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ईटीवी भारत से बोले डायल 112 के ADG असीम अरुण, यूपी में दिख रहे 'वर्दी वाले फरिश्ते'

अपर पुलिस महानिदेशक (डायल 112) असीम अरुण ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि कोविड-19 के इस संकट के समय में उन्हें उत्तर प्रदेश में 'वर्दी वाले फरिश्ते' दिख रहे हैं. उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मियों में सेवा भाव और समर्पण देखकर उन्हें बहुत ही खुशी और संतुष्टि मिल रही है.

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डायल 112 के एडीजी असीम अरुण
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Published : Apr 16, 2020, 12:02 PM IST

लखनऊ: कोरोना वायरस से जंग में उत्तर प्रदेश के अपर पुलिस महानिदेशक (डायल 112) असीम अरुण कोरोना फाइटर बनकर सामने आए हैं. उनके मार्गदर्शन और मॉनिटरिंग में डायल 112 के अंतर्गत संचालित होने वाली पीआरवी के जवान इस समय फरिश्ते की तरह गरीब और जरूरतमंदों की सेवा में जी-जान से जुटे हुए हैं. संकट के इस समय में पुलिसकर्मियों के सेवा और समर्पण के इस भाव से काम करने की वजह से पुलिस की छवि भी बदली हुई नजर आई है.

ईटीवी भारत से बात करते डायल 112 के एडीजी असीम अरुण.
पुलिसकर्मियों में सेवा और समर्पण भाव देखकर मिल रही खुशी और संतुष्टि अपर पुलिस महानिदेशक डायल 112 असीम अरुण ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि कोविड-19 के इस संकट के समय में उन्हें उत्तर प्रदेश में 'वर्दी वाले फरिश्ते' दिख रहे हैं. उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मियों में सेवा भाव और समर्पण देखकर उन्हें बहुत ही खुशी और संतुष्टि मिल रही है, क्योंकि उन्होंने पीआरवी के जवानों के अंदर का फरिश्ता देखा है, जो हर समय लोगों की मदद लाइफ सेविंग कर रहे हैं.
एडीजी असीम अरुण ने साझा किए अनुभव असीम अरुण ने यह भी बताया कि वह किस प्रकार से इस डायल 112 की मॉनिटरिंग कर रहे हैं और लोगों की मदद करके कितनी खुशी उन्हें मिल रही है. इसको लेकर उन्होंने अपने अनुभव ईटीवी भारत के साथ साझा किए.

ये भी पढ़ें- भारत में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या 414, कुल 12,380 मामले

चुनौतीपूर्ण समय में चुनातियों से लड़ कर जीतना है
अनुभव बहुत चुनौतीपूर्ण है मैं यह भी कहूंगा कि बहुत ही संतुष्टि देने वाला है. जैसे चुनौती है इसका पुराना कोई अनुभव नहीं है. सरकार निर्देश देती है वैसे हम इसका पालन कर रहे हैं. मुख्यमंत्री की तरफ से यह जिम्मेदारी दी गई राशन वितरण की और हमने इसे किया. इसके बाद कमेटी किचन के माध्यम से लोगों को जिला स्तर पर मदद देने का काम रहा. इस समय हम लोगों को दवा, राशन अन्य प्रकार की आवश्यक जरूरतों की पूर्ति के लिए हम काम कर रहे हैं.

पुलिसकर्मियों के अंदर फरिश्ता
कई तरह के अनुभव इस दौरान मिले हैं. सब ने बहुत आगे बढ़कर काम किया है. हर पुलिसकर्मी के अंदर का जो फरिश्ता है वह जागृत होता हुआ दिख रहा है. मैं कह रहा हूं ऐसा नहीं है सड़क पर यह लोग आगे बढ़कर मदद कर रहे हैं. ऐसे सभी को बधाई और साथ ही यह निर्देश देना चाहता हूं और उन्हें निर्देशित करना चाह रहा हूं. इसी प्रकार काम करना है अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखना है. सही से लेना सारी चीजों का ध्यान देना है.

