लखनऊ : राजधानी के सरकारी सहयता प्राप्त विद्यालय के एक शिक्षक की काली करतूत सामने आई है. इस शिक्षक ने बेरोजगारों को अपने स्कूल में नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों रुपये ऐंठ लिए. जिला विद्यालय निरीक्षक के स्तर पर की गई जांच में इसका खुलासा हुआ है. स्कूल प्रबंधक को दोषी पाए गए शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश जारी किए गए हैं.
अग्रसेन इंटर कॉलेज का है मामला
राजधानी के चौक इलाके में अग्रसेन इंटर कॉलेज का संचालन किया जाता है. यह एक सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालय है. यहां प्रवक्ता (अर्थशास्त्र) रूपराम गौतम के खिलाफ सितम्बर 2020 में जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में शिकायत की गई थी. शिकायतकर्ताओं ने आरोप लगाए थे कि शिक्षक रूपराम गौतम ने स्कूल में एक क्लर्क और तीन चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पद खाली होने की बात कही. साथ ही सम्बद्ध प्राइमरी अनुभाग में सहायक अध्यापक के पद रिक्त होने का झांसा दिया.
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खुद को बताया प्रिंसिपल और ले ली रकम
शिकायतकर्ताओं का कहना है कि 2019 में रूपराम गौतम ने खुद को प्रिंसिपल बताया. उसने एक पत्र भी दिखाया. शिकायतकर्ता प्यारे लाल एवं कनौजी लाल से तीन लाख रुपये नियुक्ति के नाम पर लिए गए. इसी तरह, अन्य लोगों से भी नियुक्तियों के लिए लाखों रुपये ऐंठ लिए. 2019 में कोई नियुक्ति न हो पाने के कारण मामला गड़बड़ा गया. रूपराम से लोगों ने पैसे मांगना शुरू कर दिया. वह रोज टाल रहा था. ज्यादा दबाव बनाने पर उसने शिकायतकर्ताओं को चेक दे दिए, लेकिन चेक बाउंस हो गए. इस पर पैसा देने वाले लोग बिफर गए और मामला खुल गया.
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प्रबंधक को कार्रवाई करने के आदेश
जिला विद्यालय निरीक्षक डॉ. मुकेश कुमार सिंह ने अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट लिखा है कि प्रवक्ता रूपराम गौतम ने धोखाधड़ी करके पैसा कमाने के चक्कर में विद्यालय में नियुक्तियों का झांसा दिया. इससे न केवल स्कूल की छवि खराब की गई बल्कि, छात्र-छात्राओं पर भी इसका गलत असर पड़ेगा. स्कूल प्रबंधक को आरोपी शिक्षक के खिलाफ इंटरमीडिएट शिक्षा अधिनियम 1921 के तहत अनुशासनात्मक एवं विधिक कार्रवाई करने के आदेश दिए गए हैं.