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Madhya Pradesh में सपा कांग्रेस गठबंधन लड़ेगा चुनाव, देखिए खींचतान के बाद दोनों पार्टियां का प्लान - Differences in SP and Congress

मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में सीटों के बंटवारे को लेकर सपा की टिप्पणी और कांग्रेस के पोस्टर से बढ़ी तल्खी से इंडिया गठबंधन की दीवारें हिल गई हैं. दोनों दलों के बीच खाई बढ़ी तो लोकसभा चुनाव 2024 तक राजनीतिक समीकरण बेहद अलहदा हो जाएंगे. हालांकि सपा मुखिया अखिलेश यादव और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी के बीच मंथन की बात कही जा रही है. देखें विस्तृत खबर...

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 27, 2023, 2:18 PM IST

सपा कांग्रेस गठबंधन पर सपा प्रवक्ता फखरुल हसन चांद की राय.

लखनऊ : समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच खींचतान के बाद मध्य प्रदेश में दोनों दलों के बीच बातचीत शुरू हुई है. सपा नेताओं का कहना है कि कांग्रेस की तरफ से राहुल गांधी के स्तर पर बातचीत की जाएगी. तभी कुछ हल निकल सकता है. बातचीत के संकेत अखिलेश यादव ने दिए हैं. बहरहाल महत्वपूर्ण बात यह है कि दोनों दलों की तरफ से प्रत्याशी घोषित किए जा चुके हैं. ऐसे में उम्मीदवारों के पीछे न हटने से राजनीतिक समीकरण बदल सकते हैं.

कांग्रेस सपा के बीच बिगड़ते रिश्ते.
कांग्रेस सपा के बीच बिगड़ते रिश्ते.

एमपी चुनाव में सपा को सीट न देने पर बढ़ी बात : दरअसल मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी को एक भी सीट गठबंधन के अंतर्गत नहीं दी. इससे नाराजगी शुरू हुई और कांग्रेस के यूपी अध्यक्ष अजय राय की तरफ से बयानबाजी शुरू कर दी गई. इसके बाद अखिलेश यादव ने पलटवार करते हुए प्रदेश अध्यक्ष को चिरकुट बता दिया था. मध्य प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ ने भी अखिलेश को लेकर बयानबाजी की. इसके बाद तल्खी और बढ़ गई. इंडिया गठबंधन में दरार बढ़ती देख कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व ने मोर्चा संभाला और अखिलेश यादव को मैसेज कराया कि वह समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन में रहना चाहते हैं. जल्द ही राहुल गांधी इस पूरे विषय में सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव से बातचीत करेंगे. अखिलेश यादव ने पिछले दिनों मीडिया से कहा था कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी की तरफ से संदेश भिजवाया गया है कि इंडिया गठबंधन के अंतर्गत समाजवादी पार्टी की भूमिका महत्वपूर्ण है. ऐसे में वह इसको लेकर बातचीत करेंगे. हालांकि अभी तक इस पर कोई सार्थक बातचीत नहीं हो पाई है.

कांग्रेस पर सपा नेता फखरुल हसन चांद की टिप्पणी.
कांग्रेस पर सपा नेता फखरुल हसन चांद की टिप्पणी.

असमंजस में कांग्रेस सपा के घोषित प्रत्याशी : मध्य प्रदेश में चुनाव मैदान में उतरे समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के तमाम प्रत्याशियों के बीत संशय बढ़ गया है. दरअसल 21 अक्टूबर से मध्य प्रदेश में नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और 30 अक्टूबर तक नामांकन किए जाएंगे. इसके बाद तीन नवंबर तक नाम वापसी होगी. चौंकाने वाली बात यह है कि दोनों दलों के तरफ से उम्मीदवार घोषित होने के बाद से नामांकन प्रक्रिया जारी है. किसी दल के प्रत्याशी पीछे हटने को तैयार नहीं है. ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि अगर दोनों दल एक दूसरे प्रत्याशियों के सामने चुनाव मैदान में डटे रहेंगे तो इसका खामियाजा करीब 35 सीटों पर कांग्रेस पार्टी को भुगतना पड़ सकता है. समाजवादी पार्टी ने 35 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं.


इंडिया गठबंधन को हो सकता है बड़ा नुकसान : समाजवादी पार्टी के कई नेताओं का कहना है कि कांग्रेस का राष्ट्रीय नेतृत्व नहीं चाहता है कि मध्य प्रदेश में समाजवादी पार्टी गठबंधन एक साथ चुनाव लड़े. भले ही उसे खामियाजा भुगतान पड़े. ऐसी स्थिति में अखिलेश यादव ने भी बीच का रास्ता अख्तियार करते हुए 35 सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए थे. अब जब कांग्रेस की तरफ से इस विषय पर कोई बातचीत नहीं की जा रही है तो मामला ठंडा बस्ते में जा रहा है, लेकिन इससे नुकसान इंडिया गठबंधन को होने वाला है.

सपा की गणित पर कांग्रेस ने फेरा पानी : मध्य प्रदेश चुनाव के दौरान समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस के नेताओं को आधा दर्जन से अधिक सीटों पर कांग्रेस को उम्मीदवार नहीं उतरने और समाजवादी पार्टी को इंडिया गठबंधन के अंतर्गत चुनाव लड़ने की बात कही थी, लेकिन कांग्रेस की तरफ से उन सीटों पर भी उम्मीदवार उतार दिए गए जिन पर अखिलेश यादव अपने संगठन से जुड़े नेताओं को चुनाव मैदान में उतरना चाहते थे. इसके बाद अखिलेश यादव ने भी अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए और दोनों तरफ से उम्मीदवार आमने-सामने आ चुके हैं. अब कोई दल पीछे हटने को तैयार नहीं है.

