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ग्रामीण भारत में महिला उद्यमी बनने के गुर सिखाएगी सरकार - agriculture and animal program

कृषि और पशुपालन आधारित श्रृंखला में बुधवार को दोपहर दो बजे से शाम छह बजे तक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा, जिसमें कृषि वैज्ञानिक डॉ. अनुपम कुमार नेमा फसल अवशेष प्रबंधन की जानकारी देंगे.

कृषि निदेशालय लखनऊ.
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Published : Sep 11, 2019, 10:18 AM IST

लखनऊ: ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाली महिलाएं भी कृषि और पशुपालन आधारित अर्थव्यवस्था से किस तरह खुद को स्वावलंबी बना सकती हैं. इसका मंत्र उत्तर प्रदेश सरकार प्रदेश की महिलाओं तक पहुंचाने की तैयारी में है. बुधवार को लखनऊ में वीडियो कांफ्रेंसिंग और डिजिटल मीडिया के मदद से सरकार किसानों और महिलाओं के साथ सीधा संपर्क स्थापित करने जा रही है. कार्यक्रम का आयोजन दोपहर दो बजे से शाम छह बजे तक किया जाएगा.

कार्यक्रम को मोबाइल फोन पर देख सकेंगे किसान.

वैज्ञानिकों की बात किसानों के साथ एक ऐसा उत्तर प्रदेश सरकार का कार्यक्रम है, जिसमें कृषि वैज्ञानिक वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए प्रदेश के किसानों से सीधे मुखातिब होते हैं. उन्हें खेती किसानी संबंधी समस्याओं के समाधान की जानकारी देते हैं. इसी कार्यक्रम की श्रृंखला में बुधवार को भी दोपहर दो बजे से शाम छह बजे तक के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर अनुपम कुमार नेमा फसल अवशेष प्रबंधन की जानकारी देंगे.

कार्यक्रम को मोबाइल फोन पर देख सकेंगे किसान
डॉ. रामाश्रय यादव फसल उत्पादन के बाद किए जाने वाले प्रबंधन के बारे में किसानों को बताएंगे. इस कार्यक्रम में डॉ. शर्मिला राय, फसल कीट विशेषज्ञ डॉ. एचडी सिंह, फसल रोग विशेषज्ञ और डॉक्टर सुगंधा मुंशी अंतरराष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान से शिरकत कर रही हैं. इस आयोजन के लिए सरकार ने जिला स्तर पर एनआईसी के माध्यम से किसानों की वीडियो कांफ्रेंसिंग की व्यवस्था कर रखी है. कृषि विशेषज्ञ राजधानी लखनऊ से वीडियो कॉफ्रेंसिंग के जरिए सभी जिलों में बैठे किसानों से बातचीत करेंगे और उनके सवालों का जवाब देंगे. इस कार्यक्रम को मोबाइल फोन या लैपटॉप के जरिए http://webcast.gov.in/up/agriculture पर देखा जा सकता है.

महिला कृषक सशक्तिकरण का आकर्षण अधिक
इस आयोजन का सबसे प्रमुख आकर्षण उन महिला कृषक के साथ किसानों का सीधा संपर्क कराना है, जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर आधारित उद्यमों के जरिए स्वावलंबी बन सकी हैं. दूसरों के लिए आदर्श प्रस्तुत कर रही हैं. इसमें सीतापुर की सुधा पांडेय हैं, जिन्होंने महिला स्वयं सहायता समूह का गठन कर गांव में महिलाओं को छोटे-छोटे उत्पादन कार्यों से जुड़ा है. इससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है. लखनऊ की बिठाना देवी हैं, जिन्होंने दुग्ध उत्पादन आधारित अर्थव्यवस्था के जरिए खुद को स्वावलंबी बनाया है. इसी तरह बागपत की दर्शना शर्मा हैं, जिन्होंने वर्मी कंपोस्ट उत्पादन के जरिए कामयाबी हासिल की है. इस कार्यक्रम में प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही राज्यमंत्री लाखन सिंह राजपूत भी मौजूद रहेंगे.

लखनऊ: ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाली महिलाएं भी कृषि और पशुपालन आधारित अर्थव्यवस्था से किस तरह खुद को स्वावलंबी बना सकती हैं. इसका मंत्र उत्तर प्रदेश सरकार प्रदेश की महिलाओं तक पहुंचाने की तैयारी में है. बुधवार को लखनऊ में वीडियो कांफ्रेंसिंग और डिजिटल मीडिया के मदद से सरकार किसानों और महिलाओं के साथ सीधा संपर्क स्थापित करने जा रही है. कार्यक्रम का आयोजन दोपहर दो बजे से शाम छह बजे तक किया जाएगा.

कार्यक्रम को मोबाइल फोन पर देख सकेंगे किसान.

वैज्ञानिकों की बात किसानों के साथ एक ऐसा उत्तर प्रदेश सरकार का कार्यक्रम है, जिसमें कृषि वैज्ञानिक वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए प्रदेश के किसानों से सीधे मुखातिब होते हैं. उन्हें खेती किसानी संबंधी समस्याओं के समाधान की जानकारी देते हैं. इसी कार्यक्रम की श्रृंखला में बुधवार को भी दोपहर दो बजे से शाम छह बजे तक के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर अनुपम कुमार नेमा फसल अवशेष प्रबंधन की जानकारी देंगे.

