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उत्तर प्रदेश: टिड्डियों से बचाव के कार्य तेज करेंगे कृषि अधिकारी

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Published : Jul 14, 2020, 10:07 PM IST

टिड्डी दलों के प्रकोप से हो रहे नुकसान को लेकर शासन मुस्तैद नजर आ रहा है. टिड्डियों के प्रकोप से हुए नुकसान एवं उन पर नियंत्रण को लेकर कृषि विभाग एवं अन्य संबंधित विभागों की बैठक में कार्यों की समीक्षा की गयी. इस बैठक में प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही भी शामिल हुए.

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कृषि विभाग संग समीक्षा बैठक करते कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही

लखनऊ: प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने मंगलवार को विधान भवन के मीटिंग हाल में अधिकारियों के साथ एक विभागीय समीक्षा बैठक की. इस बैठक में प्रदेश में टिड्डी दलों के प्रकोप से हुए नुकसान एवं उन पर नियंत्रण हेतु कृषि विभाग एवं अन्य संबंधित विभागों के कार्यों की समीक्षा हुई. उन्होंने कृषि विभाग के अधिकारियों से कहा कि वे टिड्डी दलों के प्रवास वाले जिलों में जाकर बचाव कार्यों को सुनिश्चित करें और नुकसान के बारे में रिपोर्ट दें. टिड्डी दलों पर नियंत्रण कार्य में सभी संबंधित विभागों को सहयोग प्रदान करने के लिए विभाग की ओर से आदेश जारी किए जाएं.

अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश में 57 जिलों में टिड्डी दल का हमला हुआ है, किन्तु टिड्डी दलों ने 36 जिलों में ही प्रवास किया गया. कृषि विभाग की टीमें टिड्डी दलों की लगातार निगरानी कर रही हैं. रात्रि प्रवास की स्थिति में टिड्डी दलों को नियंत्रित करने हेतु ट्रैक्टर माउंटेड स्प्रेयर्स, पावर स्प्रेयर्स, नगर निगम के छिड़काव यंत्रों, अग्निशमन विभाग की गाड़ियों से रसायनों का स्प्रे कर इन्हें समाप्त करने की कार्रवाई की जा रही है.

कृषि विभाग के पास वर्तमान में लगभग 5400 ट्रैक्टर माउंटेड स्प्रेयर्स उप्लब्ध हैं, जबकि 1777 अतिरिक्त ट्रैक्टर माउंटेड स्प्रेयर्स की मांग की गई है. चीनी मिलों एवं गन्ना विभाग के पास 29744 छिड़काव यंत्र एवं 840 गाड़ियां अग्निशमन विभाग के पास उपलब्ध हैं. टिड्डी दलों को समाप्त किये जाने में अग्निशमन विभाग काफी सहयोग कर रहा है. कृषि मंत्री ने अग्निशमन विभाग के सहयोग की सराहना की और अधिकारियों से कहा कि पेड़ों एवं ऊँचे स्थानों पर टिड्डी दलों के प्रवास के दौरान उन्हें समाप्त करने में अग्निशमन विभाग की गाड़ियों का विशेष योगदान है.

अपर मुख्य सचिव कृषि, डॉ देवेश चतुर्वेदी ने बताया कि टिड्डी दलों के प्रकोप से बचाव हेतु गांव स्तर पर लोगों को जागरूक किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि कुछ टिड्डी दल बिहार एवं नेपाल की ओर चले गए हैं, जिनकी वापसी की कोई सूचना नहीं है. उन्होंने कहा कि सुरक्षा की दृष्टि से ऐसे जनपद, जहां टिड्डी दलों ने प्रवास किया है, वहां के पीपीओ अपने-अपने जिलों का निरन्तर निरीक्षण कर यह सुनिश्चित कर लें कि टिड्डी दलों ने प्रवास के दौरान प्रजनन नहीं किया है.

डॉ. चतुर्वेदी ने बताया कि टिड्डी दलों पर प्रभावी नियंत्रण हेतु कृषि निदेशालय के कृषि रक्षा अनुभाग में कंट्रोल रूम की स्थापना की गई है. कंट्रोल रूम का नम्बर 0522-2205867 है, जिस पर किसान अपनी समस्या का समाधान हासिल कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि प्रत्येक जनपद में भी कंट्रोल रूम की स्थापना की गई है, जहां से टिड्डी दलों पर प्रभावी नियंत्रण हेतु सभी आवश्यक प्रयास किये जा रहे हैं.

