लखनऊः राजधानी में एक तत्कालीन मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट से बदसलूकी के चार साल पुराने मामले में अधिवक्ता अभिषेक कुमार सिंह और एतमाद हसन इदरीसी को शुक्रवार की सुबह सिविल कोर्ट खुलने से पूर्व ही विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सुनील कुमार के सामने पेश किया गया. जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया.
साल 2017 के इस मामले में दोनों अधिवक्ताओं को वजीरगंज पुलिस ने 9 दिसम्बर को गिरफ्तार किया था. जिसके बाद उनका न्यायिक रिमांड स्वीकृत करते हुए, वकीलों की ओर से दी गई जमानत अर्जियों को मजिस्ट्रेट ने खारिज कर दिया. जमानत अर्जी खारिज होने के उपरांत सत्र न्यायालय के सामने अलग-अलग अर्जियां पेश की गईं. जिस पर प्रभारी सत्र न्यायाधीश मीना श्रीवास्तव ने आगामी 14 दिसम्बर को सुनवाई करने का आदेश दिया है. इस मामले की रिपोर्ट तत्कालीन महिला मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा 25 मार्च 2017 को वजीरगंज थाने पर दर्ज कराते हुए, अनुराग त्रिवेदी और सैफी मिर्जा को नामजद किया गया था. इसके साथ ही 20-25 अन्य वकीलों को भी आरोपित किया था.
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एफआईआर में उन्होंने कहा था कि जब वह जिला न्यायाधीश के चेम्बर से मीटिंग करके अपने विश्राम कक्ष की ओर आ रही थीं. तभी इन वकीलों ने उन्हें रोककर गाली-गलौज की और अभद्रता करते हुए अपमानित किया. वजीरगंज पुलिस ने इस मामले में अनुराग त्रिवेदी और सैफी मिर्जा के खिलाफ 24 मई 2017 को न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया था. जिस पर 25 मई 2017 को संज्ञान लिया गया था. पुलिस ने अन्य अज्ञात 20-25 वकीलों के खिलाफ विवेचना प्रचलित रखी थी. उल्लेखनीय है कि उच्च न्यायालय द्वारा इस मामले में सख्ती बरतने के बाद इन दोनों अधिवक्ताओं की गिरफ्तारी पुलिस द्वारा की गई है.
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