कार्यक्रम को मोबाइल फोन पर देख सकेंगे किसान
डॉ. रामाश्रय यादव फसल उत्पादन के बाद किए जाने वाले प्रबंधन के बारे में किसानों को बताएंगे. इस कार्यक्रम में डॉ. शर्मिला राय, फसल कीट विशेषज्ञ डॉ. एचडी सिंह, फसल रोग विशेषज्ञ और डॉक्टर सुगंधा मुंशी अंतरराष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान से शिरकत कर रही हैं. इस आयोजन के लिए सरकार ने जिला स्तर पर एनआईसी के माध्यम से किसानों की वीडियो कांफ्रेंसिंग की व्यवस्था कर रखी है. कृषि विशेषज्ञ राजधानी लखनऊ से वीडियो कॉफ्रेंसिंग के जरिए सभी जिलों में बैठे किसानों से बातचीत करेंगे और उनके सवालों का जवाब देंगे. इस कार्यक्रम को मोबाइल फोन या लैपटॉप के जरिए http://webcast.gov.in/up/agriculture पर देखा जा सकता है.

महिला कृषक सशक्तिकरण का आकर्षण अधिक
इस आयोजन का सबसे प्रमुख आकर्षण उन महिला कृषक के साथ किसानों का सीधा संपर्क कराना है, जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर आधारित उद्यमों के जरिए स्वावलंबी बन सकी हैं. दूसरों के लिए आदर्श प्रस्तुत कर रही हैं. इसमें सीतापुर की सुधा पांडेय हैं, जिन्होंने महिला स्वयं सहायता समूह का गठन कर गांव में महिलाओं को छोटे-छोटे उत्पादन कार्यों से जुड़ा है. इससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है. लखनऊ की बिठाना देवी हैं, जिन्होंने दुग्ध उत्पादन आधारित अर्थव्यवस्था के जरिए खुद को स्वावलंबी बनाया है. इसी तरह बागपत की दर्शना शर्मा हैं, जिन्होंने वर्मी कंपोस्ट उत्पादन के जरिए कामयाबी हासिल की है. इस कार्यक्रम में प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही राज्यमंत्री लाखन सिंह राजपूत भी मौजूद रहेंगे.

Intro:लखनऊ .ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाली महिलाएं भी कृषि और पशुपालन आधारित अर्थव्यवस्था से किस तरह खुद को स्वावलंबी बना सकती हैं इसका मंत्र उत्तर प्रदेश सरकार प्रदेश की महिलाओं तक पहुंचाने की तैयारी में है बुधवार को लखनऊ में वीडियो कांफ्रेंसिंग और डिजिटल मीडिया के मदद से सरकार किसानों और महिलाओं के साथ सीधा संपर्क स्थापित करने जा रही है . कार्यक्रम का आयोजन दोपहर 2:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक किया जाएगा. इसे मोबाइल फोन पर भी देखा जा सकेगा.


Body:वैज्ञानिकों की बात किसानों के साथ एक ऐसा उत्तर प्रदेश सरकार का कार्यक्रम है जिसमें कृषि वैज्ञानिक वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए प्रदेश के किसानों से सीधे मुखातिब होते हैं और उन्हें खेती किसानी संबंधी समस्याओं के समाधान की जानकारी देते हैं इसी कार्यक्रम की श्रृंखला में बुधवार को भी दोपहर 2:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है जिसमें कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर अनुपम कुमार नेमा फसल अवशेष प्रबंधन की जानकारी देंगे . डॉ रामाश्रय यादव फसल उत्पादन के बाद किए जाने वाले प्रबंधन के बारे में किसानों को बताएंगे. इस कार्यक्रम में डॉक्टर शर्मिला राय फसल कीट विशेषज्ञ डॉक्टर एचडी सिंह फसल रोग विशेषज्ञ और डॉक्टर सुगंधा मुंशी अंतरराष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान से शिरकत कर रही हैं. इस आयोजन के लिए सरकार ने जिला स्तर पर एनआईसी के माध्यम से किसानों की वीडियो कांफ्रेंसिंग की व्यवस्था कर रखी है .कृषि विशेषज्ञ राजधानी लखनऊ से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सभी जिलों में बैठे किसानों से बातचीत करेंगे और उनके सवालों का जवाब देंगे. इस कार्यक्रम को मोबाइल फोन या लैपटॉप के जरिए http:// webcast.gov.in / up/ agriculture पर देखा जा सकता है.

महिला कृषक सशक्तिकरण का आकर्षण अधिक

इस आयोजन का सबसे प्रमुख आकर्षण उन महिला कृषक के साथ किसानों का सीधा संपर्क कराना है जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर आधारित उद्यमों के जरिए स्वावलंबी बन सकी हैं और दूसरों के लिए आदर्श प्रस्तुत कर रही हैं. इसमें सीतापुर की सुधा पांडे हैं जिन्होंने महिला स्वयं सहायता समूह का गठन कर गांव में महिलाओं को छोटे-छोटे उत्पादन कार्यों से जुड़ा है इससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है लखनऊ की बिठाना देवी हैं जिन्होंने दुग्ध उत्पादन आधारित अर्थव्यवस्था के जरिए खुद को स्वावलंबी बनाया है इसी तरह बागपत की दर्शना शर्मा है जिन्होंने वर्मी कंपोस्ट उत्पादन के जरिए कामयाबी हासिल की है. इस कार्यक्रम में प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही राज्य मंत्री लाखन सिंह राजपूत भी मौजूद रहेंगे.

बाइट/ राम शब्द जैसवारा, अपर निदेशक कृषि उत्तर प्रदेश



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