाया जाता था, लेकिन पुलिस असली अपराधियों को बचाने के लिए उन्हें फंसा रही है. कहा गया कि यदि उन्हें अग्रिम जमानत न दी गई तो पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर के जेल भेज देगी. ऐसे में जांच के पूर्व ही बेगुनाह होने के बावजूद उन्हें जेल जाना पड़ेगा. हालांकि कोर्ट ने मामले की गम्भीरता और रिकॉर्ड पर आए साक्ष्यों का प्रथम दृष्टया अवलोकन करते हुए, अभियुक्तों की अर्जी को खारिज कर दिया.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.