ये भी पढ़ें- प्रदेश में हॉट स्पॉट सेंटर बना आगरा: 19 नए कोरोना संक्रमित मिले, ब्लड बैंक सील

देखने को मिल रही इंसानियत की मिसाल
एडीजी असीम अरुण ने पुलिस की छवि को लेकर उठे सवाल और अब बदली हुई छवि के सवाल पर कहा कि मेरा हमेशा मानना रहा है कि पुलिस को छवि सुधारने की चिंता नहीं करनी चाहिए. हमें पुलिस को सुधारने की चिंता करनी चाहिए. यह मौका ऐसा आया है कि जो प्रतिक्रिया मिल रही है. इंसानियत की मिसाल देखने को मिली है. बिना किसी प्रकार का भेदभाव नहीं हुआ है. वीआईपी को मदद की जरूरत नहीं है उन्हें मदद नहीं दी गई है और इसी को ध्यान में रखते हुए पुलिस ने काम किया है.

संकट के समय अनुभवों से सीखकर ऐसा काम रहेगा जारी
उन्होंने कहा कि संकट के इस समय हमको बहुत सारे सबक मिले हैं. हम बेहतर काम कर रहे हैं. हम एक टीम के रूप में काम किया है. एक टीम के रूप में हमने जो काम किया है सबक सीखा है इसको हम जारी रखेंगे.

ये भी पढ़ें- चीन ने भारत को दीं रैपिड एंटीबॉडी सहित 6.50 लाख टेस्टिंग किट

लोगों को दवाइयां पहुंचाने से लेकर बहुत काम किए
हम लोगों के सामने कई सारे मौके आए कैंसर पीड़ित मरीज, डायलिसिस वाले मरीज उनकी भी मदद करने के लिए हम लोग आगे आए. उनको हम गाइड करते हैं. अपना नंबर भी अलग से देते हैं. रास्ते में अगर कोई समस्या हो तो हमारी बात करा देना. हम लोगों ने बहुत सारे मरीजों को अस्पताल तक पहुंचाया. मैं समझता हूं कि यह भी एक प्रकार से life-saving है. वह कोविड-19 बीमारी से परेशान हो सकते थे. ऐसे तमाम सारे लोगों को हमने मदद पहुंचाई है. इससे बहुत बड़ी खुशी और हमें संतोष की प्राप्ति हुई है.

लखनऊ: कोरोना वायरस से जंग में उत्तर प्रदेश के अपर पुलिस महानिदेशक (डायल 112) असीम अरुण कोरोना फाइटर बनकर सामने आए हैं. उनके मार्गदर्शन और मॉनिटरिंग में डायल 112 के अंतर्गत संचालित होने वाली पीआरवी के जवान इस समय फरिश्ते की तरह गरीब और जरूरतमंदों की सेवा में जी-जान से जुटे हुए हैं. संकट के इस समय में पुलिसकर्मियों के सेवा और समर्पण के इस भाव से काम करने की वजह से पुलिस की छवि भी बदली हुई नजर आई है.

ईटीवी भारत से बात करते डायल 112 के एडीजी असीम अरुण.
पुलिसकर्मियों में सेवा और समर्पण भाव देखकर मिल रही खुशी और संतुष्टि अपर पुलिस महानिदेशक डायल 112 असीम अरुण ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि कोविड-19 के इस संकट के समय में उन्हें उत्तर प्रदेश में 'वर्दी वाले फरिश्ते' दिख रहे हैं. उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मियों में सेवा भाव और समर्पण देखकर उन्हें बहुत ही खुशी और संतुष्टि मिल रही है, क्योंकि उन्होंने पीआरवी के जवानों के अंदर का फरिश्ता देखा है, जो हर समय लोगों की मदद लाइफ सेविंग कर रहे हैं.एडीजी असीम अरुण ने साझा किए अनुभव असीम अरुण ने यह भी बताया कि वह किस प्रकार से इस डायल 112 की मॉनिटरिंग कर रहे हैं और लोगों की मदद करके कितनी खुशी उन्हें मिल रही है. इसको लेकर उन्होंने अपने अनुभव ईटीवी भारत के साथ साझा किए.

