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संकट में फिर घिरे आलू उत्पादक किसान, नहीं मिल पा रहा सही दाम

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Published : Feb 21, 2021, 5:01 PM IST

राजधानी में आलू की बंपर पैदावार किसानों के लिए परेशानी का सबब गई है. डिमांड कम और सप्लाई ज्यादा होने से मंडियों में एक किलो आलू 4-5 और 5-6 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बिक रहा है. आलू के दाम गिरने से किसानों में मायूसी है.

खेत में आलू
खेत में आलू

लखनऊ : बीते साल आलू के दामों में आई उछाल के बाद अधिकतर किसानों ने आलू की खेती की तरफ रुझान किया. अधिक से अधिक लोगों ने आलू की बुवाई की और यह उम्मीद जताई कि बीते साल की अपेक्षा इस साल भी आलू के दाम मुनाफे में तब्दील होंगे. लेकिन इस साल बिल्कुल इसका उलट रिजल्ट देखने को मिल रहा है. लखनऊ में आलू की बंपर पैदावार किसानों के लिए सिर का दर्द बन गई है. आलू की अधिक पैदावार होने से डिमांड कम हो गई है और सप्लाई ज्यादा होने से मंडियों में इसका भाव काफी हद तक गिर गया है. राजधानी के मंडियों में एक किलो आलू 4-5 और 5-6 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बीक रहा है. ऐसे में किसानों में मायूसी है.

आलू उत्पादक किसान संकट में
आलू के गिरते रेट से किसान परेशानमंडी में वर्तमान समय के दामों की बात करें तो 4 से 5 और 5 से 6 प्रति किलो के हिसाब से आलू बिक रहा है. फुटकर में 7 से 8 और 8 से 9 प्रति किलो के हिसाब देखा जा रहा है. आलू के घटते दाम की वजह से किसानों को बड़ा घाटा उठाना पड़ रहा है. आलू के घटते दामों को लेकर किसानों से बात की तो किसानों का कहना है कि बीते साल आलू का दाम अच्छा था, लेकिन इस बार आलू की लागत भी लौट कर नहीं आ रही है. एक बीघा खेत में करीब 45 हजार रुपये की लागत आती है. करीब 50 से 55 कुंतल आलू एक बीघे में निकलते हैं. इसके हिसाब से वर्तमान समय में 25 से 30 हजार रुपये के आलू निकल रहे हैं. 15 हजार रुपये प्रति बीघा के हिसाब से किसानों को घाटा हो रहा है. किसानों ने बताई समस्याआलू का उत्पादन करने वाले कुछ किसान ऐसे भी होते हैं, जो जमीन को ठेके पर लेकर उस में आलू का उत्पादन करते हैं. किसान यह उम्मीद करते हैं कि इससे फायदा होगा, जिसके एवज में वह प्रति बीघा के हिसाब से खेत के मालिक को पैसा देते हैं. लेकिन उन किसानों को अब दोगुना घाटा झेलना पड़ रहा है. किसानों ने बताया कि इतने घाटे के बाद उनके पास आत्महत्या करने का विकल्प दिखाई दे रहा है. किसानों का कहना है कि वह कहां से इस घाटे को पूरा करेंगे, कुछ समझ में नहीं आ रहा है.

लखनऊ : बीते साल आलू के दामों में आई उछाल के बाद अधिकतर किसानों ने आलू की खेती की तरफ रुझान किया. अधिक से अधिक लोगों ने आलू की बुवाई की और यह उम्मीद जताई कि बीते साल की अपेक्षा इस साल भी आलू के दाम मुनाफे में तब्दील होंगे. लेकिन इस साल बिल्कुल इसका उलट रिजल्ट देखने को मिल रहा है. लखनऊ में आलू की बंपर पैदावार किसानों के लिए सिर का दर्द बन गई है. आलू की अधिक पैदावार होने से डिमांड कम हो गई है और सप्लाई ज्यादा होने से मंडियों में इसका भाव काफी हद तक गिर गया है. राजधानी के मंडियों में एक किलो आलू 4-5 और 5-6 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बीक रहा है. ऐसे में किसानों में मायूसी है.

आलू उत्पादक किसान संकट में
आलू के गिरते रेट से किसान परेशानमंडी में वर्तमान समय के दामों की बात करें तो 4 से 5 और 5 से 6 प्रति किलो के हिसाब से आलू बिक रहा है. फुटकर में 7 से 8 और 8 से 9 प्रति किलो के हिसाब देखा जा रहा है. आलू के घटते दाम की वजह से किसानों को बड़ा घाटा उठाना पड़ रहा है. आलू के घटते दामों को लेकर किसानों से बात की तो किसानों का कहना है कि बीते साल आलू का दाम अच्छा था, लेकिन इस बार आलू की लागत भी लौट कर नहीं आ रही है. एक बीघा खेत में करीब 45 हजार रुपये की लागत आती है. करीब 50 से 55 कुंतल आलू एक बीघे में निकलते हैं. इसके हिसाब से वर्तमान समय में 25 से 30 हजार रुपये के आलू निकल रहे हैं. 15 हजार रुपये प्रति बीघा के हिसाब से किसानों को घाटा हो रहा है. किसानों ने बताई समस्याआलू का उत्पादन करने वाले कुछ किसान ऐसे भी होते हैं, जो जमीन को ठेके पर लेकर उस में आलू का उत्पादन करते हैं. किसान यह उम्मीद करते हैं कि इससे फायदा होगा, जिसके एवज में वह प्रति बीघा के हिसाब से खेत के मालिक को पैसा देते हैं. लेकिन उन किसानों को अब दोगुना घाटा झेलना पड़ रहा है. किसानों ने बताया कि इतने घाटे के बाद उनके पास आत्महत्या करने का विकल्प दिखाई दे रहा है. किसानों का कहना है कि वह कहां से इस घाटे को पूरा करेंगे, कुछ समझ में नहीं आ रहा है.
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