लखनऊ: मिशन शक्ति के तहत उत्तर प्रदेश में चलाए जा रहे अभियान के तहत महिलाओं के साथ अपराध करने वालों को कठोर सजा देने के लिए सरकार लगातार प्रयासरत है. आरोपियों को सजा दिलाने के लिए अभियोजन विभाग को भी इस अभियान से जोड़ा गया है. इस अभियान के तहत पूरे उत्तर प्रदेश में अभियोजन विभाग आरोपियों को सजा दिला रहा है, लेकिन उत्तर प्रदेश के 22 जिलों के अभियोजन अधिकारियों के अभियान में सक्रियता न दिखाने पर एडीजी अभियोजन आशुतोष पांडेय ने एक रिपोर्ट गृह विभाग को भेजी है. रिपोर्ट में एडीजी ने 22 जिलों के प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों के अभियान में रुचि न लेने की बात कहते हुए नाराजगी जताई है. एडीजी की रिपोर्ट के आधार पर गृह विभाग मिशन शक्ति अभियान में रुचि न लेने वाले अधिकारियों से जवाब तलब कर सकता है.
इन जिलों का है जिक्र
एडीजी अभियोजन ने शक्ति मिशन में रुचि न लेने वाले भदोही, मऊ, कौशांबी, शामली, प्रयागराज, गौतमबुध नगर, बुलंदशहर, रायबरेली, सीतापुर, ललितपुर, झांसी, जालौन, इटावा, कानपुर देहात, बलरामपुर, बहराइच, श्रावस्ती, गोंडा, कुशीनगर, देवरिया, एटा, अलीगढ़ जिलों के अभियोजन अधिकारियों को लेकर नाराजगी जाहिर की है.
महिलाओं को उपलब्ध करानी है सुरक्षा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों के तहत उत्तर प्रदेश में मिशन शक्ति चलाया जा रहा है. इस अभियान के तहत महिलाओं को सुरक्षा उपलब्ध कराई जानी है. दूसरी ओर महिलाओं के साथ अपराध करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करनी है. इस अभियान के तहत अभियोजन विभाग को भी जिम्मेदारी दी गई है कि आरोपियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए. बीते दिनों अभियोजन विभाग ने अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 24 घंटे में 23 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा दिलवाने में कामयाबी हासिल की थी. बड़े पैमाने पर महिलाओं के साथ अपराध करने वाले आरोपियों की जमानत खारिज करवाई गई है.
इतने अपराधियों को मिली सजा
अपनी रिपोर्ट में एडीजी अभियोजन आशुतोष पांडेय ने जानकारी उपलब्ध कराई है कि मिशन शक्ति के तहत उत्तर प्रदेश महिलाओं के साथ अपराध करने वाले 600 आरोपियों की जमानत कैंसिल कराई गई है. 86 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा दिलाने में अभियोजन विभाग को कामयाबी मिली है. 96 आरोपियों को 10 वर्ष से अधिक की सजा दिलाई गई है. महिलाओं के साथ अपराध करने वाले 296 आरोपियों के खिलाफ जिलाबदर की कार्रवाई की गई है. महिलाओं के साथ सामूहिक दुष्कर्म व हत्या जैसे अपराध करने वाले 18 आरोपियों को फांसी की सजा दिलाने में अभियोजन विभाग ने महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है.