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चुनौतीपूर्ण समय में चुनातियों से लड़ कर जीतना है
अनुभव बहुत चुनौतीपूर्ण है मैं यह भी कहूंगा कि बहुत ही संतुष्टि देने वाला है. जैसे चुनौती है इसका पुराना कोई अनुभव नहीं है. सरकार निर्देश देती है वैसे हम इसका पालन कर रहे हैं. मुख्यमंत्री की तरफ से यह जिम्मेदारी दी गई राशन वितरण की और हमने इसे किया. इसके बाद कमेटी किचन के माध्यम से लोगों को जिला स्तर पर मदद देने का काम रहा. इस समय हम लोगों को दवा, राशन अन्य प्रकार की आवश्यक जरूरतों की पूर्ति के लिए हम काम कर रहे हैं.

पुलिसकर्मियों के अंदर फरिश्ता
कई तरह के अनुभव इस दौरान मिले हैं. सब ने बहुत आगे बढ़कर काम किया है. हर पुलिसकर्मी के अंदर का जो फरिश्ता है वह जागृत होता हुआ दिख रहा है. मैं कह रहा हूं ऐसा नहीं है सड़क पर यह लोग आगे बढ़कर मदद कर रहे हैं. ऐसे सभी को बधाई और साथ ही यह निर्देश देना चाहता हूं और उन्हें निर्देशित करना चाह रहा हूं. इसी प्रकार काम करना है अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखना है. सही से लेना सारी चीजों का ध्यान देना है.

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देखने को मिल रही इंसानियत की मिसाल
एडीजी असीम अरुण ने पुलिस की छवि को लेकर उठे सवाल और अब बदली हुई छवि के सवाल पर कहा कि मेरा हमेशा मानना रहा है कि पुलिस को छवि सुधारने की चिंता नहीं करनी चाहिए. हमें पुलिस को सुधारने की चिंता करनी चाहिए. यह मौका ऐसा आया है कि जो प्रतिक्रिया मिल रही है. इंसानियत की मिसाल देखने को मिली है. बिना किसी प्रकार का भेदभाव नहीं हुआ है. वीआईपी को मदद की जरूरत नहीं है उन्हें मदद नहीं दी गई है और इसी को ध्यान में रखते हुए पुलिस ने काम किया है.

संकट के समय अनुभवों से सीखकर ऐसा काम रहेगा जारी
उन्होंने कहा कि संकट के इस समय हमको बहुत सारे सबक मिले हैं. हम बेहतर काम कर रहे हैं. हम एक टीम के रूप में काम किया है. एक टीम के रूप में हमने जो काम किया है सबक सीखा है इसको हम जारी रखेंगे.

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लोगों को दवाइयां पहुंचाने से लेकर बहुत काम किए
हम लोगों के सामने कई सारे मौके आए कैंसर पीड़ित मरीज, डायलिसिस वाले मरीज उनकी भी मदद करने के लिए हम लोग आगे आए. उनको हम गाइड करते हैं. अपना नंबर भी अलग से देते हैं. रास्ते में अगर कोई समस्या हो तो हमारी बात करा देना. हम लोगों ने बहुत सारे मरीजों को अस्पताल तक पहुंचाया. मैं समझता हूं कि यह भी एक प्रकार से life-saving है. वह कोविड-19 बीमारी से परेशान हो सकते थे. ऐसे तमाम सारे लोगों को हमने मदद पहुंचाई है. इससे बहुत बड़ी खुशी और हमें संतोष की प्राप्ति हुई है.

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