लखनऊः उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन (Uttar Pradesh Power Corporation) के चेयरमैन एम.देवराज ने कड़ी कार्रवाई करते हुए आगरा विद्युत नगरीय वितरण (Agra Electricity Urban Distribution) उपखंड तृतीय में तैनात कार्यालय सहायक तृतीय ऋषिकेश झा को सेवा से बर्खास्त (Rishikesh Jha dismissed from service) कर दिया है. इसके साथ ही कार्यालय सहायक से 45 लाख 28 हजार 652 रुपए की रिकवरी करने के निर्देश दिए है.
जानकारी के मुताबिक ऋषिकेश झा (Hrishikesh Jha) 5 दिसंबर 2008 से 31 मार्च 2010 के दौरान विद्युत नगरीय वितरण उपखंड छह में तैनात थे. इस दौरान आदेशों की अवहेलना करने और जानबूझकर राजस्व संबंधी कार्य को प्रभावित करने, उनके द्वारा प्राप्त की गई सभी रसीदों के खिलाफ खंड में पूर्ण धनराशि जमा न करने, राजस्व रशीद बुक का पूर्ण रिकॉर्ड न रखने, नए संयोजन में नियम विरुद्ध कार्य कर निगम की छवि को धूमिल करने, राजस्व कार्य में घोर लापरवाही बरतने संबंधी अनियमितताओं के लिए प्रथम दृष्टया उत्तरदाई पाया गया.
प्रकरण की जांच के लिए अधीक्षण अभियंता विद्युत वितरण (Superintending Engineer Power Distribution) मंडल कमला नगर से तत्कालीन अधिशासी अभियंता विद्युत परीक्षण खंड राजीव जैन को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया था. जांच अधिकारी ने कार्यालय सहायक ऋषिकेश झा को 11 आरोपों में सही पाया. उन्होंने अपनी रिपोर्ट सौंपी कि ऋषिकेश ने खंड से कितनी रसीदें प्राप्त कीं. कितनी रसीद बुक राजस्व संग्रहकर्ता को निर्गत की. किसके द्वारा कितनी रसीद बुक प्रयोग में लाई गई. इसका कोई रिकॉर्ड अपने पास तैयार नहीं किया. इन बिलों की धनराशि रुपए 13 लाख 78 हजार 582 रुपए को खंड कार्यालय में जमा नहीं किया. ऋषिकेश झा ने 5 दिसंबर 2006 से 31 मार्च 2010 तक की गई. इन 39 रसीदों में से सात रसीदों की धनराशि नहीं पाई गई. विद्युत वितरण खंड प्रथम कमला नगर में कार्यरत रहने के दौरान 90 राजस्व रसीद बुकों के विरुद्ध अज्ञात संग्रह धनराशि का गबन किया. इसके अलावा विभिन्न कार्यों में भी उन्होंने जमकर कमाई की जिससे निगम की छवि धूमिल हुई.
उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन (Uttar Pradesh Power Corporation) के अध्यक्ष एम. देवराज ने कार्यालय सहायक ऋषिकेश झा को जांच रिपोर्ट के बाद दोषी पाते हुए सेवा से बर्खास्त कर दिया इसके अलावा सेवाकाल के दौरान उनकी तरफ से की गई गड़बड़ी को लेकर 45 लाख रुपए से ज्यादा की रिकवरी का भी सख्त निर्देश जारी किया.