लखनऊ : देश के प्रतिष्ठित मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट आईआईएम में प्रवेश के लिए आगामी 26 नवंबर को कैट परीक्षा का आयोजन होने जा रहा है. ऐसे में परीक्षा से एक महीने पहले अपनी तैयारी को अंतिम तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों को लॉजिकल रीजनिंग जैसे सब्जेक्ट पर काफी अधिक फोकस करना होगा. विशेषज्ञों का कहना है कि आईआईएम में प्रवेश के लिए आयोजित होने वाले कॉमन एडमिशन टेस्ट की तैयारी का पहला पड़ाव यही है कि अभ्यर्थियों को अपना पूरा सिलेबस अच्छे से समझना होगा. अंतिम समय में व्यापक अध्ययन योजना बनाकर तैयारी करनी होगी. ऐसे में अब व्यक्तियों को यह जानने का मौका मिलेगा कि उन्होंने किन विषयों को कर कर लिया है और किस कर करने की आवश्यकता है. विशेषज्ञों का कहना है कि प्राइवेट ढंग से तैयारी करने से अपने स्कोर को और बेहतर किया जा सकता है.
लॉजिकल रीजनिंग और डाटा इंटरप्रिटेशन को बेहतर से समझना होगा
कॉमन एडमिशन टेस्ट (CAT) के विशेषज्ञ डॉ. विशाल सक्सेना का कहना है कि आखिरी एक महीने में इस परीक्षा में बेहतर सफलता प्राप्त करने के लिए अभ्यर्थियों को सबसे पहले मौखिक की क्षमता और पढ़ने की समझ पर फोकस करना होगा. लॉजिकल रीजनिंग को समझने के लिए कैंडिडेट को इन सवलो को हल करने के ट्रिक को समझना होगा. जिससे प्रश्नों की गहराई में जाएं और आसानी से उसे कैलकुलेट करके उसका सही उत्तर दे सकें. क्योंकि कई बार कैट परीक्षा में लॉजिकल रीजनिंग के सवालों को काफी घुमाकर पूछा जाता है. ऐसे में अभ्यर्थी जल्दबाजी में सवाल का सही अनुमान लगाए बिना जवाब दे देते हैं. अभ्यर्थियों को विकल्प चुनने या पेपर शुरू करने से पहले उसमें दिए गए सभी निर्देशों को ठीक से पढ़ने चाहिए. इसके बाद पूरे प्रश्न पत्र को ध्यान से देखें किसी प्रश्न में अगर अधिक समय लगने का आभास हो तो उसे समय को छोड़ दें और उसे सबसे अंत में हल करें. अभ्यर्थियों को इस परीक्षा की तैयारी के लिए सबसे पहले यह देखना चाहिए कि आसानी से किस टॉपिक को तैयार कर सकता है उसके हिसाब से अपने पूरे टाइम टेबल को सेट करें. उसे हिसाब से एग्जाम लिखने की प्रैक्टिस और रिवीजन के लिए भी समय.
किसी भी नए टॉपिक को पढ़ने से बचें
डॉ. विशाल सक्सेना ने बताया कि कैट जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता के लिए अंतिम समय में अभ्यर्थियों को किसी भी नए टॉपिक की तैयारी नहीं करनी चाहिए. किसी भी नेता टॉपिक को पढ़ने में सिर्फ कन्फ्यूजन की स्थिति बनेगी जिससे आखिरी समय में केवल तनाव बढ़ेगा ऐसे में परीक्षा की तैयारी पर भी असर पड़ेगा. इसके अलावा पहले से पढ़े गए सभी टॉपिक को उनकी इंपॉर्टेंस के अनुसार तैयार करें जिससे सभी सिलेबस को एग्जाम से पहले एक बार रिवाइज़ कर सके. इसके अलावा अभ्यर्थियों की जिस टॉपिक पर अच्छी पकड़ है. उससे संबंधित बीते वर्षों के दौरान पूछे गए सवालों को कम समय में हल करने का प्रेक्टिस करें साथ ही मॉक टेस्ट दे जिससे अभ्यर्थी को अपनी तैयारी की सही स्थिति पता लगेगी.
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