बैठक में कृषि राज्य मंत्री लाखन सिंह राजपूत, कृषि उत्पादन आयुक्त, आलोक सिन्हा, कृषि निदेशक सोराज सिंह, वीपी सिंह, अपर निदेशक, आनंद त्रिपाठी सहित अग्निशमन विभाग, उद्यान विभाग, गन्ना एवं चीनी तथा नगर विकास विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे.

लखनऊ: प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने मंगलवार को विधान भवन के मीटिंग हाल में अधिकारियों के साथ एक विभागीय समीक्षा बैठक की. इस बैठक में प्रदेश में टिड्डी दलों के प्रकोप से हुए नुकसान एवं उन पर नियंत्रण हेतु कृषि विभाग एवं अन्य संबंधित विभागों के कार्यों की समीक्षा हुई. उन्होंने कृषि विभाग के अधिकारियों से कहा कि वे टिड्डी दलों के प्रवास वाले जिलों में जाकर बचाव कार्यों को सुनिश्चित करें और नुकसान के बारे में रिपोर्ट दें. टिड्डी दलों पर नियंत्रण कार्य में सभी संबंधित विभागों को सहयोग प्रदान करने के लिए विभाग की ओर से आदेश जारी किए जाएं.

अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश में 57 जिलों में टिड्डी दल का हमला हुआ है, किन्तु टिड्डी दलों ने 36 जिलों में ही प्रवास किया गया. कृषि विभाग की टीमें टिड्डी दलों की लगातार निगरानी कर रही हैं. रात्रि प्रवास की स्थिति में टिड्डी दलों को नियंत्रित करने हेतु ट्रैक्टर माउंटेड स्प्रेयर्स, पावर स्प्रेयर्स, नगर निगम के छिड़काव यंत्रों, अग्निशमन विभाग की गाड़ियों से रसायनों का स्प्रे कर इन्हें समाप्त करने की कार्रवाई की जा रही है.

कृषि विभाग के पास वर्तमान में लगभग 5400 ट्रैक्टर माउंटेड स्प्रेयर्स उप्लब्ध हैं, जबकि 1777 अतिरिक्त ट्रैक्टर माउंटेड स्प्रेयर्स की मांग की गई है. चीनी मिलों एवं गन्ना विभाग के पास 29744 छिड़काव यंत्र एवं 840 गाड़ियां अग्निशमन विभाग के पास उपलब्ध हैं. टिड्डी दलों को समाप्त किये जाने में अग्निशमन विभाग काफी सहयोग कर रहा है. कृषि मंत्री ने अग्निशमन विभाग के सहयोग की सराहना की और अधिकारियों से कहा कि पेड़ों एवं ऊँचे स्थानों पर टिड्डी दलों के प्रवास के दौरान उन्हें समाप्त करने में अग्निशमन विभाग की गाड़ियों का विशेष योगदान है.

अपर मुख्य सचिव कृषि, डॉ देवेश चतुर्वेदी ने बताया कि टिड्डी दलों के प्रकोप से बचाव हेतु गांव स्तर पर लोगों को जागरूक किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि कुछ टिड्डी दल बिहार एवं नेपाल की ओर चले गए हैं, जिनकी वापसी की कोई सूचना नहीं है. उन्होंने कहा कि सुरक्षा की दृष्टि से ऐसे जनपद, जहां टिड्डी दलों ने प्रवास किया है, वहां के पीपीओ अपने-अपने जिलों का निरन्तर निरीक्षण कर यह सुनिश्चित कर लें कि टिड्डी दलों ने प्रवास के दौरान प्रजनन नहीं किया है.

डॉ. चतुर्वेदी ने बताया कि टिड्डी दलों पर प्रभावी नियंत्रण हेतु कृषि निदेशालय के कृषि रक्षा अनुभाग में कंट्रोल रूम की स्थापना की गई है. कंट्रोल रूम का नम्बर 0522-2205867 है, जिस पर किसान अपनी समस्या का समाधान हासिल कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि प्रत्येक जनपद में भी कंट्रोल रूम की स्थापना की गई है, जहां से टिड्डी दलों पर प्रभावी नियंत्रण हेतु सभी आवश्यक प्रयास किये जा रहे हैं.

बैठक में कृषि राज्य मंत्री लाखन सिंह राजपूत, कृषि उत्पादन आयुक्त, आलोक सिन्हा, कृषि निदेशक सोराज सिंह, वीपी सिंह, अपर निदेशक, आनंद त्रिपाठी सहित अग्निशमन विभाग, उद्यान विभाग, गन्ना एवं चीनी तथा नगर विकास विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे.

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