यह भी पढ़ें : Madhya Pradesh Election में भाजपा के इस नेता के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे दुराचार के आरोपी मिर्ची बाबा, देखें अखिलेश यादव का ट्वीट

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सपा कांग्रेस गठबंधन पर सपा प्रवक्ता फखरुल हसन चांद की राय.

लखनऊ : समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच खींचतान के बाद मध्य प्रदेश में दोनों दलों के बीच बातचीत शुरू हुई है. सपा नेताओं का कहना है कि कांग्रेस की तरफ से राहुल गांधी के स्तर पर बातचीत की जाएगी. तभी कुछ हल निकल सकता है. बातचीत के संकेत अखिलेश यादव ने दिए हैं. बहरहाल महत्वपूर्ण बात यह है कि दोनों दलों की तरफ से प्रत्याशी घोषित किए जा चुके हैं. ऐसे में उम्मीदवारों के पीछे न हटने से राजनीतिक समीकरण बदल सकते हैं.

कांग्रेस सपा के बीच बिगड़ते रिश्ते.
कांग्रेस सपा के बीच बिगड़ते रिश्ते.

एमपी चुनाव में सपा को सीट न देने पर बढ़ी बात : दरअसल मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी को एक भी सीट गठबंधन के अंतर्गत नहीं दी. इससे नाराजगी शुरू हुई और कांग्रेस के यूपी अध्यक्ष अजय राय की तरफ से बयानबाजी शुरू कर दी गई. इसके बाद अखिलेश यादव ने पलटवार करते हुए प्रदेश अध्यक्ष को चिरकुट बता दिया था. मध्य प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ ने भी अखिलेश को लेकर बयानबाजी की. इसके बाद तल्खी और बढ़ गई. इंडिया गठबंधन में दरार बढ़ती देख कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व ने मोर्चा संभाला और अखिलेश यादव को मैसेज कराया कि वह समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन में रहना चाहते हैं. जल्द ही राहुल गांधी इस पूरे विषय में सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव से बातचीत करेंगे. अखिलेश यादव ने पिछले दिनों मीडिया से कहा था कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी की तरफ से संदेश भिजवाया गया है कि इंडिया गठबंधन के अंतर्गत समाजवादी पार्टी की भूमिका महत्वपूर्ण है. ऐसे में वह इसको लेकर बातचीत करेंगे. हालांकि अभी तक इस पर कोई सार्थक बातचीत नहीं हो पाई है.

कांग्रेस पर सपा नेता फखरुल हसन चांद की टिप्पणी.
कांग्रेस पर सपा नेता फखरुल हसन चांद की टिप्पणी.

असमंजस में कांग्रेस सपा के घोषित प्रत्याशी : मध्य प्रदेश में चुनाव मैदान में उतरे समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के तमाम प्रत्याशियों के बीत संशय बढ़ गया है. दरअसल 21 अक्टूबर से मध्य प्रदेश में नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और 30 अक्टूबर तक नामांकन किए जाएंगे. इसके बाद तीन नवंबर तक नाम वापसी होगी. चौंकाने वाली बात यह है कि दोनों दलों के तरफ से उम्मीदवार घोषित होने के बाद से नामांकन प्रक्रिया जारी है. किसी दल के प्रत्याशी पीछे हटने को तैयार नहीं है. ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि अगर दोनों दल एक दूसरे प्रत्याशियों के सामने चुनाव मैदान में डटे रहेंगे तो इसका खामियाजा करीब 35 सीटों पर कांग्रेस पार्टी को भुगतना पड़ सकता है. समाजवादी पार्टी ने 35 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं.


इंडिया गठबंधन को हो सकता है बड़ा नुकसान : समाजवादी पार्टी के कई नेताओं का कहना है कि कांग्रेस का राष्ट्रीय नेतृत्व नहीं चाहता है कि मध्य प्रदेश में समाजवादी पार्टी गठबंधन एक साथ चुनाव लड़े. भले ही उसे खामियाजा भुगतान पड़े. ऐसी स्थिति में अखिलेश यादव ने भी बीच का रास्ता अख्तियार करते हुए 35 सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए थे. अब जब कांग्रेस की तरफ से इस विषय पर कोई बातचीत नहीं की जा रही है तो मामला ठंडा बस्ते में जा रहा है, लेकिन इससे नुकसान इंडिया गठबंधन को होने वाला है.

सपा की गणित पर कांग्रेस ने फेरा पानी : मध्य प्रदेश चुनाव के दौरान समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस के नेताओं को आधा दर्जन से अधिक सीटों पर कांग्रेस को उम्मीदवार नहीं उतरने और समाजवादी पार्टी को इंडिया गठबंधन के अंतर्गत चुनाव लड़ने की बात कही थी, लेकिन कांग्रेस की तरफ से उन सीटों पर भी उम्मीदवार उतार दिए गए जिन पर अखिलेश यादव अपने संगठन से जुड़े नेताओं को चुनाव मैदान में उतरना चाहते थे. इसके बाद अखिलेश यादव ने भी अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए और दोनों तरफ से उम्मीदवार आमने-सामने आ चुके हैं. अब कोई दल पीछे हटने को तैयार नहीं है.

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